दिल से

विश्व के सारे वैज्ञानिकों को पीछे छोड़ रहा है Bihar- शराबकांड से Homeopathy के डॉक्टरों में आक्रोश

जी हां आपने बिल्कुल सही पढ़ा दोस्तों ! विश्व के सारे वैज्ञानिक मिलकर भी हमारे Bihar के जैसा काम नहीं कर पाते ! ऐसा मैं इसलिए बोल रहा हूं कि कोरोना काल में हमारे आयुष डॉक्टर सामने आए और काफी लोगों का झुकाव आयुष की तरफ हुआ। अभी हाल फिलहाल में बिहार के सिवान में लगभग जहरीली शराब से 75 लोगों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से बिमार हो गए

बिहार पुलिस व सरकार का कहना है कि जहरीली शराब Homeopathy दवाई से बनाई गई है। परंतु ऐसा आज तक पूरे संसार में कोई भी फार्मूला कोई भी साइंटिस्ट नहीं निकाल सका। ऐसा कोई फॉर्मूला पैदा ही नहीं हुआ।

किसी भी होम्योपैथिक (Homeopathy) स्टोर से ले जाए दवा; पुलिस बनाकर दिखाए शराब

पुलिस ने Homeopathy दवा/रसायन से बनी शराब को जिम्मेदार बताया है। इस मामले में मास्टरमाइंड राजेश सिंह उर्फ डॉक्टर समेत 5 को गिरफ्तार किया है। लेकिन क्या आपने कभी एक बार भी सोचा है कि क्या होम्योपैथी की दवा मिलाकर शराब बन सकती है?

  • उससे बनी शराब क्या जहरीली हो सकती है?
  • पूरे विश्व में पहली बार ऐसा देखने को मिला है कि शराब से ही सस्ता आखिर होम्योपैथ दवा है तभी तो ऐसा कर पाना संभव हुआ? 
  • होम्योपैथिक दवा से अगर शराब बनाने के फार्मूले किसी ने बनाए हैं तो उन्हें पुरस्कृत क्यों नहीं किया गया?
  • क्या होम्योपैथिक डॉक्टरों को होम्योपैथिक दवा से शराब बनाने के लिए सिखाया जाता है?
  • पुलिस की इस कहानी में कहां झोल है?

आप एक बुद्धिजीवी मनुष्य हैं आप में भी सोचने और समझने की शक्ति ईश्वर ने प्रदान किया है। आप खुद इन सब सवालों पर एक बार विचार करें।
इन सवालों को लेकर डॉ वेद प्रकाश का कहना है कि कोई ऐसा फार्मूला नहीं है, जो होम्योपैथ की दवा से शराब बनाई जा सकती है। अगर कोई ऐसे चमत्कारी बाबा हैं जो एक शीशी या दो शीशी मिलकार शराब तैयार कर दे तो सामने आए।

इससे पहले जानिए हुआ क्या था…

सारण के मशरख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 13 और 14 दिसंबर को अचानक आंख की रोशनी जाने और उल्टी दस्त के मरीज पहुंचने लगे। मौतों का सिलसिला शुरू हो गया। इलाज के लिए एक दर्जन एंबुलेंस लगा दी गई और डॉक्टरों के साथ पूरे जिले की मेडिकल टीम लगा दी गई। एक-एक कर लोगों की आंखों की रोशनी जाने लगी और किसी की सांस रुकने लगी तो कोई फेफड़े के इंफेक्शन से परेशान हो गया।

देखते ही देखते 72 घंटे में लाशों की ढेर लग गई। जहरीली शराब के पीड़ित गंभीर रूप से बीमार काल के गाल में समा गए। यह बिहार का पहला ऐसा मामला था, जब जहरीली शराब से 78 लोगों की मौत हो गई। शराब कांड की गूंज विधानसभा से लेकर लोकसभा में गूंजी, सरकार भी इस कांड से घिर गई।

अब पुलिस का दावा क्या है..

23 दिसंबर को सारण (छपरा) पुलिस ने शराबकांड पर बड़ा खुलासा किया। पुलिस ने दावा करते हुए कहा कि 13 और 14 दिसंबर को इशुआपुर, मशरख के साथ जिले के अन्य कई थाना क्षेत्रों में जहरीली शराब लोगों की मौत हुई।

पुलिस ने खुलासा करते हुए यह दावा किया कि मौत और बीमार होने के पीछे का कारण जहरीली शराब है। पुलिस के मुताबिक जांच के लिए गठित एसआईटी की तकनीकी अनुसंधान में पाया गया कि डॉक्टर उर्फ राजेश सिंह, शैलेंद्र राय एवं उसके अन्य सहयोगी द्वारा स्कॉर्पियो और अन्य गाड़ियों से Homeopathy दवाएं और रसायन का बोतल लाकर मिलावटी शराब बनाते थे, वह इसकी सप्लाई वेंडरों को कर देते थे। इसके बाद वह लोगों को बेची जाती थी।

पुलिस का दावा है कि ऐसी शराब पीने से ही लोग बीमार हुए और अधिक संख्या में मौत भी हुई। पुलिस ने यह भी दावा किया है कि क्षेत्र के डोइला में होम्योपैथी दवा की खाली बोतल और केमिकल को बरामद किया गया है। पुलिस का यह भी दावा है कि डोइला में ही Homeopathy और केमिकल से नकली शराब बनाई जा रही थी। पुलिस का दावा है कि राजेश सिंह पहले हरियाणा में था और वहीं से होम्योपैथ की जानकारी हो गई। वही दवा से शराब बनाने का फार्मूला लाया…।

  • पुलिस ने जहरीली शराब कांड के आरोपियों को जेल भेज दिया।
  • इस दावे पर होम्योपैथ के डॉ क्या कहते हैं..

सारण पुलिस के खुलासे के बाद से Homeopathy के डॉक्टरों में आक्रोश है। बिहार के सभी डॉक्टरों का कहना है कि पुलिस जांच को सीमित करने के लिए ऐसा करती है। पुलिस के खुलासे पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, पुलिस से ही फार्मूला पूछा जा रहा है कि आखिर कौन सा ऐसा साल्ट है जिसमें दवा मिलाने से शराब बन जाती है। अगर ऐसा है तो इतनी पढ़ाई करने के बाद वह अनजान हैं, एक अदना सा युवक दवा से शराब का निर्माण कर ले रहा है। अब सवाल यह है कि क्या पुलिस ने इसकी फोरेंसिक जांच कराई या फिर सिर्फ खाली बोतल बरामद होने से होम्योपैथी की दवा को जिम्मेदार ठहरा दिया।

पुलिस के दावों को लेकर जब पड़ताल में डॉक्टरों से बात की तो नई बात सामने आई। डॉक्टरों के एसोसिएशन ने कहा, यह तो होम्योपैथिक को बदनाम करने की साजिश है। होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के बिहार शाखा के अध्यक्ष डॉ संजीव कुमार सिंह का कहना है कि जहरीली शराब में होम्योपैथी दवा का नाम आना दुखद है। सरकार से मांग है कि इसकी गंभीरता देखी जाए और बारीकी से जांच कराई जाए। होम्योपैथी दवा है, दवा से शराब नहीं बनाई जा सकती है।

होम्योपैथी दवा का प्रिजर्वेशन अल्कोहल में यानी स्प्रिट में होता है। इसे सरकार के साथ आम लोगों काे भी समझना होगा। कहीं से ऐसा नहीं हो सकता है कि होम्योपैथी दवा से शराब बनी हो और उसे पीने से सारण में लोगों की मौत हुई। यह कहीं से मान्य नहीं है, एक होम्योपैथी डॉक्टर होने के कारण हम इसे पूरी तरह से नकार रहे हैं। सरकार से कहना है कि पुलिस जड़ तक जाए और सच्चाई बाहर लाए। जहां तक बरामद दवा की बात है, तो खाली बोतल का इस्तेमाल हो सकता है। बोतल के आधार पर दवा से शराब बनाने का दावा बड़ा सवाल है।

