निर्भया के दोषियों को कल नहीं होगी फांसी, लगी रोक
निर्भया के दोषियों की एक फरवरी को होने वाली फांसी टल गई है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों के डेथ वारंट पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। अदालत ने फांसी की कोई तारीख निश्चित नहीं की है। इस तरह निर्भया के दोषियों की डेथ वारंट जारी होने के बाद दूसरी बार टल गई है। गुरुवार को अदालत ने तिहाड़ जेल को नोटिस जारी कर शुक्रवार सुबह अपना पक्ष पेश करने के लिए कहा था। शुक्रवार को जेल के अधिकारियों ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा के समक्ष दायर स्थिति रिपोर्ट में इस याचिका का विरोध किया।
#WATCH Asha Devi, mother of the 2012 Delhi gang-rape victim: The lawyer of the convicts, AP Singh has challenged me saying that the convicts will never be executed. I will continue my fight. The government will have to execute the convicts. pic.twitter.com/VynpcSLhyp
— ANI (@ANI) January 31, 2020
जेल की ओर से बताया गया कि विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है, जबकि अन्य दोषियों में से किसी की भी अदालत में कोई याचिका लंबित नहीं है। ऐसे में तीन दोषियों पवन, विनय और अक्षय को एक फरवरी को फांसी देने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है। तब दोषियों के वकील ने कहा कि जेल मेन्यूअल यही कहता है कि अगर किसी एक दोषी की भी याचिका लंबित है तो बाकी को फांसी नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार दया याचिका खारिज होने के बाद 14 दिन दिए जाएंगे। इसलिए किसी को भी फांसी नहीं दी जा सकती है। उन्होंने डेथ वारंट पर अनिश्चित काल तक रोक लगाने की मांग की।
A Delhi court's observation on the 2012 Delhi gang-rape case: The Courts of this country cannot afford to adversely discriminate any convict, including death row convict, in pursuit of his legal remedies, by turning a Nelson's eye towards him. https://t.co/3E7hPT6bnF
— ANI (@ANI) January 31, 2020
सुनवाई के दौरान मुकेश की वकील वृंदा ग्रोवर के पेश होने पर निर्भया के माता पिता के वकील ने आपत्ति जताई। हालांकि कोर्ट ने वृंदा को बहस करने की इजाजत दी। वृंदा ने कहा कि दोषियों को अलग अलग फांसी नहीं दी जा सकती। सुनवाई के दौरान वकीलों के बीच बहस हो गई, जिसपर जज ने नाराजगी जताई।
निचली अदालत ने 17 जनवरी को मामले में चारों दोषियों मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को मौत की सजा देने के लिए दूसरी बार डेथ वारंट जारी किया था, जिसमें एक फरवरी को सुबह छह बजे तिहाड़ जेल में फांसी देने का आदेश दिया था।