Muzaffarnagar-अंतिम दिन की गहमागहमी में रालोद-भाजपा गठबंधन की मिथलेश पाल सहित 14 प्रत्याशियों ने भरा नामांकन, कौन जीतेगा इस बार मीरांपुर?
मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar ) मीरांपुर उपचुनाव का माहौल जोर पकड़ चुका है, जिसमें हर राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंक रहा है। नामांकन के अंतिम दिन रालोद-भाजपा गठबंधन प्रत्याशी मिथलेश पाल का नामांकन भरना इस चुनावी मैदान का केंद्रबिंदु बना। इसके साथ ही कुल 14 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कर, चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। विभिन्न राजनीतिक दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के प्रवेश से मीरांपुर में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। आइए जानते हैं इस चुनाव में किसकी क्या भूमिका होगी और कौन-कौन से प्रत्याशी मैदान में हैं।
गठबंधन की उम्मीदवार मिथलेश पाल: शो ऑफ स्ट्रेंथ
रालोद-भाजपा गठबंधन की प्रत्याशी मिथलेश पाल ने अपने समर्थकों के साथ एक बड़े जुलूस के रूप में नामांकन किया। उनके काफिले ने सरकुलर रोड स्थित रालोद कार्यालय से निकलकर पूरे क्षेत्र में रौनक ला दी। कलेक्ट्रेट पहुंचने तक उनके साथ सांसद चंदन सिंह चौहान, प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार, ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर, शामली विधायक प्रसन्न चौधरी, रालोद जिलाध्यक्ष संदीप मलिक, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. सुधीर सैनी जैसे दिग्गज नेताओं का जमावड़ा दिखा। समर्थकों की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सख्त इंतजाम किए और केवल चार समर्थकों को नामांकन कक्ष में प्रवेश करने की अनुमति दी।
नामांकन की गहमागहमी में पहुंचे अन्य प्रमुख प्रत्याशी
मीरांपुर के इस उपचुनाव में भाजपा-रालोद गठबंधन के अलावा अन्य दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी जमकर जोश दिखाया। जैन नगर खतौली निवासी संजीव कुमार ने एक सेट में नामांकन दाखिल कर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। इसी क्रम में सदर क्षेत्र के ग्राम मलीरा निवासी ऋषिपाल ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया से अपना नामांकन पत्र भरा। वहीं, सपा प्रत्याशी सुम्बुल राणा ने तीन सेटों में अपना नामांकन दाखिल किया। उनका यह कदम यह संकेत देता है कि सपा इस चुनाव को लेकर कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती।
गांधी कालोनी मुजफ्फरनगर के निवासी मानवेन्द्र, वीर जन शक्ति पार्टी के प्रत्याशी धन्य कुमार जैन, खतौली के शिवकुमार (पिछड़ा समाज पार्टी), और सिकरेडा निवासी समन्द सैन ने भी अंतिम दिन अपना नामांकन दाखिल किया। इनके अलावा अन्य निर्दलीय उम्मीदवार जैसे भागेश्वर प्रसाद, सुक्रमपाल, और अकरम ने भी अपना दमखम दिखाते हुए नामांकन प्रक्रिया पूरी की।
प्रत्याशियों की दावेदारी से बढ़ी चुनाव की रोचकता
मीरांपुर के इस उपचुनाव में कुल मिलाकर 14 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है, जिससे यह चुनावी मुकाबला कड़ा और रोमांचक हो गया है। गठबंधन प्रत्याशी मिथलेश पाल ने नामांकन के दौरान अपने पाल समाज के समर्थकों से मिलने वाले समर्थन पर पूरा भरोसा जताया है। उन्होंने कहा, “मुझे हर जाति-बिरादरी का समर्थन मिल रहा है और सर्वसमाज के सहयोग से मैं चुनावी मैदान में उतरी हूं।” मिथलेश पाल के इस बयान ने साफ कर दिया है कि वे हर वर्ग का समर्थन प्राप्त करने के लिए पूरी कोशिश कर रही हैं।
