Tamil Nadu में राजनीतिक भूचाल! AIADMK-BJP गठजोड़, अमित शाह का बड़ा ऐलान – क्या DMK की सत्ता हिलेगी?
चेन्नई में एक बड़ी राजनीतिक घटना ने तमिलनाडु की सियासी दिशा बदल दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि अगले साल होने वाले Tamil Nadu विधानसभा चुनाव में AIADMK और BJP मिलकर NDA के बैनर तले चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य स्तर पर AIADMK प्रमुख एडप्पादी पलानीस्वामी इस चुनाव का नेतृत्व करेंगे।
“NEET और परिसीमन बहाना है, DMK जनता को भ्रमित कर रही है” – अमित शाह का विपक्ष पर हमला
अमित शाह ने अपने संबोधन में विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “DMK और उसके सहयोगी NEET और परिसीमन जैसे मुद्दों को उठाकर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। असली मुद्दे विकास, रोजगार और सुशासन हैं, जिन पर NDA मजबूती से खड़ा है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि AIADMK ने इस गठबंधन में कोई शर्त नहीं रखी है और BJP उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी। शाह ने जोर देकर कहा, “यह गठबंधन AIADMK और BJP दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा।”
“DMK से जनता जवाब मांगेगी!” – अमित शाह का दावा
केंद्रीय मंत्री ने DMK सरकार पर कई सवाल उठाए और कहा कि तमिलनाडु की जनता विकास के असली मुद्दों को समझती है और DMK से सख्त जवाब मांगेगी। उन्होंने कहा, “हम जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को उठाएंगे और DMK की विफलताओं को उजागर करेंगे।”
“2026 में NDA की सरकार बनेगी!” – अमित शाह का दावा
पिछले लोकसभा चुनाव में BJP को Tamil Naduमें कोई सीट नहीं मिली थी, लेकिन अमित शाह ने इस बार आत्मविश्वास दिखाते हुए कहा कि “2026 के विधानसभा चुनाव में NDA भारी बहुमत से जीतेगी और राज्य में सरकार बनाएगी।” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 2016 में जे. जयललिता के निधन के बाद AIADMK ने BJP के साथ हाथ मिलाया था, और 2021 के चुनाव में इस गठबंधन ने चार सीटें जीती थीं। हालांकि, 2023 में AIADMK ने BJP से अलग होने का फैसला किया था, लेकिन अब एक बार फिर दोनों दल एक साथ आ गए हैं।
क्या DMK के लिए बड़ा खतरा?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि AIADMK-BJP गठबंधन DMK के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। DMK ने पिछले चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन अब NDA के पास मोदी की लोकप्रियता और पलानीस्वामी का स्थानीय नेतृत्व है। अगर BJP अपने संगठनात्मक ताकत का इस्तेमाल करती है, तो चुनावी समीकरण बदल सकते हैं।
तमिलनाडु में NDA की रणनीति क्या होगी?
सूत्रों के मुताबिक, BJP और AIADMK मिलकर हिंदी विरोधी भावनाओं को कम करने और विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा, मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ तमिलनाडु तक पहुंचाना भी NDA का प्रमुख एजेंडा होगा।
क्या जनता AIADMK-BJP को मौका देगी?
तमिलनाडु की जनता अब तक DMK और AIADMK के बीच झूलती रही है, लेकिन इस बार BJP के शामिल होने से राजनीतिक समीकरण नया मोड़ ले सकता है। अगर NDA जातिगत समीकरणों को साधने में सफल होती है और युवाओं को आकर्षित कर पाती है, तो 2026 का चुनाव बड़ा उलटफेर ला सकता है।
क्या तमिलनाडु में बदलेगा राजनीतिक समीकरण?
अमित शाह के इस ऐलान ने तमिलनाडु की राजनीति में नया मोड़ दे दिया है। अब देखना होगा कि DMK इस चुनौती का सामना कैसे करती है और क्या AIADMK-BJP गठजोड़ राज्य की सत्ता पर कब्जा कर पाएगा। एक बात तय है – 2026 का तमिलनाडु चुनाव रोमांचक होने वाला है!
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