दवा से शराब बन जाए तो बड़ा चमत्कार

Bihar के जाने माने Homeopathy चिकित्सक डॉ. वेद प्रकाश का कहना है कि अगर निगेटिव करना हो तो कुछ भी हो सकता है। दवा और दारू में बड़ा फर्क है। दवा ही स्प्रिट है, इसे स्प्रिट में मिलाने से कुछ नहीं होगा। दवा में 90 प्रतिशत अल्कोहल और 10 प्रतिशत दवा होती है। दवा को संरक्षित करने के लिए ही अल्कोहल का निर्माण किया गया। दवा को शक्तिकृति करने और अधिक समय तक संरक्षित करने के लिए ही अल्कोहल में बनाया जाता है। दवा का रिएक्शन कराकर शराब बनाई ही नहीं जा सकती है। जितना दवा में अल्कोहल है, बस वही है। ऐसी कोई विधि नहीं है कि इस दवा को मिलाकर शराब बना दी जाए।

विश्व के सारे वैज्ञानिक तो दूर की बात है,कोई बाबा भी नहीं दिखा सकता ऐसा करिश्मा

हरिओम होम्यो कल्याणपुर के डॉक्टर नीतीश दुबे का कहना है कि अगर ऐसा कोई फॉर्मूला सामने आया है तो सरकार ही बताए। मेरे अब तक की पढ़ाई में कहीं ऐसा नहीं मिला है। होम्योपैथी में कोई ऐसी दवा ही नहीं जिससे शराब का निर्माण कर दिया जाए। यह भ्रांतियां हैं, हम चैलेंज कर रहे हैं। अगर दवा सीधा पी जाए तो नशा हो सकता है, लेकिन इससे शराब नहीं बना सकते है। पुलिस दावा कर रही है तो शराब बनवाकर बनाकर दिखवा दे।

पुलिस के इस दावे पर एक और जहां हंसी आ रही है वहीं दूसरी हो सारे होम्योपैथिक डॉक्टरों में हड़कंप सा मच गया है। क्योंकि ऐसा कोई एवीडेंस ही नहीं है। डॉ नीतीश दुबे का कहना है कि अगर कोई ऐसे चमत्कारी बाबा हैं जो एक शीशी या दो शीशी मिलकार शराब तैयार कर दें तो आएं और हम सब डॉक्टर हैं बनाकर दिखाएं। आश्चर्य कि पुलिस ऐसी बातों को बिना प्रमाणित किए मान गई और होम्योपैथी दवा से शराब बनाने की कहानी को प्रसारित करा दी। यह होम्योपैथिक चिकित्सा क्षेत्र के लिए दुर्भाग्य की बात है।

डॉक्टर का दावा होम्योपैथी दवा से नहीं बनती शराब

होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के बिहार शाखा के अध्यक्ष डॉ संजीव कुमार सिंह का कहना है कि होम्योपैथी दवा से शराब नहीं बन सकती है। ऐसा कोई फॉर्मूला नहीं है, जिससे होम्योपैथी दवा से शराब का निर्माण कर लिया जाए। अगर ऐसा होता तो केमिकल में 4 बूंद दवा डालकर शराब बना दिया जाता। कोई ऐसा फॉर्मूला है ही नहीं है जिससे दवा से शराब बन जाए।

अगर ऐसा होता तो क्लिनिक पर ही सवाल खड़े हो जाते हैं। ऐसे में पुलिस के दावों पर सवाल है। होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की तरफ से मांग है कि डॉक्टरों के बीच जो भय का माहौल बना है, इसे गंभीरता से लिया जाए। पुलिस तह तक जाए और जो सच्चाई हो उसे बाहर लाए, ऐसे किसी दवा या पद्धिति को बदनाम न किया जाए।

