Muzaffarnagar: ड्रोन नहीं, निकले ‘जासूस कबूतर’ : लाल-हरी लाइट बांधकर फैलाई गई दहशत, पुलिस ने किया चौंकाने वाला खुलासा
उत्तर प्रदेश के Muzaffarnagar जिले के ककरौली थाना क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने हर किसी को चौंका कर रख दिया है। ड्रोन की अफवाह और लोगों में फैली दहशत के पीछे की हकीकत जब सामने आई, तो वो किसी फिल्मी साजिश से कम नहीं थी। पुलिस ने जब तथाकथित ‘ड्रोन’ को आसमान में देखा और पीछा किया, तो उनके हाथ एक कबूतर लगा — लेकिन यह कोई आम कबूतर नहीं था। इस कबूतर के गले और पैरों में लाल और हरी LED लाइटें बंधी हुई थीं, जिसे देखकर दूर से देखने वाले लोग इसे ड्रोन समझ बैठे थे।
🔦 कबूतरबाजों की चालबाज़ी: कैसे बनी ड्रोन की अफवाह?
ककरौली थाना क्षेत्र के जटवाड़ा गांव के रहने वाले सुएब और साकिब, दोनों पेशे से कबूतरबाज हैं। इन्होंने मिलकर एक ऐसी योजना बनाई जिससे इलाके में दहशत का माहौल बना सकें। दोनों ने कबूतरों के गले और पैरों में चमकदार लाल और हरी LED लाइटें बांधी, और रात के अंधेरे में उन्हें उड़ाना शुरू कर दिया। ऊपर आसमान में उड़ती लाइट्स को देखकर ग्रामीणों को लगा कि ये कोई खुफिया ड्रोन है।
पुलिस को जैसे ही ड्रोन के उड़ने की सूचना मिली, उन्होंने सक्रियता दिखाते हुए ड्रोन का पीछा किया। लेकिन जब उन्होंने उसे जमीन पर उतारा, तब यह जानकर हैरानी हुई कि वह एक कबूतर था, न कि कोई तकनीकी यंत्र।
#Muzaffarnagar 2 कबूतरबाजों ने कबूतरों को “#Drone” बनाकर उड़ा दिया रात के अंधेरे में कबूतरों के पंजों में लाल, हरी लाइट बांधकर वह उन्हें आसमान में उड़ा देते थे पुलिस और इलाके के लोग कबूतरों को ड्रोन समझकर रात के अंधेरे में घंटों भटकते रहते थे पूरी तरकीब इस वीडियो में देखें pic.twitter.com/h3Mo1uddcQ
— News & Features Network (@newsnetmzn) July 30, 2025
🔍 दिल्ली से आई लाइटें, कबूतर बना ‘फ्लाइंग डर’ का हिस्सा
एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने मीडिया को बताया कि यह सब सोची-समझी साजिश थी। साकिब ने कबूतरों को चमकाने के लिए दिल्ली से स्पेशल लाइटें मंगवाई थीं, जिन्हें बाद में कबूतरों के साथ बांधकर उड़ाया गया। पूछताछ में सुएब ने पुलिस को बताया कि साकिब ही इस योजना का मास्टरमाइंड था और उसने ही उसे लाइट्स उपलब्ध कराई थीं।
🕵️♂️ पुलिस की कार्रवाई: कबूतरों समेत आरोपी गिरफ्तार, साजिश का हुआ पर्दाफाश
ककरौली पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके पास से दो कबूतर, एक पिंजरा और तीन लाल-हरी लाइटें बरामद की गई हैं। वहीं साकिब के घर से एक और कबूतर बरामद किया गया, जिसे अगली रात उड़ाया जाना था।
एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत ने बताया कि यह पूरी कार्रवाई लोगों की सुरक्षा और इलाके में डर के माहौल को खत्म करने के लिए की गई है। एसएसपी वर्मा ने इस मुस्तैद कार्रवाई के लिए पुलिस टीम को ₹20,000 का इनाम देने की घोषणा भी की है।
🚨 समाज में डर और भ्रम फैलाने की चाल: क्या है इसके पीछे की मानसिकता?
इस तरह की हरकतें न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि सामाजिक शांति के लिए भी खतरा हैं। पुलिस का मानना है कि आरोपियों ने जानबूझकर लोगों में ड्रोन से संबंधित भ्रम और डर फैलाने की कोशिश की, ताकि किसी बड़े आयोजन या संदिग्ध गतिविधियों के पीछे पर्दा डाला जा सके। यह भी आशंका जताई जा रही है कि ऐसे कबूतरों का इस्तेमाल किसी जासूसी नेटवर्क का हिस्सा बनाने के लिए भी हो सकता है, हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हुई है।
🔐 SSP की अपील: ड्रोन जैसी किसी भी संदिग्ध चीज की तुरंत जानकारी दें
एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने जनता से अपील करते हुए कहा कि इस तरह की अफवाहें फैलाने से बचें। अगर कहीं भी किसी को कोई संदिग्ध ड्रोन या कोई भी उड़ती वस्तु नजर आती है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। किसी भी ड्रोन को पुलिस की अनुमति के बिना उड़ाना अब अपराध की श्रेणी में आता है।
🛑 Drone Scare से जुड़े अन्य मामले: कबूतरों और ड्रोन का कनेक्शन
भारत में इससे पहले भी कबूतरों को लेकर कई बार शक की निगाहें उठ चुकी हैं। कभी पाकिस्तान बॉर्डर से कबूतर पकड़ने की खबरें आईं, तो कभी कबूतरों के शरीर पर लिखे संदेशों से हड़कंप मच गया। हाल ही में कई सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन के जरिए हथियार और नशीले पदार्थ गिराए जाने की खबरें भी सामने आई हैं। ऐसे में कबूतरों का उपयोग करके दहशत फैलाने की यह नई ट्रिक पुलिस के लिए एक नया सिरदर्द बन सकती है।
👁️ कबूतर ड्रोन स्कैम: क्या आगे भी हो सकती हैं ऐसी घटनाएं?
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में तकनीक का दुरुपयोग बढ़ सकता है, और इसी में कबूतर जैसे बेजुबान जीवों का इस्तेमाल करके भ्रम फैलाया जा सकता है। पुलिस और खुफिया एजेंसियों को सतर्क रहने की जरूरत है, खासकर ऐसे मामलों में जहां आम जनता को चौंकाने के लिए ‘टेक्नोलॉजी और ट्रिक’ का मिलाजुला खेल खेला जा रहा हो।
📢 पुलिस और जनता की साझेदारी से ही रुकेंगी फर्जी उड़ाने
ककरौली जैसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि अपराधी अब पारंपरिक तरीके से अलग हटकर नये तरीके अपनाने लगे हैं। ऐसी हरकतों से न केवल जनता में भय का माहौल बनता है, बल्कि पुलिस की रिसोर्स पर भी अनावश्यक दबाव पड़ता है। ऐसे में पुलिस को न केवल तकनीकी रूप से सशक्त होने की जरूरत है, बल्कि जनता को भी सतर्क और जागरूक रहने की जिम्मेदारी है।