शहर में कोरोना: प्रशासन ने वर्धमान हॉस्पिटल किया सील
मुजफ्फरनगर। जनपद में लगातार अब जो स्थिति आकलन की जा रही थी। कोरोना को लेकर वो सामने आने लगी है। अब शहर में कोरोना तेजी के साथ बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। अभी तक जिले में कोरोना से जहां तीन लोगों की मृत्यु हो गयी है वहीं, आज एक ओर कोरोना का मरीज शहर के बीचोबीच सुथराशाही मौहल्ले में मिला है
इसके बाद यह मरीज जहां जहां गया था उसकी कान्टेक्ट चैन प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग बना रहा है। सबसे पहले इसकी कान्टेक्ट चैन में प्रसिद्ध चिकित्सक डा. मुकेश जैन का वर्धमान हास्पिटल चपेट में आया है। बताया जाता है कि कोरोना का यह मरीज डा. मुकेश जैन के नर्सिग होम में इलाज कराने आया था और इसकी आपरेशन सर्जरी होनी थी।
बाद में कोरोना का टैस्ट कराये जाने की गाइडलाइन के चलते यह युवक कोरोना पाजिटीव आ गया। जिले के प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने आनन फानन में प्रसिद्ध चिकित्सक डा. मुकेश जैन के जानसठ रोड स्थित के नये वर्धमान हास्पिटल को 48 घंटे के लिए बंद करा दिया है
क्योंकि इस मरीज का आवागमन यहां उपचार हेतु रहा है। अगले 48 घंटे में वर्धमान हास्पिटल को सैनैटाइज कराया जायेगा। बताया जाता है कि शहर में मिला एक कोविड मरीज मुजफ्फरनगर के इसी अस्पताल में सर्जरी कराने आया था
जिसे सर्जरी कराने से पूर्व कोविड-19 की गाइडलाइन के चलते कोरोना का टैस्ट कराने के लिए कहा गया। जिसके बाद आज उसकी रिपोर्ट आयी तो डा. मुकेश जैन का यह मरीज कोरोना पैसेंट निकला।
रिपोर्ट आते ही प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने डा. मुकेश जैन द्वारा संचालित वर्धमान हास्पिटल को सैनेटाइज कराने के लिए 48 घंटे के लिए बंद करा दिया। बता दे कि डा. मुकेश जैन का वर्धमान हास्पिटल उत्तर भारत का हड्डी रोग व सर्जरी का जाना माना अस्पताल है
और यहां देश विदेश से काफी मरीज आते है ऐसा पहली बार हो रहा है कि कोरोना के चलते यह बड़ा अस्पताल 48 घंटे के लिए बंद किया जा रहा है। वहीं कोरोना ने शहर में इस कदर तेजी मचा रखी है कि वह आम नागरिकों के साथ-साथ जिले के सरकारी, गैर सरकारी चिकित्सालयों को भी अपनी जकड में ले रहा है।
सबसे पहले सरकारी अस्पताल में कोरोना का एक पाजिटीव केस मिला था। जिसके बाद आसपास का इलाका सील किया गया था। इसके बाद शहर की एक कोरोना पाजिटीव महिला द्वारा शहर के तीन चिकित्सकों के यहां उपचार व इलाज हेतु सम्पर्क करने पर उन तीन चिकित्सकों को भी होम क्वारटाइन कर अस्पताल को बंद करा दिया गया था।
इसमे शहर के प्रमुख चिकित्सक व पूर्व सीएमएस डा. एमएल गर्ग का नाथ क्लीनिक महावीर चौक, बाल रोग विशेषज्ञ डा. हेमन्त का सदर बाजार स्थित क्लीनिक व भगतसिंह रोड स्थित डा. अरूण अरोरा का क्लीनिक शामिल है जिनको कोरोना मरीजों की दस्तक के कारण 72 घंटे के लिए बंद किया गया था और डाक्टरों को होम क्वारटाइन का आदेश 14 दिन के लिए दिया गया था।
यही नहीं इन तीन चिकित्सकों पर तो पुलिस प्रशासन की कार्रवाई की तलवार भी लटक गयी थी। जिलाधिकारी के आदेश पर मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय की ओर से भी तीनों चिकित्सकों पर शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था जो बाद में प्रशासन व चिकित्सकों की सहमति के बाद वापस लिये जाने का निर्णय लिया गया था।
बता दे कि शहर में अब लगातार केस मिल रहे है और अब नागरिकों को बेहद सावधानी बरतने की आवश्यकता है और शहर के उन इलाकों में केस मिले है जहां पर घनी आबादी है जिस तरह से गहरा बाग, दाल मंडी व सुथराशाही के सक्रिय इलाकों में कोरोना के केस सामने आये है यह अपने आप में बहुत बड़ा खतरा है माना जा रहा है कि मुजफ्फरनगर में अब सामुदायिक संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है।