उत्तर प्रदेश

Mirzapur News: भाजपा जिलाध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर गंभीर आरोप, कटीला तार लगाकर कब्जा

Mirzapur News: भाजपा जिलाध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर पर ग्राम सभा की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा है। उन पर यह आरोप बीजेपी के कार्यकर्ता प्रिंस सिंह ने लगाया है। प्रिंस ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है। इस मामले में अधिकारियों द्वारा दो बार रिपोर्ट बदली गई। बीजेपी कार्यकर्ता प्रिंस ने कहा कि जहां एक ओर सीएम योगी माफियाओं से जमीन मुक्त कराने में लगे हैं तो वहीं बीजेपी जिलाध्यक्ष बृजभूषण सिंह सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास इसके सभी साक्ष्य है। उन्होंने कहा कि बीहड़ की जमीन पर जिलाध्यक्ष और उनके परिवार के लोग कटीला तार लगाकर कब्जा कर लिए हैं।

बीजेपी कार्यकर्ता पड़री के चंदलेवा के रहने वाले प्रिंस सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ से शिकायत में कहा है कि बृजभूषण सिंह जिलाध्यक्ष बनने के बाद जमीन पर बीहड़ की जमीन पर कब्जा किए हैं। यह जमीन 10 बीघा से अधिक है। शिकायत के बाद इस मामले की जांच के बाद एक बार रिपोर्ट लगाने के बाद उसे दुबारा बदला गया है। साथ ही रिपोर्ट में 1375 व 1376 फसली की खतौनी गायब होने की बात सामने आई है। वहीं एसडीएम सदर व अन्य आलाधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। 

प्रिंस सिंह के द्वारा सीएम योगी को दिए गए पत्र की जांच जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को दी गई। एसडीएम सदर की देखरेख में जांच के बाद रिपोर्ट प्रेषित की गई। जिसमें बताया गया कि गाटा संख्या 945/7 का रकबा 1372 से 1374 की फसल में बीहड़ के रूप में दर्ज है। साथ 1375 से 1376 फसली की खतौनी का बीहड़ का पृष्ठ गायब है। 1377 से लेकर 1379 फसली के खाता संख्या में राम अनुज सिंह व अरुण कुमार सिंह के नाम जमीन दर्ज है, जो लाल स्याही से दर्ज है। जांच में अंदेशा जताया गया है कि कोई रिपोर्ट रहा होगा, जिससे इन लोगों का नाम दर्ज है। जांच रिपोर्ट में यह भी दर्शाया गया है कि 1375 से 1376 फसली के खाता संख्या- 425 जीर्ण शीर्ण होकर फट गया है।

उस समय से जिलाध्यक्ष के पूर्वजों का नाम इसपर चला आ रहा है। पहली रिपोर्ट में यह भी दर्शाया गया था कि 1972 में आवंटन पत्रावली नहीं होती थी। भूमि प्रबंध समिति के ग्राम प्रधान द्वारा पट्टा किया जाता था। पट्टे के स्थान पर 57 ख की रसीद दी जाती थी, जिसके आधार पर नाम संबंधित का नाम दर्ज होता था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सम्पूर्ण जमीन श्रेणी 5 की भूमि है, जिसका आवंटन किया जा सकता है। वहीं नहर की जमीन पर विद्यालय बनाने के मामले में रिपोर्ट में बताया गया कि नहर की चैड़ाई 20 मीटर से अधिक है, इस पर विद्यालय का कोई कब्जा नही है। यह पहली रिपोर्ट 10 अप्रैल को भेजी गई थी।

प्रिंस सिंह की शिकायत के बाद पहली रिपोर्ट को बदल कर 13 अप्रैल को दूसरी रिपोर्ट लगाई गई। दूसरी रिपोर्ट में बीहड़ की जमीन पर कब्जा और अभिलेख की कहानी वही पुरानी रही, लेकिन बीहड़ की जमीन को श्रेणी से हटा दिया गया। इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि न्यायालय में असंतोष वाद भी दाखिल किया जा सकता है। आरबीएस शिक्षा निकेतन स्कूल की शिकायत की जांच की गई जो पहले से बना हुआ है, श्रेणी 6(2) स्कूल के नाम दर्ज है। वहीं जांच में जिलाध्यक्ष ने अपने बयान में कहा है कि इस स्कूल से उनका कोई वास्ता नही है.

एसडीएम सदर चंद्रभानु सिंह ने इस पूरे प्रकरण पर ज्यादा कुछ बताने से इंकार कर दिया। इतना बताया कि जो भी शिकायत की जा रही है, उसका अभिलेखों के आधार पर रिपोर्ट दी जा रही है। वहीं, जिलाध्यक्ष बृजभूषण सिंह का किसी भी प्रकार का स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है।

News-Desk

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