Muzaffarnagar News- जिला विद्यालय निरीक्षक देंगे पढाई में कमजोर विद्यार्थियों को डबल डोज
मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar News) उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के के राजकीय विद्यालयों में अब कक्षा ९ से कक्षा १२ तक के कमजोर छात्र छात्राओं के लिए अतिरिक्त विशेष कक्षाएं संचालित होंगी।राजकीय इण्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर में आयोजित कार्यशाला में उपस्थित जिले के सभी राजकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों व नॉडल शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक मुजफ्फरनगर गजेन्द्र कुमार ने कहा कि पिछले दो वर्षों में कोविड अवधि में माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण प्रक्रिया प्रभावित रही है
जिले के राजकीय विद्यालयों में उपचारात्मक शिक्षण का शुभारम्भ किया जा रहा है,जिसमे पहले चरण में पढाई में कमजोर विद्यार्थियों को चिन्हित करने की कवायद प्रधानाचार्यों व शिक्षकों द्वारा की जा रही है। एक अभियान के तहत विद्यार्थियों के कमजोर होने के कारण जैसे विद्यालय में नियमित न आना,लम्बे समय तक बीमार रहना,पढाई में मन ना लगना, शिक्षक का भय होना,किसी विषय विशेष से अलगाव,आत्मविश्वास में कमी,अभिभावक का ध्यान ना देना आदि को जानकर उसको हल करने का प्रयास भी किया जा रहा है।
चिन्हीकरण के उपरान्त विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रतिदिन अतिरिक्त कक्षाएं ले कर सभी कमजोर विद्यार्थियों को डबल डोज दी जाएगी और उनको दक्ष बनाया जाएगा। विद्यार्थियों का मूल्यांकन हेतु शासन द्वारा प्रबोधन एप्प बनाया गया है।
जिला विद्यालय निरीक्षक गजेन्द्र कुमार ने बताया कि कार्यशाला में सभी प्रधानाचार्यों व शिक्षकों को उपचारात्मक कक्षा संचालन व प्रबोधन एप्प आदि का प्रक्षिशण मास्टर ट्रेनर डॉ विकास कुमार द्वारा दिया गया।
जिला कार्यक्रम प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ विकास कुमार ने कहा कि शासन द्वारा प्रदेश स्तर पर विषय विशेषज्ञों की सहायता से कक्षा ९ से १२ तक के विद्यार्थियों के लिए हिन्दी,अंग्रेजी,गणित,भौतिक विज्ञानं,रसायन विज्ञान,जीव विज्ञानं आदि विषयों से सम्बंधित शिक्षण सामग्री का निर्माण कराया गया है और प्रदेश के सभी जिलों में एकसमान रूप में उपचारात्मक शिक्षण आरम्भ किया गया है।
विद्यार्थियों का उपचारात्मक शिक्षण आरम्भ होने से पूर्व प्री टेस्ट, शिक्षण के मध्य में टेस्ट व उपचारात्मक कक्षाओं के समाप्त होने के उपरांत भी पोस्ट टेस्ट लिया जाएगा । प्रबोधन एप्प पर सभी टेस्ट के अंक व अन्य विवरण नॉडल शिक्षकों व प्रधानाचार्यों द्वारा अपलोड किए जाएंगे। निश्चित रूप से चार माह के उपचारात्मक शिक्षण उपरांत पढाई में कमजोर विद्यार्थियों के सीखने की प्रकिया में सुधार होगा और हमारे सम्मुख अप्रत्याशित परिणाम होंगे।
प्रधनाचार्य शैलेन्द्र त्यागी ने कहा कि विशेष कक्षाओं द्वारा उपचारात्मक शिक्षण कराना शासन की एक सुखद पहल है जिसके दूरगामी परिणाम भविष्य में देखने को मिलेंगे । कार्यशाला में प्रधानाचार्य डॉ रणवीर सिंह,ललित मोहन गुप्ता,विनय यादव,अंजु वर्मा,प्रमोद कुमार,आशीष द्विवेदी,सुभाष चन्द्र आदि उपस्थित रहे।