Lucknow News: सरकारी आवास को मदरसा का स्वरूप देने वाले-पद का दुरुपयोग करते थे इस्लामपंथी IAS इफ्तिखारुद्दीन
Lucknow News: Kanpur के तत्कालीन कमिश्नर Iftikharuddin , वर्तमान में उत्तर प्रदेश के Road Transport Corporation of Uttar Pradesh के चेयरमैन पद पर लखनऊ में तैनात हैं। SIT ने गत 20 अक्टूबर को उनके खिलाफ अपनी जांच पूरी कर शासन को सौंप दी है।
SIT ने शासन को उनके खिलाफ धर्मान्तरण के लिए लोगों के उकसाने की जांच सौंपी थी तब एसआइटी टीम के पास उनके खिलाफ प्रमाण के रूप में 60 वीडियो थे लेकिन अब इन वीडियो की संख्या बढ़कर 150 हो गई हैं।शासन के इस वरिष्ठ आईएस ने अपने कानपुर कमिश्नर काल के पद पर रहते हुए सरकारी आवास पर धर्मान्तरण के लिये तकरीर देने के यह अन्य 90 वीडियो कानपुर की समाजसेवी संस्थाओं ने लखनऊ आकर ये वीडियो एसआइटी को मुहैया करवाये हैं।
Kanpur से ही प्राप्त हुए इन 90 वीडियो में भी शासन का यह वरिष्ठ आईएएस कानपुर में तत्कालीन कमिश्नर रहते हुए अपने सरकारी आवास में मौलवियों व अन्य लोगों के समक्ष इस्लाम धर्म अपनाने की खुद ही तकरीर दे रहा है। कानपुर के लोगों समाजसेवियों द्वारा मिले इन अन्य 90 वीडियो को भी एसआइटी ने सरकार तक पहुंचा दिए हैं।
अब अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए अपने ही सरकारी आवास को एक मदरसा का स्वरूप देने वाले इस वरिष्ठ आईएस के खिलाफ पुख्ता प्रमाण समेत मिलने वाले वीडियो की संख्या 150 के आसपास हो गयी है।अपनी जांच के दौरान एसआइटी को मिले वीडियो के माध्यम से जो 63 कट्टपंथियों को चिन्हित किया गया था अब ये फिर मिले 90 वीडियो में कुछ अलग शक्ल व सूरत के कट्टरपंथी दिखाई दे रहे हैं जिनकी पहचान अब एसआइटी की टीम अब फिर से कर रही है। ये जानने का प्रयास कर रही है कि इन वीडियो में दिखाई देने वाले लोग कही पाकिस्तान समेत अन्य देशों के नागरिक तो नहीं हैं।
कानपुर के समाजसेवी भूपेश अवस्थी ने कहा है कि हम सभी कानपुर के लोगों ने एसआइटी की इस जांच में जितनी मदद कर सकते थे उतनी की है। उन्होंने बताया कि एसआइटी ने अपनी जांच चाहे भले ही पूरी कर जांच शासन को सौंप दी ही लेकिन कानपुर तत्कालीन कमिश्नर के द्वारा अपने कार्यकाल के समय जो कानपुर में इस्लामपंथी का जो माहौल तैयार किया था उसके अगर और भी वीडियो मिलते हैं तो वे भी एसआइटी के माध्यम से मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का काम हम सभी करेंगे।
कानपुर के समाजसेवियों व हिन्दू संगठनों में इस बात की अब तेजी से चर्चा हो रही है कि पूरे पुख्ता प्रमाण के साथ एसआइटी ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को दे दी है तो अब इस वरिष्ठ आईएस के खिलाफ सरकार कोई एक्शन लेने ने देर क्यो कर रही है?
जबकि योगी सरकार ने कई तरह की अन्य शिकायतें मिलने पर कई आईएएस हटाये हैं।लेकिन इस समाज में वैमनस्यता फैलाने वाले इस आईएएस अफसर योगी सरकार अभी भी उतर प्रदेश सड़क परिवहन निगम चेयरमैन बनाये हुए है। उन्हें सरकार ने निलम्बित भी करने की जहमत नहीं उठायी है।