Mahakumbh 2025: सीएम योगी का तैयारियों का जायजा, डिजिटल खोया पाया केंद्र से लेकर सुरक्षा तक सब कुछ होगा बेहतरीन
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 (kumbh 2025) की तैयारियों का जोरों-शोरों से किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 13 दिसंबर के प्रस्तावित दौरे से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेला स्थल पर पहुंचकर पूरी तैयारियों का जायजा लिया। इस मौके पर उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की और पुलिस कर्मियों से संवाद करते हुए महाकुंभ की सुरक्षा और संचालन में उनके योगदान की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। सीएम योगी ने संतों और साधुओं से भी मुलाकात की और उन्हें महाकुंभ में हर संभव सहायता और सुविधाएं मुहैया कराने का विश्वास दिलाया।
महाकुंभ 2025: एक नई तकनीकी और सुरक्षा दृष्टि
महाकुंभ का आयोजन हमेशा से ही दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में गिना जाता है। इस बार, प्रयागराज में हो रहे इस महाकुंभ के आयोजन में कई नये पहलू जोड़े जा रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद के नेतृत्व में इस बार के महाकुंभ को पूरी तरह से दिव्य, भव्य, और सुरक्षित बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें से एक प्रमुख पहलू है, डिजिटल खोया पाया केंद्र, जिसका उद्घाटन खुद सीएम योगी ने किया। इस सेंटर में 10 हेल्प डेस्क होंगी, जिनमें से आठ पर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया होगी, एक डेस्क पुर्नमिलन केंद्र के लिए होगी, और एक डेस्क पर सुरक्षा तैनात रहेगी।
खोया पाया केंद्र: जहां हर व्यक्ति को मिलेगी मदद
महाकुंभ मेले में खोया पाया सेंटर का प्रमुख उद्देश्य उन लोगों की मदद करना है जो अपनों से बिछड़ जाते हैं। इस बार के सेंटर में न केवल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया होगी, बल्कि एक पुर्नमिलन केंद्र भी स्थापित किया जाएगा जहां लोग अपने प्रियजनों से जल्द संपर्क कर सकेंगे। खोया पाया सेंटर में महिला, पुरुष, और बच्चों के लिए अलग-अलग कमरे होंगे। बच्चों के खेलने के लिए विशेष क्षेत्र भी तैयार किए गए हैं ताकि वे इस कठिन समय में कुछ हद तक खुश रह सकें।
अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल
महाकुंभ 2024 में पहली बार एआई-आधारित टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है, जिससे मेला प्रशासन की कार्यक्षमता और सुरक्षा व्यवस्थाओं में सुधार होगा। इसके अलावा, बहुभाषी ऐप का प्रयोग भी किया जा रहा है, जिससे अलग-अलग भाषाओं में सूचना दी जा सकेगी। यह कदम खासकर दक्षिण भारत से आने वाले श्रद्धालुओं और अन्य गैर-हिंदी भाषी लोगों के लिए उपयोगी साबित होगा।
इस बार के महाकुंभ में 10 भाषाओं में अनाउंसमेंट की व्यवस्था की गई है, जिससे मेले की सूचना और संचार को और अधिक व्यापक और सुलभ बनाया गया है। इस पहल का फायदा यह है कि अब हर व्यक्ति को अपनी भाषा में जानकारी मिलेगी, जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
सोशल मीडिया से कनेक्टेड खोया पाया केंद्र
महाकुंभ के खोया पाया केंद्रों को सोशल मीडिया से जोड़ने की भी योजना बनाई गई है। ये केंद्र फेसबुक, एक्स, और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्म्स पर सूचना साझा करेंगे ताकि अधिक से अधिक लोग बिछड़े हुए लोगों के बारे में जान सकें और उनकी सहायता कर सकें। यह तकनीकी बदलाव महाकुंभ की सुरक्षा और आपसी सहयोग को नई ऊचाई दे रहा है।
पुलिस की भूमिका और सुरक्षा के इंतजाम
महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। सीएम योगी ने पुलिस कर्मियों को संबोधित करते हुए उनकी मेहनत और कार्यक्षमता की सराहना की। उन्होंने यह भी बताया कि महाकुंभ के दौरान हर एक व्यक्ति को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने पुलिस के अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि वे हर स्थिति में सतर्क और सजग रहें और कोई भी अप्रिय घटना न हो, इसका पूरा ध्यान रखें।
साधु संतों का सहयोग
महाकुंभ में शामिल होने वाले साधु-संतों के लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं। सीएम योगी ने उनके साथ बैठक कर उन्हें यह विश्वास दिलाया कि सरकार हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। साधु-संतों ने भी इस पहल का स्वागत किया और महाकुंभ के आयोजन की सराहना की।
महाकुंभ 2025 के लिए तैयारियां एक नई ऊचाई पर पहुंच चुकी हैं। यह महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि तकनीकी, सामाजिक, और सुरक्षा के लिहाज से एक उदाहरण स्थापित करने वाला होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह आयोजन अपने आप में विशेष रहेगा और देश-दुनिया में एक नया संदेश देगा।
प्रयागराज का महाकुंभ हर बार एक नई कहानी रचता है, और इस बार की तैयारियां भी दर्शाती हैं कि यह एक ऐतिहासिक और यादगार अनुभव साबित होगा।