राकेश टिकैत पर लगाया दबंगई का आरोप, नरेश टिकैत भी भाई के आगे मजबूर- श्रीमती सुशीला
मुजफ्फरनगर। किनौनी निवासी श्रीमती सुशीला पत्नी नरेंद्र ने किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पर गम्भीर आरोप लगाते हुए पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि उनके कारण जहां उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है वहीं पर उनकी मिलीभगत से उनके परिवार में भी विघटन की स्थिति आ गयी है।
रूड़की रोड पर स्थित एक रेस्टोरेंट में प्रेसवार्ता में आयोजित श्रीमती सुशीला ने अपने परिवारजनों सहित पति की उपस्थिति में आरोप लगाया कि मीरांपुर बाईपास में उनकी साढे तीन बीघा जमीन है जो रेलवे में आ गयी है और जिसका उन्हे मुआवजा मिलना था। उनके पति चार भाई है इसी प्रकार साढे तीन-तीन बीघा अन्य भाईयों की भी वहां पर जमीन है लेकिन उनकी जमीन रेलवे के अधिग्रहण में नहीं आ पायी है।
उन्होंने राकेश टिकैत पर आरोप लगाया कि उन्होंने जेसीबी मशीन लगाकर गन्ने की फसल को नष्ट करा दिया और मुआवजे का भी अभी तक कुछ अता पता नहीं है। इस मामले को लेकर वे कानूनगो पटवारी, एसडीएम सदर, एडीएम प्रशासन सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से भी मिली लेकिन टिकैत के दबाव में कहीं कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है।
श्रीमती सुशीला ने कहा कि पिछले दिनों वे सिसौली जाकर भाकियू के प्रमुख नरेश टिकैत से मिली। जिन्होंने उनकी बात को तो सुना लेकिन अपने भाई के आगे वे भी मजबूर हो गये। श्रीमती सुशीला ने चेतावनी दी कि यदि उनकी बात नहीं सुनी गयी और उन्हे इंसाफ नहीं मिला तो वे योगी के दरबार में लखनऊ अथवा गोरखपुर जाने से भी नहीं चूकेगी और अपने अधिवक्ता के माध्यम से इस मामले को कोर्ट में ले जायेगी।
श्रीमती सुशीला के पति नरेंद्र ने आरोप लगाया कि राकेश टिकैत उसके भाईयों से मिले हुए है। ओर कथित रूप से रेलवे से मिलने वाले मुआवजे की धनराशि को लेकर यह सब चक्कर चलाया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि वे अपनी पत्नी के साथ राकेश टिकैत से भी कई बार मिलने के लिए गये लेकिन उन्होंने उनकी बात को सुनने से भी इंकार कर दिया और धमकाकर भगा दिया।
अपने दांवे के समर्थन में श्रीमती सुशीला ने डीजीसी व सरकारी वकील आदि की रिपोर्ट की भी प्रतियां प्रस्तुत की और गजट का भी उल्लेख किया लेकिन विगत 31 मई की रात्रि को उनकी जमीन पर खडी फसल पर बुल्डोजर चलवाने से उनके सपने टूट गये और उनके सामने रोजी रोटी की समस्या आ खडी हुई।
श्रीमती सुशीला ने आरोप लगाया कि वे किसी भी हद तक अपना अन्याय नहीं होने देंगी चाहे इसके लिए उन्हे दिल्ली दरबार में भी फरियाद क्यों न करनी पडे।