स्वास्थ्य

Health को बर्बाद कर रहे ये सौंदर्य प्रसाधन? लिपस्टिक, बिंदी, इत्र से लेकर मक्खन तक बन रहे चुपचाप दुश्मन…

आज का दौर सौंदर्य और ग्लैमर का है, और इस दौड़ में महिलाएं और युवतियां दिन-ब-दिन अधिक सौंदर्य प्रसाधनों की ओर आकर्षित होती जा रही हैं। चाहे बात हो बिंदी, सिंदूर, लिपस्टिक, नेल पॉलिश, हेयर डाई या फिर महकते इत्र की—हर कोने में ग्लैमर छुपा है। लेकिन इस चकाचौंध के पीछे एक डरावना सच भी छिपा है, जो धीरे-धीरे महिलाओं की त्वचा और Health पर कहर बन कर टूट रहा है।

📍 बिंदी और सिंदूर – परंपरा या परेशानी?

भारतीय संस्कृति में बिंदी और सिंदूर नारी की पहचान माने जाते हैं। विशेष रूप से विवाहित महिलाएं माथे पर बिंदी और मांग में सिंदूर लगाती हैं। पर क्या आप जानती हैं कि इनमें छुपे रसायन आपकी त्वचा के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं?

डॉ. वेद प्रकाश, ग्रीन स्टार फार्मा के निदेशक, के अनुसार – “बिंदी के चिपकने वाले भाग में प्रयुक्त ‘पीटीवीए’ (Polyvinyl Acetate) और ‘रोसिन’ त्वचा पर एक्ज़िमा और पिग्मेंटेशन का कारण बन सकते हैं।” प्लास्टिक बिंदियों में प्रयोग होने वाला मरक्यूरिक सल्फाइड खासतौर पर एलर्जी और खुजली के लिए जिम्मेदार है।

इससे महिलाएं लालिमा, जलन, खुजली और कभी-कभी श्वेत कुष्ठ जैसी गंभीर चर्म Health समस्याओं से पीड़ित हो सकती हैं।

 

Health Cosmetics Are Quietly Ruining Health! From Lipstick And Bindi To Perfumes And Butter – Know The Hidden Dangers

💄 लिपस्टिक – Health/होठों की दुश्मन!

लिपस्टिक लगाना आज फैशन नहीं बल्कि स्टाइल स्टेटमेंट बन चुका है। लेकिन इसमें मौजूद ईओजिन हाई, पोपेलीन, मोम, और अन्य रसायन न केवल होठों को फटने का कारण बनते हैं, बल्कि कई बार होंठों का प्राकृतिक रंग भी बिगाड़ देते हैं। कुछ मामलों में तो होंठों पर पपड़ी जमने लगती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

लोग इन खूबसूरत रंगों में छिपे जहर को समझ नहीं पाते और अनजाने में अपनी त्वचा को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

💅 नेल पॉलिश और हेयर डाई – चमक से भरे ज़हर

नाखूनों को खूबसूरत दिखाने के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली नेल पॉलिश और बालों को रंगने वाली हेयर डाई में कई खतरनाक रसायन होते हैं, जिनसे त्वचा संबंधी रोग, नाखूनों की कमजोरी और फंगल इंफेक्शन जैसी समस्याएं पनपती हैं। इनमें फॉर्मल्डिहाइड, टोलुईन, और डीबीपी जैसे रसायन मौजूद रहते हैं, जो लंबे समय तक उपयोग करने पर कार्सिनोजेनिक प्रभाव तक डाल सकते हैं।

🌸 इत्र और डिओ – खुशबू से घातक एलर्जी

इत्र और डिओड्रेंट्स तो आज हर किसी की ज़रूरत बन गए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें मौजूद कृत्रिम खुशबू और रासायनिक तेलों की वजह से एलर्जी, त्वचा पर चकत्ते, सांस लेने में तकलीफ, और यहां तक कि हार्मोनल असंतुलन भी हो सकता है?

