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Muzaffarnagar News: १७ अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में लाने की मांग

Muzaffarnagar News:मुजफ्फरनगर। कुम्हार, कश्यप , मांझी, कहार, प्रजापति सहित १७ अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति मे परिभाषित कर आरक्षण का लाभ दिए जाने एवं जातिगत जनगणना कराने और उनको उसी अनुपात में भागीदारी देने की मांग को लेकर इन वर्गा के लोगों ने ज्ञापन दिया।

प्रजापति एवं कश्यप समाज के सैकडों लोगों ने १७ अति पिछड़ी जातियों को परिभाषित करने के उत्तर प्रदेश सरकार व शासन के जारी शासनादेश व अध्यादेश के अनुपालन मे अनुसूचित जाति में शामिल कर लाभ देने की मांग हेतु समाज के लोगों ने कचहरी पहुंचकर धरना- प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति एवं राज्यपाल उत्तर प्रदेश के नाम एक ज्ञापन जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर के माध्यम से दिया।

आज के धरना प्रदर्शन को सत्यवीर सिंह प्रजापति एडवोकेट , संयोजक प्रजापति, कश्यप, निषाद, बिन्द मांझी, राजभर एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय शिल्पकार आरक्षण संघर्ष समिति व एवं रामशरण कश्यप प्रशासनिक अधिकारी (सेवा नि० ) संयोजक कश्यप समाज आरक्षण संघर्ष मोर्चा के एव उत्तर प्रदेशीय प्रजापति महासभा मुजफ्फरनगर के आह्वान पर धरना-प्रदर्शन किया गया

जिसकी अध्यक्षता सयुंक्त रुप से प्रमोद प्रजापति जिला अध्यक्ष प्रजापति महासभा एवं सुरेन्द्र कश्यप नेताजी कश्यप समाज आरक्षण संघर्ष मोर्चा ने की इस धरना-प्रदर्शन को दारा सिंह प्रजापति प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय प्रजापति महासंघ एवं सत्यवीर सिंह एडवोकेट एवं रामशरण कश्यप ने कहा कि उप्र की कुम्हार कश्यप ,कहार प्रजापति सहीत १७ अति पिछड़ी जातियों की स्थिति बहुत ही दयनीय ही नही बद से बदतर है इनके सभी पारम्परिक काम धन्धे व्यवसाय व कुटीर धन्धे आधुनिक तकनीकी युग ने छीन कर बरबाद कर दिये

इसलिये ये जातिया भुखमरी की कगार पर है जिसकी पीडा की अपील सामाजिक संगठनों के अनुरोध को देखते हुऐ उत्तर प्रदेश की पूर्व सरकार ने २२ दिसंबर २०१६ को संविधान की मूल भावनाओं अनुसार तत्कालीन मुख्यमंत्री की कैबिनेट ने समाज कल्याण विभाग के अनुसूचित जाति आरक्षण लाभ के प्रस्ताव मूल अनुसूचित जातियो की उप जातियों को क्रमांकानुसार परिभाषित किया था

क्योंकि उक्त जातियां भारत सरकार के १९५६ – ५७- १९६० – १९६१ के गजट मे पहले से ही मूल जातियां शिल्पकार क्रमांक – ६५ , गौडं क्रमांक – ३६ , मझवार क्रमांक – ५३, बेलदार क्रमांक – १८ , तुराहा क्रमांक – ६६ को अनुसूचित जाति की आरक्षण सूची में शामिल है और इनकी अनेक जातियों को अनुसूचित का लाभ भी मिल रहा है जो अलग-अलग क्रमांक पर दर्ज है उक्त जातियों को क्रमांकानुसार परिभाषित कर (१ ) शिल्पकार- कुम्हार , प्रजापति , (२) गौडं- धीवर,धीमर, बाथम, कहार ,कश्यप, ( ३ ) मझवार – मांझी, गोडिया , मल्लाह, केवट ,निषाद, मछुआ, (४) बेलदार – बिन्द, भर ,राजभर , (५ ) तुरैया अनुसूचित जाति आरक्षण का लाभ देने का शासनादेश प्रमुख सचिव समाज कल्याण विभाग उप्र ने शासनादेश क्रमाक २३४ / २०१६ / २९७सी.एम. / २६-३-२०१६- ( १५ ) २००७ दिनांक २२ दिसम्बर २०१६ को जारी किया था उक्त शासनादेश के विरुद्ध कुछ अनुसूचित जाति आरक्षण प्राप्त जातियों के संगठनो ने हाईकोर्ट याचिका दायर की है जो आज भी विचाराधीन है।

जिसमे उच्च न्यायालय ने दिनांक २९ मार्च २०१७ शासन /सरकार को जबाव दाखिल करने हेतू ४ हफ्ते का समय दिया था,जो आजतक लंबित है। सरकार हाईकोर्ट मे ४ साल ५ महीने से विचाराधीन याचिकाओं में जबाब दाखिल कर १७ जातियों के आरक्षण की पैरवी कर लाभ दिलाये । उन्होंने अनुरोध किया है कि उत्तर प्रदेश और नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है ।

भारत सरकार १७ अति पिछडी जातियों को आरक्षण लाभ दिलाने हेतू अनुसूचित जाति में शामिल करने का केन्द्र सरकार सीधा अध्यादेश लाकर प्रस्ताव पास कर अनुसूचित जाति की केन्द्रीय सूची में शामिल कर लाभ दिलाया जाये। धरना प्रदर्शन में प्रजापति समाज और कश्यप समाज के सैकड़ों लोगों ने भाग लिया 

जिसमें श्याम लाल प्रजापति मंडल अध्यक्ष सहारनपुर , राजपाल कश्यप, एडवोकेट रामनिवास प्रजापति, धनवीर कश्यप मदन प्रजापति , धर्मवीर कश्यप, सुरेश प्रजापति महिपाल प्रजापति सुरेंद्र कश्यप कृष्णपाल प्रजापति नरेश कश्यप प्रजापति संजीव प्रजापति इस कार्यक्रम का संचालन सयुंक्त रुप से सत्यपाल सिंह कश्यप एवं नरेंद्र प्रजापति ने किया सुशील कुमार प्रजापति, सुमित प्रजापति,जगदीश प्रजापति, भगत प्रजापति आदि सैकडों प्रजापति कश्यप के लोग मौजूद रहे।

News Desk

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