सामाजिक समीकरण और वोट बैंक की दिशा
मीरांपुर उपचुनाव में हर प्रत्याशी का जातिगत समीकरण बहुत मायने रखता है। मिथलेश पाल, जो पाल समाज से ताल्लुक रखती हैं, उनकी उम्मीद है कि उनके समाज के साथ-साथ अन्य पिछड़े और गरीब तबकों का समर्थन भी उन्हें मिलेगा। दूसरी ओर, सपा प्रत्याशी सुम्बुल राणा की दावेदारी ने मुस्लिम और दलित वोट बैंक को खींचने का प्रयास किया है। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के प्रत्याशी ऋषिपाल ने भी चुनाव को दिलचस्प बनाते हुए आम जनता और मजदूर वर्ग से समर्थन की अपील की है।
इस चुनावी दंगल में वीर जन शक्ति पार्टी, पिछड़ा समाज पार्टी, और मजदूरी किसान यूनियन पार्टी के प्रत्याशियों का नामांकन दाखिल करना एक बड़ा संदेश है कि छोटे दल भी बड़ी पार्टियों को टक्कर देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि किसका वोट बैंक मजबूत होगा और कौन प्रत्याशी जनता का विश्वास जीत पाएगा।
प्रशासन के कड़े इंतजाम और सुरक्षा व्यवस्था
अंतिम दिन नामांकन के दौरान जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। कलेक्ट्रेट परिसर में समर्थकों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया। प्रत्याशियों को केवल चार-चार समर्थकों के साथ ही नामांकन कक्ष में प्रवेश की अनुमति थी। कलेक्ट्रेट में बेरिकेटिंग की गई थी ताकि समर्थकों की भीड़ सीधे नामांकन कक्ष तक न पहुंच सके। इस तरह की सुरक्षा व्यवस्था ने चुनावी माहौल में और भी अनुशासन और उत्साह का माहौल बना दिया।
राजनीतिक विश्लेषण: कौन होगा मीरांपुर का नया नेता?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मीरांपुर का यह उपचुनाव कई मायनों में खास होने वाला है। रालोद-भाजपा गठबंधन की मिथलेश पाल को पार्टी के शीर्ष नेताओं का समर्थन मिला है, जिससे उनकी स्थिति मजबूत मानी जा रही है। दूसरी ओर, सपा की सुम्बुल राणा ने चुनावी मैदान में उतरकर समाजवादी पार्टी की स्थिति मजबूत की है। यदि मिथलेश पाल को हिन्दू वोटों का समर्थन मिलता है और सुम्बुल राणा मुस्लिम और पिछड़े वर्ग को साध पाती हैं, तो मुकाबला बेहद रोचक हो सकता है।
मीरांपुर की जनता के पास क्या विकल्प हैं?
इस चुनाव में मीरांपुर की जनता के पास विभिन्न विकल्प हैं। एक तरफ भाजपा-रालोद गठबंधन की प्रत्याशी मिथलेश पाल हैं, जिनके पास गठबंधन का जनाधार और संगठन की ताकत है। दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी ने सुम्बुल राणा के रूप में एक युवा और नई पीढ़ी की उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। इसके अलावा निर्दलीय और छोटे दलों के उम्मीदवार भी चुनाव में अपनी अलग पहचान और एजेंडा लेकर मैदान में हैं।
चुनाव के नतीजे: कौन बनेगा जनता का प्रतिनिधि?
मीरांपुर के इस उपचुनाव के नतीजे काफी दिलचस्प होंगे। चुनाव प्रचार और वोटिंग के बीच जनता का समर्थन किसे मिलता है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। विभिन्न जातियों, समाजों और मतदाताओं के रुझान किस दिशा में जाते हैं, यह नतीजों को प्रभावित करेगा। हर प्रत्याशी अपने-अपने वादों और नीतियों के साथ जनता का दिल जीतने की कोशिश में जुटा है।
कौन जीतेगा मीरांपुर की कुर्सी?
मीरांपुर उपचुनाव में हर प्रत्याशी की स्थिति मजबूत है, लेकिन अंतिम फैसला जनता के हाथ में है। मिथलेश पाल की अनुभवी राजनीतिक पकड़, सुम्बुल राणा की युवा उर्जा और निर्दलीय व छोटे दलों की आक्रामक रणनीति ने इस चुनाव को बहुत दिलचस्प बना दिया है। चुनाव के नतीजे आने वाले समय में क्षेत्र की राजनीतिक तस्वीर को नया मोड़ देंगे।