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जामिया अल हिदाया जामिया नगर में अबुल कलाम आजाद की याद मे मनाया गया शिक्षा दिवस

चरथावल। ग्राम नंगला राई स्थित जामिया अल हिदाया जामिया नगर में आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद की याद मे शिक्षा दिवस मनाया गया जिसमें सामजसेवियो और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर सेवाएं प्रदान करने वाले लोगो को भी सम्मानित किया गया। चरथावल के ग्राम नंगला राई स्थित जामिया अल हिदाया जामिया नगर में आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद की याद मे शिक्षा दिवस मनाया।प्रोग्राम की अध्यक्षता हाफिज मोहम्मद फुरकान असअदी ने की जबकि संचालन जामिया अल हिदाय एवं अल हिदाय पब्लिक स्कूल के प्रबंधक मौलाना मूसा कासमी ने किया। इस अवसर पर छात्र,छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रोग्राम प्रसतुत किये।इस अवसर पर मौलाना मूसा कासमी ने कहा कि इस्लाम ने जितना जोर शिक्षा पर दिया है इतना किसी और चीज पर नहीं दिया उन्होंने कहा कि कुरान का सबसे पहला जो पैगाम था वह तालीम के संबंध में था मौलाना मूसा कासमी ने कहा कि सरकार को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नहीं बल्कि भविष्य में बेटा बचाओ बेटी पढ़ाओ का स्लोगन देना पड़ेगा क्योंकि लड़कियों के मुकाबले में लड़कों के शिक्षा के क्षेत्र में गिरावट आई है

इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए हाफिज फुरकान असअदी ने कहा कि दीनी शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक आधुनिक शिक्षा को भी सीखने के लिए कोशिश करनी होगी उन्होंने कहा अंग्रेजों ने जहां हम सबको धार्मिक तौर से बांटा है वहीं उन्होंने शिक्षा को भी दीनी और दुनियावी तालीम में बांट दिया, अंग्रेजों से पहले हर किसम की शिक्षा एक ही जगह पर मिलती थी मौलाना अबुल कलाम आजाद ने कहा था कि शिक्षा हासिल करो नौकरियों के लिए नहीं बल्कि बेहतर इंसान बनने के लिए इस अवसर पर किसान नेता अशोक बालियान ने अपने विचार रखते हुए कहा कि जीवन में शिक्षा सबसे अहम है। हर व्यक्ति का जीवन उसकी शिक्षा पर निर्भर होता है। जैसी शिक्षा व्यक्ति को दी जाएगी, उसका जीवन उसी अनुसार चलेगा। इसलिए समाज में क्रांति लाने के लिए शिक्षा के स्तर को सुधारना होगा। सभी धर्म एक समान है। यदि शुरू में ही बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास नहीं हो पायेगा, तो उसकी नींव कमजोर हो जायेगी। यूरोप के अनेक देशो में शिक्षा व्यवस्था को दुनिया की बेहतरीन शिक्षा व्यवस्था माना जाता है, वहां पर बच्चे छह साल के बाद स्कूल में दाखिला लेते हैं।

इस अवसर पर पत्रकार माजिद निजामी ने कहा कि आप किसी भी मजहब के मानने वाले हो ,अगर आपके पास अच्छी तालीम है तो उसी वक्त आप अच्छे इंसान बन सकते हैं स्वंत्रतासेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के तौर पर मनाया जाता है ,मौलाना कलाम की शख्सियत सिर्फ हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि विश्व पटल पर भी बड़ी शख्सियत थी ,मौलाना आजाद भी मदरसे के ही प्रोडक्ट थे, जिनकी शख्सियत को महात्मा गांधी भी बड़े सम्मान के साथ देखते थे इस अवसर पर दारुल उलूम देवबंद के उस्ताद मौलाना सदाकत कासमी ने कहा कि मुसलमान वह कौम है जिसको सबसे पहला जो हुकुम मिला वह तालीम का था, इंसान को रब्बे कायनात ने कलम के जरिए सिखाया शिक्षा का पैगाम आम है इसमें मर्द औरत सभी शामिल है, उन्होंने मौलाना कलाम के नजरिया ए तालीम पर बोलते हुए कहा कि बेहतरीन आलिम होने के साथ सिर्फ हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि वर्ल्ड लेवल पर एक बड़े माही रे तालीम थे ,वह उस समय भारत के शिक्षा मंत्री बने ,जब देश में तालिमी ढांचा बिल्कुल खत्म था

उन्होंने शिक्षा का ऐसा सिस्टम बनाया जो पूरी कौम को एकता के रास्ते पर लाता है, उन्होंने निजाम ए तालीम का जो नमूना पेश किया उसको हर एक भारतवासी ने तस्लीम किया, और वह नमूना तमाम धर्मों के लिए फायदेमंद था वह किसी भी धर्म और कल्चर के खिलाफ नहीं था, उनका एक नजरिया था कि तालीम बिल्कुल मुफ्त हो डिग्री हासिल करने और नौकरी हासिल करने के लिए तालीम न हो, बल्कि इंसान को इंसान बनाने के लिए हो।पत्रकार वसीम अकरम त्यागी ने कहा मौलाना अबुल कलाम आजाद आधुनिक भारत के निर्माता थे , उनके साथ सबसे अच्छी मोहब्बत यही होगी कि उनका मिशन है उनका पैगाम है उसको बढावा मिले इस अवसर पर हाफिज मोहम्मद फुरकान असअदी, मौलाना मूसा कासमी, अब्दुल माजिद निजामी व,सीम अकरम त्यागी ,मौलाना अहसान कासमी , कारी शोएब आलम, कारी शाहनवाज कासमी ,मौलाना जुनैद हाशमी साजिद अततार, अबरार अल्वी, प्रधान अफसरून डीलर ,अशोक बालियान प्रधान मतलूब राई, हाजी शमीम,हाजी गुलफाम, हाजी सलीम जावेद आलम, प्रिंसिपल मास्टर का सबिया खानम,आफरीन त्यागी, इफ्फत त्यागी, नुसरत जहां शाफिया राहत उपस्थित रहे।

News Desk

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