Farrukhabad: आजीवन कारावास की सजा काट रहे वृद्ध की रहस्यमय मौत, जानिए पूरी कहानी
उत्तर प्रदेश के Farrukhabad जिले में एक रहस्यमय मौत की घटना सामने आई है। सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 70 वर्षीय नन्हे की मृत्यु हो गई। यह घटना बुधवार को घटी, जब नन्हे का स्वास्थ्य अचानक बिगड़ गया और उन्हें इलाज के लिए लोहिया अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
यह घटना और इससे जुड़े पहलुओं पर जब तहकीकात की गई तो पता चला कि नन्हे का जीवन एक जटिल कहानी से जुड़ा हुआ था, जिसमें एक हत्या के मामले में उनकी सजा से लेकर जेल में बिताए गए वर्षों की पूरी कहानी छिपी हुई है। नन्हे की मौत के पीछे क्या सच्चाई है, यह सवाल अब लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
नन्हे की सजा और हत्या के मामले की शुरुआत
नन्हे, जिनका पूरा नाम अब तक सामने नहीं आया है, हरदोई जिले के बिलग्राम थाना क्षेत्र के कुतुवापुर गांव के निवासी थे। 1985 में एक हत्या के मामले में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इस अपराध के बाद नन्हे को कई सालों तक जेल में रहना पड़ा। लेकिन कुछ महीने जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत मिल गई और वे घर वापस लौट आए। इसके बाद नन्हे ने अदालत में सुनवाई के दौरान आने वाली तारीखों पर उपस्थित होना बंद कर दिया।
साल 2018 में पुलिस ने उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया, क्योंकि उन्होंने अदालत में अपनी उपस्थिति नहीं दी थी। इसके बाद से वह लगातार जेल में सजा काट रहे थे। 70 वर्ष की उम्र में नन्हे का स्वास्थ्य धीरे-धीरे खराब होता जा रहा था।
मौत की खबर ने परिवार में मचा दी हलचल
नन्हे की पत्नी रामश्री और दत्तक पुत्र अनिल कुमार को जब उनकी मौत की खबर मिली, तो यह उनके लिए एक बड़ा सदमा था। अनिल कुमार के अनुसार, बुधवार को ही उन्होंने अपने पिता से फोन पर बात की थी। बातचीत के दौरान नन्हे ने अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई खास जानकारी नहीं दी थी और सब कुछ ठीक होने की बात कही थी।
इसलिए जब उनकी अचानक मौत की खबर आई, तो यह अनिल और उनके परिवार के लिए एक चौंकाने वाला मोड़ था। अनिल कुमार ने कहा, “हमने बहुत देर तक बात की थी, लेकिन किसी भी तरह की बीमारी की जानकारी नहीं मिली थी। अब अचानक उनकी मौत कैसे हुई, यह समझ नहीं आ रहा है।”
जेल प्रशासन का बयान
जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने नन्हे की मौत की जानकारी दी और बताया कि नन्हे को दमा की बीमारी थी। 15 नवंबर को नन्हे की तबीयत ज्यादा बिगड़ी और उन्हें जेल अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, जिसके बाद उन्हें लोहिया अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
जेल प्रशासन का कहना है कि नन्हे की मौत दमा के कारण हुई थी, लेकिन जेल में उनके स्वास्थ्य की पूरी देखभाल की जा रही थी। फिर भी, परिवार और स्थानीय लोग इस मौत को लेकर सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि नन्हे के स्वास्थ्य की स्थिति को लेकर कोई पहले से जानकारी नहीं दी गई थी।
क्या है हत्या की सजा के बाद मौत की वजह?
नन्हे की मौत के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। क्या यह मौत किसी बीमारी के कारण हुई, या फिर इसके पीछे कोई और कारण छिपा हुआ है? नन्हे की पत्नी और दत्तक पुत्र अब इस घटना की गहराई से जांच करने की मांग कर रहे हैं। जेल प्रशासन के बयान से अब तक तो यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि उनकी मौत केवल दमा के कारण हुई या फिर इसका कोई और कारण है।
हालांकि, जेल प्रशासन ने यह भी कहा कि नन्हे की मौत के कारणों की पूरी जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे सजा दी जाएगी।
क्या है आगे की प्रक्रिया?
इस मामले में अब परिवार और स्थानीय लोग जांच की मांग कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन और जेल विभाग की ओर से यह आश्वासन दिया गया है कि इस मौत के कारणों का पता लगाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। परिवार ने भी कहा है कि वे किसी भी स्थिति में इस मामले को दबने नहीं देंगे और सच्चाई सामने लाने की पूरी कोशिश करेंगे।
जेल में स्वास्थ्य समस्याओं की बढ़ती चिंता
यह घटना केवल नन्हे की मौत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जेलों में बंद कैदियों के स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर उठते सवालों को भी उजागर करती है। जेलों में कैदियों की उचित स्वास्थ्य देखभाल और सुविधाओं की कमी की खबरें अक्सर आती रहती हैं। इस घटना ने एक बार फिर से इस मुद्दे को ताजा कर दिया है, और अब यह जरूरी हो गया है कि जेलों में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार और संबंधित विभाग गंभीरता से कदम उठाएं।
नन्हे की रहस्यमय मौत ने एक बार फिर जेलों में बंद कैदियों की स्वास्थ्य समस्याओं और उनकी देखभाल के मुद्दे को सामने ला दिया है। परिवार का शोक और सवाल भी समझ में आता है, क्योंकि वे यह जानने के लिए बेहद उत्सुक हैं कि क्या नन्हे की मौत किसी बीमारी के कारण हुई या इसके पीछे कोई और कारण है। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है, और परिवार को न्याय की उम्मीद है।
यह घटना एक गंभीर संदेश देती है कि हमें अपने जेलों के स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों पर पुनर्विचार करने की जरूरत है, ताकि इस तरह के रहस्यमय मौतों से बचा जा सके।