25 साल के अनुभव में पहली बार पुलिस का चमत्कार देखा

देश में बिकने वाली प्रमुख दवा कंपनी बर्नेट होम्योपैथी के मैनेजर सैफ रहमान का कहना है कि 25 साल के अनुभव में अब तक ऐसा चमत्कार नहीं देखा। अब तक कहीं देखा ही नहीं कि होम्योपैथ की दवा से शराब बना दी जाए। देश के जाने माने होम्योपैथ के डॉक्टरों और रिसर्चरों के साथ काम करने व सीखने का मौका मिला लेकिन ऐसा मामला पहली बार सुना है।

होम्योपैथ की दवा 100 और 99.9 प्रतिशत वॉल्यूम टू वॉल्यूम अल्कोहल होता है। यूज और मिस-यूज है, दवा और नुकसान होता है। अपने इतने बड़े अनुभव में मैने इससे शराब बनाने का न सुना न देखा है। पुलिस का दावा करने से पहले लैब में जांच कराना चाहिए, क्योंकि इससे पूरी पद्धति पर सवाल खड़ा कर दिया गया है। ऐसे ही आरोप लगा देना गंभीर मामला है।

इंडियन एचपीआई के हेड डॉक्टर पीएन वर्मा से मैने ट्रेनिंग ली है, वह भी ऐसा कोई प्रयोग नहीं बता पाए हैं। दवा को लेकर अक्सर एक्सपर्ट से बात होती है। भारत के अच्छे अच्छे रिसर्च एंड डेवलपमेंट वाले होम्योपैथिक डॉक्टरों से मुलाकात होती है, लेकिन पुलिस ने जो फॉर्मूला बताया कि वह कभी सामने आया ही नहीं।

शराबकांड में होम्योपैथ कनेक्शन के कई सवाल

  • होम्योपैथी दवा की कीमत अंग्रेजी शराब से भी महंगी है।
  • शराब बनाने वालों ने कैसे 20 से 25 रुपए में 250 ग्राम शराब बेची।
  • मरने वालों की प्रोफाइल ऐसी नहीं कि होम्योपैथ दवा शराब के रूप में रोज पीएं।
  • बिहार में 30 एमएल से बड़ी फाइल पर प्रतिबंध है तो कैसे उसका उपयोग किया गया।
  • अगर होम्योपैथ से शराब बनाने का खुलासा हुआ तो पुलिस ने एक्सपर्ट को बुलाकर इसकी सच्चाई क्यों नहीं जानी।

जानिए होम्योपैथिक दवा का अल्कोहल कनेक्शन-

  • ज्यादातर मूल औषधि का एक भाग के 9 गुणे अल्कोहल में मिलाकर बनाई जाती है।होम्योपैथी दवा का मुख्य संगठक पेड़ पौधे, जीव, मिनिरल तत्व, सूर्य के प्रकाश और अन्य चीजों से बनाया जाता है।
  • होम्योपैथिक दवाएं क्रूड फॉर्म में, लिक्विड फॉर्म, के रूप में या अन्य रूप में बनाई जाती हैं।होम्योपैथ की दवा की शक्ति को लंबे समय तक कायम रखने के लिए अल्कोहल में इसे बनाया जाता है।अगर बिना अल्कोहल के दवा बनाई जाए तो इसकी शक्ति कम होगी और बहुत जल्द खराब हो जाएगी।
  • जिस बीमारी की दवा होती है वह उसी बीमारी जैसा लक्षण पैदा करने की गुण वाली होती है।लोहे को लोहा ही काटता है, इसी आधार पर होम्योपैथी दवा की पद्धति काम करती है।
  • जैसे एक गिलास दूध को 9 गिलास पानी मिलाकर पतला दूध बनाते हैं, ऐसे दवा एक भाग 9 भाग अल्कोहल रखते हैं।
    दवा के प्रकार के हिसाब से ही अल्कोहल का प्रतिशत कम ज्यादा किया जाता है।
  • होम्योपैथ की कई दवाएं 90 से 93 प्रतिशत अल्कोहल वाली होती हैं, इसे पीकर नशा होगा लेकिन ऑर्गन फेल होने का डर होगा
  • होम्योपैथ की दवा बिना अल्कोहल के बन ही नहीं सकती है, इसे अल्कोहल से शक्तिकृत किया जाता है।
  • आम तौर पर 12 से 1300 डायलूशन की दवाएं डॉक्टर इस्तेमाल करते हैं।
  • होम्योपैथी दवा के डायलूशन में 90 प्रतिशत अल्कोहल होता है जबकि मदर टिंचर 60 से 70 प्रतिशत अल्कोहल होता है।
  • इसे केमिकल में मिलाया जाता है ताक अल्कोहल डायलूट होता है यानी पावर कम होता है।

