एआरटीओ विभाग मुज़फ्फरनगर का अधिकारी चला रहा दलाल द्वारा दी हुई विवादित कार।
एआरटीओ विभाग में एक सीनियर पद पर तैनात एक अधिकारी पर इन दिनों एक विवादित कार को लेकर उसके लाभ लेने का आरोप लगा है। एक दलाल द्वारा अपने लाखों के लाभ लेने के चलते अधिकारी को उसके घर आने जाने के लिए एक विवादित कार की फ्री सर्विस दी जा रही है।
एआरटीओ विभाग के इस अधिकारी ने अपना सम्पूर्ण खर्च का जिम्मा इस तथाकथित दलाल को दे रखा है, दलाल के द्वारा उस अधिकारी से एआरटीओ में अपनी समस्त फाइलें पास कराने का लालच देखकर एक फाइनेंस की विवादित कार को अधिकारी की सेवा में लगाया हुआ है।
मामला खतौली निवासी एक एआरटीओ के निकट मार्किट में अपनी दुकान चलाने वाले दलाल से जुड़ा है। जिसका एआरटीओ विभाग में दलाली का सिक्का चलाता है।
नंबर 02 के काम मे माहिर ये दलाल लोगों को ज़्यादा का फ़ायदा देकर एआरटीओ विभाग से किसी भी काम को कराने का हुनर रखता है। इतना ही नही अपने कारनामों में यह दलाल विभाग के अधिकारियों से एक चुटकी में किसी भी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करवाने की कसमें तक खा कर लोगों से अपना उल्लू सीधा कर उनसे पैसे एठने का हुनर रखता है।
ऐसा नही की इस हुनर में उसका कोई साथ नही देता बल्कि एआरटीओ विभाग में एक अधिकारी को तो इस दलाल ने एक विवादित फाइनेंस की कार लेकर चलाने के लिए तक दे रही है
ताकि उसके काम मे कोई बाधा ना आ सके। हुंडई कंपनी की एक कार का लाभ लेने वाले इस अधिकारी का नाम तो हम अपने अगले पार्ट में बताएंगे
लेकिन जिस प्रकार से एआरटीओ विभाग में इस दलाल का वर्चस्व बना हुआ है इससे तो ये साफ़ होता है कि एआरटीओ विभाग में दलालों के साथ अधिकारियों की साठ गांठ एक बड़े भ्रष्टाचार को जन्म देकर योगी और मोदी सरकार को ठेंगा जरूर दिखा रही है।