सिखेड़ा थाना पुलिस बड़ी घटनाओं के खुलासे में नाकाम हो रही साबित
मुजफ्फरनगर (सूत्र)। सिखेड़ा पुलिस बड़ी घटनाओं के खुलासे में पूरी तरह से विफल है। थाना क्षेत्र में हुई दो हत्याओं के मामले करीब तीन व डेढ़ माह से लंबित हैं, जिनमें पुलिस हत्या की वजह तक भी नहीं पहुंच पाई है।
वहीं, पुलिस पुलिस इंस्पेक्टर ने गैर जिम्मेदरानाबयान देते हुए कहा कि कोई बकरी चोरी नहीं कि यूं ही खुल जाए। हत्या है, अपने समय पर खुलेगी।
थाना क्षेत्र के गांव धंधेड़ा निवासी दानिश 29 सितंबर को संदिग्ध हालात में लापता हो गया था। उसकी लाश उसी रात गांव के जंगल में एक खेत में मिली थी, जिसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि हुई थी।
परिजनों ने अज्ञात के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वारदात को करीब तीन माह का समय बीतने के बावजूद अब तक पुलिस हत्या का खुलासा करना तो दूर, उसकी वजह तक भी नहीं पहुंच सकी है।
इसी तर्ज पर करीब डेढ़ माह पूर्व हुई सोनू पाल की हत्या में भी पुलिस पूरी तरह से फेल रही है। भोपा क्षेत्र के गांव गादला निवासी सोनू पाल का शव 22 नवंबर को क्षेत्र की चित्तोड़ा झाल में पड़ा मिला था।
सोनू 18 नवंबर से लापता था, जिसके परिजनों ने भोपा थाने में उसकी गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी। मामले में परिजनों द्वारा सिखेड़ा थाने में अज्ञात के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस डेढ़ माह बाद भी सोनू के कातिलों तक नहीं पहुंच पाई है।
सिखेड़ा थाना प्रभारी एसआई रामबीर सिंह का असंवेदनशीलता दिखाते हुए कहना है कि ये हत्याएं हैं, कोई बकरी चोरी थोड़े ही ना है कि यूं ही खुल जाएंगी। समय आने पर खुलासे किए जाएंगे।