कोरोना में जिन दवाओं से बची जान उसी पर सवाल

Bihar के प्रमुख होम्योपैथ चिकित्सक डॉ नीतीश दुबे ने बताया कि आज पुलिस और सरकार होम्योपैथ दवा पर सवाल खड़े कर रही है, जबकि कोरोना की दोनों लहर में आयुष मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की थी। आयुष मंत्रालय की एडवाइजरी में कोरोना की पहली लहर में होम्योपैथी दवा आर्सेनिक अल्बम खाने की सलाह दी गई थी। इसमें 30 एमएल की फाइल में 93 प्रतिशत अल्कोहल होता है

यानी दवा महज एक प्रतिशत और बाकी का हिस्सा अल्कोहल होता है। वहीं दूसरी लहर में आयुष मंत्रालय की एडवाइजरी में एस्पिडो स्पर्मा दवा को खाने की सलाह दी गई थी। इस दवा की 30 एमएल फाइल में 90 प्रतिशत अल्कोहल होता है। ऐसे ही सभी दवा में अल्कोहल होता है, यह इसलिए मिलाया जाता है जिससे दवा का पावर लंबे समय तक रहे। एक्सपर्ट का कहना है कि अल्कोहल और होम्योपैथ दवा का कॉम्बिनेशन है, एक दूसरे के बिना दवाएं बनाना संभव ही नहीं।

Bihar में शराबबंदी के बाद जानिए बदलाव

  • शराबबंदी के बाद सबसे बड़ा बदलाव होम्योपैथी दवा को लेकर हुआ।
  • सरकार ने होम्पयोपैथी दवा की बड़ी फाइलों की बिहार में बिक्री पर रोक लगा दी।
  • दवा की दुकानों और डिस्पेंसरी के साथ दवा बनाने वाली कंपनियों पर सख्ती की गई।
  • 30 एमएल की शीशियों में ही दवाएं बेचने का नियम बना दिया गया।
  • छोटी शीशियों के कारण बिहार में होम्योपैथी दवा से इलाज महंगा हो गया।
  • सरकार ने शराबबंदी में निगरानी के लिए होम्योपैथी RS दवा को पूरी तरह से बंद कर दिया।

Dr. Ved Prakash

डा0 वेद प्रकाश विश्वप्रसिद्ध इलेक्ट्रो होमियोपैथी (MD), के साथ साथ प्राकृतिक एवं घरेलू चिकित्सक के रूप में जाने जाते हैं। जन सामान्य की भाषा में स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी को घर घर पहुँचा रही "समस्या आपकी- समाधान मेरा" , "रसोई चिकित्सा वर्कशाप" , "बिना दवाई के इलाज संभव है" जैसे दर्जनों व्हाट्सएप ग्रुप डा0 वेद प्रकाश की एक अनूठी पहल हैं। इन्होंने रात्रि 9:00 से 10:00 के बीच का जो समय रखा है वह बाहरी रोगियों की नि:शुल्क चिकित्सा परामर्श के लिए रखा है । इनका मोबाइल नंबर है- 8709871868/8051556455

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