मां का दूध शिशु के लिए सर्वश्रेष्ठ आहार- डा. अमिता गर्ग
मुजफ्फरनगर। बच्चे के लिए छह माह तक मां का दूध ही सर्वापरि होता है। यह बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए सहायक होता है। मां के दूध में पौष्टिक तत्वों की बराबरी किसी भी अन्य दूध से नहीं की जा सकती है।
मां का दूध शिशुओं में डायरिया, कान और सांस के संक्रमण को भी कम करता है साथ ही शिशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। आधुनिक दौर में कुछ मां बच्चे को पाउडर का दूध देती हैं
जो बच्चे को बहुत नुकसान दायक साबित होता है। जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डा. अमिता गर्ग का कहना है कि मां का दूध शिशु के लिए सर्वश्रेष्ठ आहार होता है। मां का पहला गाढ़ा दूध ही बच्चे के लिए उत्तम माना जाता है और छः माह तक बच्चे को केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए।
मां का दूध जल्दी पच जाता है और शिशु में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। मां का दूध पीने से शिशु और मां के बीच अपनापन बढ़ता है और इससे उनके रिश्ते को जो मज़बूती मिलती है
उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पाउडर का दूध बच्चे के लिए बहुत नुकसानदायक होता है, एक तो यह बहुत देर से पचता है दूसरे बोतल से दिये जाने के कारण बच्चे को संक्रमण होने का खतरा बना रहता है।
उन्होंने कहा कि जुड़वां या दो से ज्यादा शिशुओं को स्तनपान कराना किसी मां के लिये मुश्किल भरा हो सकता है और जुड़वा शिशुओं के तय समय से पहले पैदा होने की वजह से उन्हें ज्यादा स्तनपान कराने की जरूरत होती है। ऐसे में डबल पम्पिंग की मदद से दूध की जरूरत को पूरा किया जा सकता है
क्योंकि जितनी ज्यादा पम्पिंग की मदद ली जाएगा, शरीर में दूध भी उतना ज्यादा बनेगा। उन्हें एक-एक करके या डबल क्रेडल पोजीशन का इस्तेमाल करते हुए एक साथ स्तनपान कराया जा सकता है।
इसके लिए सबसे पहले मां आरामदायक स्थिति में बैठ जाए। दोनों शिशुओं को सामने लाकर इस तरह अपनी गोद में बैठाए, जिससे उनके सिर मां की बाजुओं के अंदर की ओर हों और उनके पैर गोद।स्तनपान से पहले साबुन से हाथ धोएँ और मास्क का भी इस्तेमाल करें।