बंगाल की खाड़ी में अतिरिक्त युद्ध पोतों की तैनाती,सैन्य टकराव के लिए भारत पूरी तरह से तैयार
भारत ने चीन की तरफ वाले फॉरवर्ड एयरबेस पर अपने लड़ाकू विमानों को भेज दिया है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी में अतिरिक्त युद्ध पोतों की तैनाती की गई है। इसके जरिए नई दिल्ली ने बीजिंग को एक स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की है कि अनसुलझी सीमा पर चल रहे सैन्य टकराव के लिए वह पूरी तरह से तैयार है।
भारत की तरफ से उठाए गए ताजा कदमों में अपाचे और चिनूक हेलिकॉप्टरों की ऊंचाई वाले क्षेत्र लद्दाख में तैनाती करना शामिल है। अपाचे टैंक किलर्स हैं। यह एयर टू ग्राउंड मिसाइल और रॉकेट से लैस है। वहीं चिनूक हैवी वेट हेलिकॉप्टर्स हैं। ये हॉवित्जर तोपें और जवानों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में सक्षम हैं।
एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा, ‘चीन ने हमारे 20 सैनिकों को एक पूर्व-निर्धारित हमले (15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवां घाटी) में बेरहमी से मारकर हमारे संयम की रेखाओं को पार कर दिया है। हम किसी भी तरह के गतिरोध के खिलाफ पूरी तरह से तैयार हैं। सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं।’
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) जो किसी भी तरह से पीछे हटने के मूड में नहीं है उसने 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी सेना का निर्माण जारी रखा हुआ है। यह विशेष रूप से गलवां घाटी क्षेत्र, पेंगोंग त्सो और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र के साथ-साथ पूर्वी लद्दाख में देपसांग और चुशुल जैसे अन्य क्षेत्रों में चल रहे सैन्य टकराव स्थलों पर जारी है।
उदाहरण के लिए पीएलए सैनिकों ने पेंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर फिंगर-4 से 8 (8 किमी की दूरी पर स्थित पहाड़ी) पर दर्जनों नई किलेबंदी की है। मई की शुरुआत से वे क्षेत्र में पश्चिम से पूर्व की ओर जाने वाले सभी भारतीय गश्ती दल को रोक रहे हैं। इसी तरह की परिस्थिति गलवां और हॉट स्प्रिंग्स में भी बनी हुई है। सूत्रों का कहना है कि चीन ने तिब्बत के होतन और काशगर एयरबेस पर जे-11 और जे-8 लड़ाकू विमान के साथ-साथ लॉन्ग रेंज बॉम्बर्स की भी तैनाती की हुई है।
भारत ने फॉरवर्ड बेस पर सुखोई -30 एमकेआई, मिग -29 और जगुआर लड़ाकू विमानों को तैनात किया है। वहीं वायु सेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने बुधवार को चुपचाप लेह और श्रीनगर का दौरा किया और गुरुवार को क्षेत्र में परिचालन संबंधी तैयारियों की समीक्षा की।