Assam में बाढ़ के कारण हाहाकार, 500 से अधिक परिवार रेलवे ट्रैक पर रहने को मजबूर
Assam में बाढ़ के कारण हाहाकार मचा हुआ है और जमुनामुख जिले के दो गांवों के 500 से अधिक परिवार रेलवे ट्रैक पर रहने को मजबूर हैं। राज्य में बाढ़ के कारण करीब 8 लाख लोग प्रभावित हैं। दूसरी तरफ, देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी और लू के कारण लोग बेहाल रहे हैं। बीते दिनों, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया था।
शुक्रवार रात तेज हवाओं के साथ बारिश के कारण तापमान में गिरावट जरूर दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों में अधिकतम तापमान अब 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है।
Assam बाढ़ में अपना लगभग सब कुछ गंवा देने के वाले जमुनामुख जिले के चांगजुरई और पटिया पाथर गांव के लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तिरपाल के नीचे रहने को मजबूर ग्रामीणों का दावा है कि उन्हें पिछले पांच दिनों में राज्य सरकार और जिला प्रशासन से ज्यादा मदद नहीं मिली है। लोगों को खाने-पीने की चीजों की बहुत किल्लत हो रही है।
Assam बाढ़ पीड़ित नसीबुर रहमान ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए बताया, “हमें चार दिन बाद कल सरकार से मदद मिली। उन्होंने हमें थोड़ा चावल, दाल और तेल दिया। लेकिन कुछ को वह भी नहीं मिला है।” असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राज्य के 29 जिलों के 2,585 गांवों में 8 लाख से अधिक लोग प्राकृतिक आपदा की चपेट में हैं। अभी तक प्री-मानसून बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन में 14 लोगों की मौत हो चुकी है।
343 राहत शिविरों में 86,772 लोगों ने शरण ली है, जबकि अन्य 411 राहत शिविर लोगों की मदद के लिए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में सेना, अर्धसैनिक बलों के साथ-साथ राष्ट्रीय और राज्य आपदा राहत बलों ने नावों और हेलीकॉप्टरों के जरिए विभिन्न इलाकों से 21,884 लोगों को सुरक्षित निकाला है।
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