तेज रफ्तार ट्रैक्टर बना मौत की सवारी: हाईवे पर बुजुर्गों को कुचलता हुआ निकल गया, एक की मौत, दूसरा Muzaffarnagar अस्पताल में जिंदगी की जंग में!
मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) में एक दिल दहला देने वाली सड़क दुर्घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है। फुगाना थाना क्षेत्र में स्थित मेरठ-करनाल हाईवे पर एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्रॉली ने दो बुजुर्गों को रौंद दिया, जिससे एक की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई जबकि दूसरा जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है। यह हादसा लोई गांव के पास हुआ, जब दोनों बुजुर्ग खरड़ गांव से लौटकर अपने घर जा रहे थे।
🚨 हादसा या लापरवाही का खौफनाक चेहरा?
यह घटना केवल एक हादसा नहीं बल्कि सड़क पर दौड़ती रफ्तार और लापरवाही का वो वीभत्स चेहरा है, जिसे देखकर किसी का भी दिल कांप जाए। मृतक की पहचान 50 वर्षीय सनसवीर पुत्र अज्ञात निवासी कमरूद्दीन नगर के रूप में हुई है, जबकि गंभीर रूप से घायल व्यक्ति हरपाल (65) पुत्र अज्ञात निवासी दुर्गनपुर बताया गया है।
📷 CCTV फुटेज ने खोला राज
हादसे की तस्वीरें आस-पास लगे CCTV कैमरों में कैद हो चुकी हैं। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दोनों बुजुर्ग एक मोटरसाइकिल पर सवार होकर हाइवे क्रॉस करने की कोशिश कर रहे थे, तभी तेज रफ्तार में आ रही ट्रैक्टर-ट्रॉली ने उन्हें सामने से टक्कर मार दी। न ट्रैक्टर रूका, न चालक ने पीछे मुड़कर देखा। नतीजा—एक की मौके पर ही मौत और दूसरा गंभीर घायल।
🛑 ट्रैक्टर की रफ्तार बनी काल
सीसीटीवी फुटेज में यह भी देखा गया कि ट्रैक्टर की रफ्तार अत्यधिक तेज थी, जो कि इस हादसे का मुख्य कारण मानी जा रही है। आमतौर पर ट्रैक्टर और ट्रॉली को ग्रामीण परिवहन का साधन माना जाता है, लेकिन जब ये वाहन हाइवे पर रफ्तार पकड़ते हैं तो ट्रक और बस को भी पीछे छोड़ देते हैं।
👮♂️ पुलिस एक्शन में, आरोपी फरार
हादसे की सूचना मिलते ही फुगाना थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया और घायल हरपाल को नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। परिजनों को सूचना दे दी गई और मौके पर भारी संख्या में ग्रामीण भी जमा हो गए।
पुलिस ने ट्रैक्टर चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, लापरवाही से वाहन चलाने और फरार होने की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। फरार चालक की तलाश की जा रही है और CCTV फुटेज के आधार पर उसकी पहचान की जा रही है।
🚗 हाईवे पर रफ्तार का कहर: कोई सीख नहीं!
मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर और आसपास के इलाकों में हाईवे पर लगातार हो रही दुर्घटनाएं यह सवाल खड़ा कर रही हैं कि रफ्तार पर लगाम कब लगेगी? ट्रैक्टर-ट्रॉली जैसे वाहन, जिन्हें गांवों में खेती-किसानी के लिए इस्तेमाल किया जाता है, अब अवैध रूप से हाइवे पर दौड़ाए जा रहे हैं। इन पर न तो कोई नंबर प्लेट होती है, न ही ड्राइविंग लाइसेंस की कोई जांच।
⚠️ बिना नंबर, बिना नियम: ट्रैक्टर-ट्रॉली बनी चलती मौत
इस मामले में भी ट्रैक्टर के रजिस्ट्रेशन और चालक के दस्तावेजों की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। सवाल यह भी उठता है कि ऐसे वाहन कैसे हाइवे पर बेधड़क दौड़ रहे हैं? ट्रैक्टर चालक की गैर-जिम्मेदाराना हरकत से एक परिवार उजड़ गया और दूसरा अस्पताल में जिंदगी की दुआ मांग रहा है।
🏥 परिजनों की फरियाद और ग्रामीणों का गुस्सा
मृतक सनसवीर के परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। परिजनों ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाए और परिवार को उचित मुआवजा मिले। वहीं, गांव वालों ने भी इस प्रकार की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक ट्रैक्टर-ट्रॉली को हाइवे से हटाकर नियंत्रित नहीं किया जाएगा, ऐसे हादसे होते रहेंगे।
📣 स्थानीय प्रशासन और ट्रैफिक विभाग पर भी सवाल
यह हादसा स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करता है। हाइवे पर गश्त की क्या व्यवस्था है? ट्रैफिक नियमों की निगरानी कहां है? क्या रफ्तार सीमाओं का पालन किया जा रहा है? इन सवालों का जवाब देने के लिए न कोई अधिकारी सामने आ रहा है, न कोई ठोस प्लान।
💡 अब जरूरी है ठोस कदम
ट्रैक्टर-ट्रॉली की हाइवे एंट्री पर बैन
हर वाहन की रजिस्ट्रेशन जांच
सीसीटीवी निगरानी में सुधार
दुर्घटना-प्रवण क्षेत्रों की पहचान कर वहां स्पीड ब्रेकर और संकेतक लगाना
हिट एंड रन मामलों में सख्त सजा
🙏 एक जान गई, दूसरा अस्पताल में संघर्षरत
जहां एक ओर एक बुजुर्ग की मौत हो गई, वहीं दूसरे की हालत गंभीर बनी हुई है। परिवार वालों की आंखों में आंसू और दिल में इंसाफ की उम्मीद बाकी है। इस घटना ने न केवल दो परिवारों को झकझोर कर रख दिया, बल्कि पूरे क्षेत्र में भय और चिंता का माहौल बना दिया है।
📌 अंतिम बात: कब जागेगा सिस्टम?
हर हादसे के बाद जांच, रिपोर्ट, बयान और फाइलें बनती हैं लेकिन रफ्तार पर कोई लगाम नहीं लगती। यह हादसा एक चेतावनी है—एक चेतावनी सिस्टम को, ड्राइवरों को और उन जिम्मेदार अधिकारियों को जो सड़क सुरक्षा के नाम पर सिर्फ मीटिंग और प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं।
💥 ये हादसा एक और आंकड़ा नहीं, बल्कि एक परिवार का बिखराव है! अब वक्त है कि रफ्तार पर ब्रेक लगे, नहीं तो सड़कें सिर्फ दुर्घटनाओं की कहानियों से भरी रहेंगी।