Muzaffarnagar News: किसान नेता गुलाम मौहम्मद जौला के निधन से शोक
बुढाना।।(Muzaffarnagar News) किसान नेता गुलाम मौहम्मद जौला के आकस्मिक निधन से किसान राजनीति से जुडे लोगो मे शोक छा गया। विभिन्न किसान संगठनो से जुडे लोगों ने शोक संतप्त परिजनो से मिलकर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की। पिछले काफी समय से किसान राजनीति से जुडे भारतीय किसान मजदूर मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलाम मौहम्मद जौला का आज सुबह हृदयगति रूक जाने से निधन हो गया।
उनके निधन से ग्रामीण अंचल मे शोक छा गया। कई जिला पंचायत सदस्यो,ग्राम प्रधानो तथा किसान नेताओ ने शोक संतप्त परिजनो से मिलकर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की। किसान हको की पैरोकारी के मामले में जौला को काफी आगे माना जाता था। उनकी राजनीति की शुरुआत हिमाचल प्रदेश एवं पंजाब के राज्यपाल रहे वीरेन्द्र वर्मा के साथ हुई थी।
पूर्व राज्यपाल स्व. वीरेन्द्र वर्मा के साथ शाना-ब-शाना सियासत करने वाले गुलाम मोहम्मद जौला २७ साल तक उनके साथ जुड़े रहे।गुलाम मोहम्मद जौला ने पूरा जीवन किसान हक में आवाज बुलंद करने व आंदोलन में बिता दिया। १९८७ में भाकियू के गठन के दौरान वह स्व. महेन्द्र सिंह टिकैत के साथ थे।
भाकियू के संस्थापक सदस्य रहे गुलाम मोहम्मद जौला कई बार स्व. महेन्द्र सिंह टिकैत के साथ जेल भी गए। टिकैत की पुण्यतिथि १५ मई से ठीक एक दिन बाद सोमवार सुबह ह््रदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया।
गुलाम मोहम्मद जौला ने २०१३ में हुए दंगों के बाद भाकियू का साथ छोड़ दिया था। १ नवंबर २०१३ को उन्होंने भाकियू से अलग होकर भारतीय किसान मजदूर मंच का गठन किया था। जौला मंच के आजीवन अध्यक्ष रहे।