RBI (Reserve Bank of India) की नई गाइडलाइंस, बैंक एक्सपोजर के लिए करंट अकाउंट नियमों में ढील
RBI (Reserve Bank of India) ने शुक्रवार को 5 करोड़ रुपए से कम के बैंक एक्सपोजर के लिए करंट अकाउंट नियमों में ढील दी है, जिससे लेंडर्स को बिना किसी प्रतिबंध के करंट अकाउंट खोलने, कैश क्रेडिट और ओवरड्राफ्ट सुविधाएं देने की अनुमति मिलेगी। नियामक ने बैंकों से एक महीने के भीतर बदलाव लागू करने को कहा है।
RBI ने अपने दिशानिर्देशों में कहा कि उधारकर्ताओं के लिए, जहां बैंकिंग प्रणाली का एक्सपोजर 5 करोड़ रुपए से कम है, चालू खाता खोलने या बैंकों द्वारा सीसी/ओडी सुविधा के प्रावधान पर कोई प्रतिबंध नहीं है। वहीं उधारकर्ताओं को एक एक अंडरटेकिंग भी देनी होगी कि जैसे ही यह एक्सपोजर 5 करोड़ रुपए से ज्यादा होगा वो बैंकों को तुरंत सूचित करेंगे।
बैंकिंग नियामक ने बैंकों को इंटर-बैंक अकाउंट खोलने के साथ एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी और सिडबी जैसे संस्थानों के सभी खाते, केंद्र या राज्य सरकार के आदेश से जुड़े खाते और जांच एजेंसियों को बिना किसी प्रतिबंध के अकाउंट खोलने और बनाए रखने की अनुमति दी है। वहीं जिन उधारकर्ताओं का लोन 5 करोड़ रुपए से अधिक है, किसी भी बैंक के साथ चालू खाते को बनाए रखना जारी रखेंगे, जिनके पास नकद क्रेडिट या ओवरड्राफ्ट सुविधा है।
पिछले साल अगस्त में, बैंकिंग नियामक ने चालू खाते खोलने के लिए नए नियम पेश किए थे, जिसमें अनिवार्य किया गया था कि एक उधारकर्ता के पास केवल उस बैंक के साथ एक चालू खाता हो सकता है जो उसके कुल उधार का कम से कम 10 फीसदी है। जबकि बैंकों को नई सख्ती का पालन करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था
एग्जीक्यूशन में देरी की वजह से रिजर्व बैंक ने समय सीमा को 31 जुलाई तक बढ़ा दिया था। पिछले कुछ महीनों में हजारों चालू खाते बंद होने के बाद समय सीमा को 31 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया था। जानकारी के अनुसार अकेले एसबीआई ने ऐसे 60,000 से अधिक खाते बंद किए हैं।
RBI ने यह भी स्पष्ट किया कि अन्य ऋण देने वाले बैंकों को केवल कलेक्शन अकाउंट खोलने की अनुमति होगी और उन खातों में जमा धन प्राप्त होने के दो दिनों के भीतर भेज दिया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि यदि किसी भी लेंडर के पास उधारकर्ता के लिए बैंकिंग प्रणाली का कम से कम 10 फीसदी जोखिम नहीं है, तो बैंक करंट अकाउंट खोल सकता है।