Sonbhadra News: धान खरीद में 5.78 करोड़ की खरीद में हुई बड़ी हेराफेरी, कागजों पर रोजाना खरीद दिखाई जा रही
Sonbhadra News: न खरीद में धांधली की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला मकर संक्रांति (15 जनवरी) के दिन क्रय केंद्रों पर हुई 2751 मिट्रिक टन धान खरीद का है। किसान नेताओं का आरोप है कि एक तरफ तो क्रय केंद्र पर खड़े किसानों को मकर संक्रांति के दिन खरीद बंद होने की बात कह कर घर लौटा दिया गया। वहीं दूसरी तरफ 5.78 करोड़ की धान खरीद करते हुए बड़ी हेराफेरी कर ली गई।
किसान नेताओं का दावा है कि जिले के सभी क्रय केंद्रों पर मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में 15 जनवरी यानी शनिवार को किसानों को यह कहकर लौटा दिया गया था कि मकर संक्रांति के चलते अवकाश है और मजदूर भी नहीं आए हैं इसलिए खरीद बंद है।
लेकिन जब खरीद का आनलाइन आंकड़ा देखा गया तो पता चला कि खरीद बंद रखने के बीच 2751 मिट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है जिसकी लागत लगभग पांच करोड़ 78 लाख है।ऑनलाइन दिख रहे आंकड़ों के मुताबिक 15 जनवरी को क्रमशः विपणन विभाग ने एक करोड़ 77 लाख रुपए का 912 मिट्रिक टन धान खरीदा।
पीसीएफ की शाखाओं ने दो करोड़ 16 लाख का 1118 मिट्रिक टन धान खरीदा। यूपीसीयू के केंद्र पर एक करोड़ 34 लाख का 691 मिट्रिक टन धान खरीदा गया। इसी तरह पीसीयू केंद्र पर लगभग पांच लाख रुपए का 30 मिट्रिक टन धान खरीदे जाने का विवरण दर्ज है।
पूर्वाचल नव निर्माण किसान मंच और पूर्वाचल नव निर्माण मंच ने धान खरीद में बरती जा रही कथित धांधली को लेकर अधिकारियों पर उदासीनता बरते जाने का आरोप लगाया है और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। किसान नेता गिरीश पांडेय का कहना है कि कभी अवकाश के नाम पर, कभी कार्य बहिष्कार के नाम पर तो कभी मजदूरों के अभाव के नाम पर किसानों की धान खरीद प्रभावित की जा रही है।
वहीं कागजों पर रोजाना खरीद दिखाई जा रही हैं। इससे स्पष्ट है कि जिले में हो रही धान खरीद में बड़े स्तर पर गड़बड़ी की जा रही है। अधिकारियों के तरफ से उदासीनता बरतने के कारण लगातार धांधली का क्रम जारी है। कहा कि अगर बरती जा रही धांधली को लेकर कार्रवाई और वास्तविक किसानों के धान खरीद में तेजी नहीं लाई जाती है तो तो पूर्वांचल नवनिर्माण मंच आंदोलन करने के लिए विवश होगा।