बाजार में बिकने वाले सस्ते परफ्यूम्स और डिओड्रेंट्स में इस्तेमाल होने वाले कृत्रिम यौगिक बेहद खतरनाक होते हैं, खासकर संवेदनशील त्वचा वालों के लिए।

👑 नकली जेवर – सुंदरता के नाम पर चर्म रोगों की सौगात

महिलाएं फैशन में नकली जेवर पहनना पसंद करती हैं, लेकिन ये गहने अकौता जैसे चर्म Health रोगों को जन्म देते हैं। कोबाल्ट और निथिल जैसी धातुएं, जो नकली गहनों में प्रयुक्त होती हैं, त्वचा के लिए खतरनाक होती हैं और इनके लगातार इस्तेमाल से त्वचा पर चकत्ते, सूजन, और एलर्जी जैसे लक्षण सामने आते हैं।

🥿 प्लास्टिक की चप्पलें – ज़मीन से जुड़ी हुई समस्या

रबड़ और प्लास्टिक से बनी चप्पलें और जूते न सिर्फ त्वचा को प्रभावित करते हैं, बल्कि इनमें इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स त्वचा में रिसकर अकौता और श्वेत कुष्ठ जैसे रोगों को न्योता देते हैं। यह खासकर उन लोगों में देखा गया है, जो लंबे समय तक रबर की चप्पलें पहनते हैं।

🧈 मक्खन – स्वाद नहीं, अब मौत की ओर बढ़ता कदम

यह बात चौंकाने वाली हो सकती है लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार मक्खन भी स्वास्थ्य के लिए उतना ही घातक है, जितना कि धूम्रपान। न्यूजीलैंड के ‘आकलैंड यूनिवर्सिटी’ के प्रोफेसर रॉड जैक्शन के मुताबिक, मक्खन और डेयरी उत्पादों में मौजूद सैचुरेटेड फैट्स दिल की बीमारियों को जन्म देते हैं।

भारत जैसे देश में, जहां अब खानपान में पाश्चात्य प्रभाव बढ़ता जा रहा है, मक्खन और चीज़ का अत्यधिक सेवन युवाओं में हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्याओं को जन्म दे रहा है। विशेषज्ञों की मांग है कि मक्खन के पैकेट्स पर सिगरेट की तरह चेतावनी छापी जानी चाहिए।


✅ क्या करें बचाव के लिए?

  1. प्राकृतिक उत्पादों का प्रयोग करें – एलोवेरा, हल्दी, चंदन, गुलाब जल आदि जैसे आयुर्वेदिक और घरेलू उत्पाद ज्यादा सुरक्षित हैं।
  2. प्रसाधनों का पैच टेस्ट करें – कोई भी नया प्रोडक्ट प्रयोग करने से पहले त्वचा पर थोड़ा लगाकर जांच करें।
  3. सस्ते उत्पादों से बचें – बहुत सस्ते सौंदर्य प्रसाधनों से दूरी बनाएं, खासकर अनजान ब्रांड्स से।
  4. होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक कॉस्मेटिक्स अपनाएं – इनमें साइड इफेक्ट्स कम होते हैं और त्वचा के अनुकूल होते हैं।
  5. त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लें – कोई भी एलर्जी या त्वचा समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

    📢 आखिर कब जागेगा समाज?

    सौंदर्य प्रसाधन भले ही तात्कालिक रूप से सुंदरता का भ्रम दें, लेकिन इनका दीर्घकालिक प्रभाव त्वचा, स्वास्थ्य और जीवन दोनों पर पड़ सकता है। समाज को अब सौंदर्य की नई परिभाषा गढ़नी होगी, जहां प्राकृतिकता और स्वास्थ्य को प्राथमिकता मिले। तभी सुंदरता सच्चे अर्थों में उजागर होगी।

    Dr. Ved Prakash

    डा0 वेद प्रकाश विश्वप्रसिद्ध इलेक्ट्रो होमियोपैथी (MD), के साथ साथ प्राकृतिक एवं घरेलू चिकित्सक के रूप में जाने जाते हैं। जन सामान्य की भाषा में स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी को घर घर पहुँचा रही "समस्या आपकी- समाधान मेरा" , "रसोई चिकित्सा वर्कशाप" , "बिना दवाई के इलाज संभव है" जैसे दर्जनों व्हाट्सएप ग्रुप Dr. Ved Prakash की एक अनूठी पहल हैं। इन्होंने रात्रि 9:00 से 10:00 के बीच का जो समय रखा है वह बाहरी रोगियों की नि:शुल्क चिकित्सा परामर्श के लिए रखा है । इनका मोबाइल नंबर है- 8709871868/8051556455

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