Muzaffarnagar-जैन समाज को आतंकित करने के उद्देश्य से जानलेवा हमला करते हुए जबरदस्त पथराव
मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar ) गौरतलब है कि सरधना कस्बे में जैन समाज की अच्छी खासी आबादी निवास करती है वहीं पांडुक शिला क्षेत्र में जैनो के अधिकार क्षेत्र की कमेटी की कुछ जमीन है जिसके एक छोटे हिस्से में कुछ असामाजिक तत्वों का कब्जा है व बाकी सभी जमीन पूर्णतया जैनो के अधिकार में है
उस जमीन पर जैन समाजष्विद्याओदयष् आचार्य विद्या सागर जी महामुनिराज के नाम से तीर्थ क्षेत्र बना रहा है किंतु अपने हाथों से करोड़ो की संपत्ति निकलती देख कुछ असामाजिक तत्व स्वयं को रोक नही पाये व जैन समाज को आतंकित करने के उद्देश्य से मौके पर मौजूद जैन समाज के लोगो पर जानलेवा हमला करते हुए जबरदस्त पथराव कर दिया जिसमें अनेको जैन समाज के लोग घायल हुए ,दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति तो यह है कि यह सब कुछ पुलिस की उपस्थिति में हुआ
मौजूद पुलिस कर्मी या तो पथराव करने वालो के साथ खड़े मूक दर्शक की तरह सब कुछ देखते रहे अथवा अपनी जान बचाने हेतु इधर उधर ओट लेते दिखे या हमले के बीच खिल खिलाकर मुस्कुराते रहे लेकिन दंगाइयों को रोकने अथवा पकड़ने का प्रयास किसी ने नही किया निर्माण को रोकने के लिये असामाजिक तत्वों द्वारा जैन समाज पर पत्थरों से किये गये जानलेवा हमले में कई लोग घायल भी हो गये
यह सब खबर आग की तरह पूरे देश के जैन समाज में कुछ ही देर में फैल गयी व आस पास के समाज के लोग भी घटना स्थल पर इक्कठे हो गए साथ ही सूचना प्राप्त होते ही जैन एकता मंचष्युवा शाखाष् के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सपा नेता गौरव जैन मौके पर पहुँचे व समाज के लोगो को ढांढस बंधाया तथा घटना की जानकारी लेते हुए अग्रिम रणनीति पर भी चर्चा की उक्त घटना को लेकर जैन समाज ने मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए दोषियों की गिरफ्तारी की मांग उठायी साथ ही जैन समाज के सम्भ्रांत लोगो ने सरकार के रवैये पर भी नाराजगी व्यक्त की ।
गौरव जैन ने घटनास्थल पर घटना की जानकारी प्राप्त कर बताया कि भाजपा सरकार में जैन समाज पर लगातार हमले हो रहे हैं व आज की घटना में हमलावरों पर प्रभावी कार्यवाही न होना व मंदिर के निर्माण कार्य को प्रशासन द्वारा बार बार रुकवाने का प्रयास बहुत निंदनीय स्थिति है व जैन एकता मंचष्राष्ट्रीयष् समस्त समाज की ओर से हमलावरों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की मांग करता है व ऐसा न होने सरधना समाज के आह्वाहन पर देश के कोने कोने से जैन समाज सरधना पहुंच कर गाँधीवादी तरीके से न्याय की लड़ाई लड़ने को मजबूर होगा।