फर्जी आईडी बनाकर जमीन बेचने वाले गिरोह के 5 सदस्य को पुलिस ने किया गिरफ्तार
बाराबंकी। देवा क्षेत्र मे फर्जी दस्तावेज बनाकर ज़मीनो को बेचने वाले सक्रिय गिरोह का पुलिस ने किया खुलासा कर 5 अभियुक्तो को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है।
प्रेस वार्ता में पत्रकारों से बातचीत करते हुवे एसपी ने बताया कि देवा क्षेत्र के ग्राम माती मे जमीन को अभियुक्त सुशिल कुमार मिश्रा निवासी कोतवाली रामनगर जनपद बाराबंकी, जितेन्द्र निवासी कोठीडीह विकास भवन, अशोक कुमार निवासी कोतवाली देवा, वीरेन्द्र निवासी जनपद बहराइच कोतवाली जरवल रोड, सालिक राम निवासी बहराइच है
जो अरुण कुमार सिंह के नाम फर्जी आईडी बनाकर बेचने की कोशिश की गई। पुलिस अधीक्षक डॉ अरविन्द चतुर्वेदी ने आगे बताया की पकडे गये अरौपियो से पूछताछ से ज्ञात हुआ कि एक जय प्रकाश पाण्डेय जमीन खरीदना चाहते थे
इसके लिए अपने मित्र विशाल से सम्पर्क किया और जमीन खरीदने के बारें में बताया, इसी क्रम में जमीन खरीदने के मामले में विशाल एक अन्य व्यक्ति जय सिया राम से मिले ।
जय सियाराम के द्वारा जय प्रकाश पाण्डेय व विशाल की मुलाकात शशि शेखर मिश्रा से करवायी गयी, शशि शेखर मिश्रा से जय सियाराम बीबीडी लखनऊ के पास एक जमीन खरीदने के सिलसिले में पहली बार मिले थे । शशि शेखर मिश्रा द्वारा संजय नामक व्यक्ति के साथ मिलकर एक जमीन थाना देवा के माती क्षेत्र में जय प्रकाश पाण्डेय, विशाल तथा जय सियाराम को बेचने हेतु दिखाई गई
जो कि जय प्रकाश पाण्डेय व विशाल को पसन्द आयी । इस जमीन को बेचने के सम्बन्ध में संजय व शशि शेखर मिश्रा को सुशील कुमार मिश्रा जो पेशे से वकील है, के द्वारा बताया गया था ।
इसके उपरांत जय प्रकाश पाण्डेय व विशाल ने उस जमीन के मालिक से मिलने की इच्छा प्रकट की । तदुपरांत विशाल व जय प्रकाश से जमीन के मालिक से मिलाने के लिए तिथि नियत की गयी ।
पहले जय प्रकाश पाण्डेय व विशाल को रामनगर तिराहे पर उक्त जमीन के मालिक से मिलने के लिए बुलाया गया परन्तु जमीन का मालिक वहां नहीं मिला और महादेवा चलने के लिए कहा गया, इस पर विशाल अपने मित्र के साथ महादेवा चले गये, वहां उनकी मुलाकात एक वृद्ध व्यक्ति से करायी गयी जिन्होनें स्वयं को अरूण कुमार तथा उक्त जमीन का मालिक होना बताया ।
उक्त कथित अरूण के साथ 4-5 अन्य व्यक्ति भी थे । कथित अरूण से पूछताछ करने पर विशाल को कुछ शंका हुई और उन्होनें जमीन खरीदने से मना कर दिया ।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सुशील इस गिरोह का सरगना है जो काफी समय से फर्जी तरीके से जमींन बेचता था लेकिन इस बार वो नाकाम साबित रहा जिसके बाद ये लोग पुलिस के हत्थे चढ़ गये।
पुलिस की सक्रियता से एक बड़ी घटना को होने से बचाया गया और फर्जी तरीके व धोखाधड़ी से जमीन बेचने के अवैध कारोबार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया ।