उत्तर प्रदेश

UP By-Election Results 2024: सीएम योगी का फिर चला जादू, बीजेपी ने मारी बाज़ी, सपा दो पर सिमटी

UP By-Election Results 2024 उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) ने बड़ी जीत दर्ज की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करिश्मा एक बार फिर दिखाई दिया, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) को सिर्फ दो सीटों पर संतोष करना पड़ा। इस उपचुनाव को लेकर पूरे देश की निगाहें उत्तर प्रदेश पर टिकी थीं, क्योंकि यह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले का एक अहम इम्तिहान था।

शुरुआती रुझानों में दिखी उलटफेर की तस्वीर

मतगणना की शुरुआत से ही बीजेपी ने बढ़त बना ली थी। शुरुआती रुझानों में बीजेपी और आरएलडी सात सीटों पर आगे थे। हालांकि, एक समय ऐसा भी आया जब सपा ने चार सीटों पर बढ़त बनाई। लेकिन यह बढ़त ज्यादा देर टिक नहीं सकी, और अंत में सपा सिर्फ दो सीटों तक सीमित रह गई।

सपा ने करहल और सीसामऊ सीटों पर जीत हासिल की। खास बात यह है कि सीसामऊ सीट पर सपा की नसीम सोलंकी ने शानदार जीत दर्ज की, जबकि करहल सीट पर तेज प्रताप यादव ने अपनी पार्टी के लिए जीत हासिल की।

बीजेपी का प्रदर्शन रहा दमदार

बीजेपी ने गाजियाबाद, मीरापुर, मझवां, कटेहरी, खैर, कुंदरकी और फूलपुर सीटों पर बड़ी जीत दर्ज की।

  • गाजियाबाद विधानसभा सीट: बीजेपी प्रत्याशी संजीव शर्मा ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को 69,676 मतों के भारी अंतर से हराया।
  • मीरापुर विधानसभा सीट: राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) की प्रत्याशी मिथलेश पाल ने सपा की सुम्बुल राणा को 29,867 वोटों से शिकस्त दी।
  • मझवां विधानसभा सीट: बीजेपी की सुचिस्मिता मौर्या ने यहां अपनी जीत तय कर ली है।
  • कटेहरी विधानसभा सीट: यहां बीजेपी के धर्मराज निषाद 11,000 वोटों से आगे रहे।
  • फूलपुर विधानसभा सीट: दीपक पटेल ने सपा के मो. मुज्तबा सिद्दीकी को 12,000 वोटों के अंतर से हराया।

सपा के लिए झटका, लेकिन करहल और सीसामऊ से राहत

समाजवादी पार्टी के लिए यह उपचुनाव किसी बड़े झटके से कम नहीं था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का चुनाव मानकर लड़ाई लड़ी थी। करहल सीट पर तेज प्रताप यादव की जीत सपा के लिए एकमात्र राहत रही।

बसपा और कांग्रेस का प्रदर्शन रहा फीका

इन उपचुनावों में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस के लिए कोई खास उम्मीद नहीं थी, और नतीजे भी वैसा ही रहे। बसपा ने सभी नौ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। कांग्रेस के समर्थन के बावजूद सपा को अपेक्षित परिणाम नहीं मिले।

भाजपा के लिए 2024 का संकेत

इस उपचुनाव के नतीजे 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी के लिए सकारात्मक संकेत हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रचार के दौरान हर क्षेत्र का दौरा किया और व्यक्तिगत रूप से चुनाव प्रचार में शामिल हुए। उनके नेतृत्व में बीजेपी ने अपनी मजबूत पकड़ दिखाई है।

राजनीतिक विश्लेषण और जनता का रुझान

विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी का विकास के एजेंडे और समाजवादी पार्टी के जातिगत समीकरणों में फंसी रणनीति के बीच बड़ा अंतर रहा। सपा अपने गढ़ में भी कुछ खास नहीं कर सकी, जिससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में निराशा देखने को मिली।

उपचुनाव का व्यापक महत्व

इन उपचुनावों ने यह भी साफ कर दिया है कि यूपी की राजनीति में जातीय और धार्मिक मुद्दों के बावजूद विकास और प्रशासनिक स्थिरता प्राथमिकता बनते जा रहे हैं। बीजेपी और आरएलडी का गठजोड़ इस बार भी कामयाब रहा, जबकि सपा अपने पारंपरिक वोट बैंक को बचाने में जूझती नजर आई।


उत्तर प्रदेश के इन नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी और आरएलडी का प्रदर्शन दिखाता है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष के लिए चुनौतियां और बढ़ने वाली हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता ने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्रदेश की जनता बीजेपी के साथ खड़ी है। वहीं, सपा और अन्य विपक्षी दलों के लिए यह समय आत्ममंथन का है।

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