Uttar Pradeshमें ठंड का कहर, पछुआ हवाओं से तापमान गिरकर 6 डिग्री के आसपास, मौसम विभाग ने जताई नई चेतावनी
Uttar Pradesh में इस बार सर्दी ने अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिए हैं। खासकर मेरठ और आसपास के क्षेत्रों में पछुआ हवाओं ने ठंड को और अधिक बढ़ा दिया है। रविवार की रात को तापमान गिरकर 5.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि अयोध्या में भी 6 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया। यह स्थिति उन लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है जो ठंड से राहत पाने के लिए गर्म कपड़े और हीटर पर निर्भर हैं। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को प्रदेश के तराई और पूर्वांचल क्षेत्र में बादलों की आवाजाही होगी और बूंदाबांदी व हल्की बारिश की संभावना है।
पश्चिमी विक्षोभ का असर: मौसम में बदलाव
मौसम विभाग के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ का असर प्रदेश में देखने को मिल रहा है। इस प्रणाली के चलते दिन में बादलों की उपस्थिति और बूंदाबांदी से अधिकतम तापमान में गिरावट आई है। हालांकि, रात के समय पारे में 2 से 3 डिग्री तक उछाल देखा जा सकता है। उनका कहना है कि यह मौसम परिवर्तन अल्पकालिक है, लेकिन ठंड के प्रभाव से राहत मिलने में समय लगेगा।
ठंड का कहर: मेरठ और उरई में रिकॉर्ड तापमान
रविवार को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में तापमान गिरने का सिलसिला जारी रहा। उरई में सबसे अधिक 29 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जबकि मेरठ में यह 5.4 डिग्री सेल्सियस और अयोध्या में 6 डिग्री सेल्सियस रहा। यह तापमान इस समय की सर्दी के लिए सामान्य से काफी कम है, जिससे क्षेत्रीय निवासियों को ठंड से राहत पाने के लिए और अधिक प्रयास करने पड़ रहे हैं।
बुधवार के बाद कोहरे का खतरा
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि पश्चिमी विक्षोभ के गुजर जाने के बाद बुधवार से प्रदेश के तराई और पूर्वांचल क्षेत्रों में मध्यम से घने कोहरे की स्थिति बन सकती है। इसके चलते दृश्यता में कमी होगी और सड़क पर यात्रा करने वालों को दिक्कत हो सकती है। ऐसे में वाहन चलाते समय चालक को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
सर्दी से राहत पाने के उपाय
ठंड से राहत पाने के लिए लोग गरम कपड़ों का सहारा ले रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि वे ठंड से अधिक प्रभावित हो सकते हैं। इसके अलावा, गर्म पानी से स्नान करना और हॉट ड्रिंक्स का सेवन करना भी ठंड से राहत पाने का एक अच्छा तरीका है। कुछ स्थानों पर, स्थानीय प्रशासन द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने का भी प्रबंध किया गया है ताकि लोग ठंड से बच सकें।
मौसम का पूर्वानुमान: आने वाले दिनों में क्या होगा?
मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार से न्यूनतम तापमान में फिर से गिरावट आ सकती है। यह ठंड की स्थिति उस समय तक रह सकती है जब तक पश्चिमी विक्षोभ का असर पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ठंडी हवाओं का प्रवाह जारी रहा तो प्रदेश के कुछ हिस्सों में शीतलहर चलने की संभावना हो सकती है। इस दौरान, लोगों को बाहर निकलते समय पूरी तरह से ढककर और गरम कपड़े पहनकर निकलने की सलाह दी जाती है।
किसानों के लिए चेतावनी
पश्चिमी विक्षोभ और बढ़ती ठंड का खास असर किसानों पर भी पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में फसलों की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी फसलों को रात के समय कंबल या अन्य गर्म सामग्री से ढककर रखें। साथ ही, किसानों को रात के समय फसलों को पानी देने से बचने की सलाह दी गई है, क्योंकि ठंड से पानी के जमने की संभावना हो सकती है, जिससे फसल को नुकसान हो सकता है।
पर्यावरण पर प्रभाव
सर्दी का बढ़ना केवल मानव जीवन ही नहीं, बल्कि वन्यजीवों और पर्यावरण पर भी प्रभाव डालता है। ठंड से प्रभावित स्थानों पर वन्यजीवों की तलाश भोजन के लिए और अधिक बढ़ जाती है, जिससे उनका व्यवहार बदल सकता है। इस मौसम में पक्षियों के लिए खाद्य सामग्री की कमी हो सकती है, और लोग पक्षियों को दाना डालने की आदत डाल सकते हैं ताकि उनकी स्थिति को बेहतर बनाया जा सके।
इस बदलाव के दौरान, सभी को सतर्क रहना आवश्यक है। मौसम विभाग के सुझावों को गंभीरता से लें और ठंड से खुद को और अपने प्रियजनों को सुरक्षित रखें।