नेतन्याहू भ्रष्टाचार के आरोपों में मंगलवार को औपचारिक रूप से अभ्यारोपित
बेंजामिन नेतन्याहू भ्रष्टाचार के आरोपों में मंगलवार को औपचारिक रूप से अभ्यारोपित कर दिए गए। इसके कुछ ही घंटे पहले उन्होंने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन मामलों में संसदीय छूट के लिए अनुरोध वापस लिया था। इस तरह, वह इस पद पर रहते हुए आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए। नेतन्याहू (70) को भ्रष्टाचार के तीन मामलों में रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी और विश्वास तोड़ने के आरोपों में आरोपित किया गया है। अटार्नी जनरल एवीचाई मांदेलबीत ने यरूशलम जिला अदालत में आरोपपत्र सौंपा। देश के इतिहास में प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए मुकदमे का सामना करने वाले वह प्रथम व्यक्ति होंगे। मुकदमे की तारीख अभी निर्धारित नहीं की गई है लेकिन कानूनी प्रक्रिया में बरसों लग सकते हैं।
עסקת המאה היא הזדמנות המאה. ישראל בהנהגתי לא תחמיץ את ההזדמנות. pic.twitter.com/FPrSfYU0Ek
— Benjamin Netanyahu (@netanyahu) January 29, 2020
टाइम्स ऑफ इस्राइल के हवाले से अटार्नी जनरल कार्यालय ने कहा, ‘कुछ समय पहले आरोप पत्र दाखिल किया गया… जैसा कि कनून द्वारा जरूरी है।’ हालांकि, इस्राइली कानून के मुताबिक नेतन्याहू को अभ्यारोपित किए जाने पर इस्तीफा देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्हें तब इस्तीफा देना पड़ेगा जब उन्हें दोषी ठहरा दिया जाएगा।
इससे पहले, नेतन्याहू ने मंगलवार को घोषणा की कि वह उनके खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के तीन मामलों में मिली संसदीय छूट के अनुरोध को वापस ले रहे हैं ताकि मुद्दे पर हो रहे ‘घटिया खेल’ को रोका जा सके। इसी के साथ उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही चलाने का रास्ता साफ हो गया है। इस्राइली नेता ने वाशिंगटन से एक फेसबुक पोस्ट के जरिए इसकी सूचना सभी को दी। वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने के लिए वाशिंगटन में हैं। बाद में राष्ट्रपति ट्रंप ने इस्राइल और फलस्तीन के बीच शांति स्थापित करने की अपनी योजना की घोषणा की।
नेतन्याहू ने लिखा, ‘इस्राइल के लोगों के लिए इस दुर्भाग्यपूर्ण समय में, जबकि मैं इस्राइल की स्थायी सीमा को आकार देने और हमारी भावी पीढ़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के ऐतिहासिक मिशन पर अमेरिका में हूं, छूट के नाम पर संसद (नेसेट) में एक नया खेल शुरू होने की आशंका है।’ उन्होंने लिखा, ‘चूंकि मुझे उचित प्रक्रिया से नहीं गुजरने दिया गया, क्योंकि संसद के सभी नियमों को ताक पर रखा गया और चूंकि बिना उचित चर्चा के प्रक्रिया के परिणाम पूर्व निर्धारित हैं तो मैंने फैसला लिया है कि यह गंदा खेल और नहीं चलने दूंगा।’
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