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मानहानि का मुकदमा लड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा दी गई 15 लाख रुपए की राशि वापस करने का निर्देश-Telangana High Court

Telangana High Court ने एक आइएएस अधिकारी को साप्ताहिक अंग्रेजी पत्रिका के खिलाफ मानहानि का मुकदमा लड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा दी गई 15 लाख रुपए की राशि वापस करने का निर्देश दिया है। तेलंगाना सरकार के एक आदेश (जीओ) को चुनौती देते हुए अगस्त 2015 में दो जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं।

जीओ में भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी स्मिता सभरवाल को एक खबर प्रकाशित करने को लेकर पत्रिका के प्रबंधन के खिलाफ जुर्माने की मांग के लिए दीवानी मुकदमा दायर करने के वास्ते अदालती शुल्क और खर्च के भुगतान की खातिर राशि देने का आदेश दिया गया था। सभरवाल ने आरोप लगाया था कि खबर और उसके साथ प्रकाशित एक कार्टून के जरिए उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई है।

Telangana High Court मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति अभिनंद कुमार शाविली की खंडपीठ ने हाल ही में पारित आदेश में सभरवाल को फैसले की तारीख से 90 दिनों के भीतर सरकार द्वारा स्वीकृत 15 लाख रुपए वापस करने का निर्देश दिया। आदेश के मुताबिक, अगर अधिकारी द्वारा उक्त राशि 90 दिन के भीतर वापस नहीं की जाती है तो राज्य उनसे 30 दिनों के भीतर इसे वसूल करेगा।

इसमें कहा गया है कि यह एक ऐसा मामला है, जिसमें आइएएस अधिकारी ने एक निजी कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और पत्रिका द्वारा प्रकाशित लेख में अधिकारी व मुख्यमंत्री के खिलाफ कुछ टिप्पणियां की गई थीं।

आदेश के अनुसार, आइएएस अधिकारी जुर्माने का दावा करने के लिए एक मुकदमा दायर करना चाहती थीं और यह निश्चित रूप से पत्रिका के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई नहीं है, लिहाजा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 282 को ध्यान में रखते हुए सभरवाल को ‘किसी भी सार्वजनिक उद्देश्य के लिए अनुदान’ शब्दावली के तहत मुकदमा लड़ने के वास्ते राशि नहीं दी जा सकती है।

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