Muzaffarnagar और आसपास से प्रमुख खबरें

570 बीघा जमीन का शत्रु सम्पत्ति से कोई संबंध नहीं-आलोक स्वरूप

Whatsapp Image 2019 11 14 At 4.27.41 Pm |मुजफ्फरनगर। भोपा रोड स्थित एक होटल में आयोजित पे्रसवार्ता में उद्यमी आलोक स्वरूप व अनिल स्वरूप ने पे्रस को जारी किये गये बयान में कहा कि पिछले कुछ समय से नवाब सज्जाद अली की खेवट 4/1 में 570 बीघा जमीन के बारे में तरह तरह के समाचार प्रकाशित हो रहे है। इसके संबंध में उन्होंने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि 570 बीघा जमीन शत्रु सम्पत्ति नहीं है। उनका कहना है कि इस जमीन के मालिक नवाब सज्जाद अली खान ने 7 फरवरी 1942 को 5-5 हजार रूपये के दो चैक लेकर 10 हजार रूपये में लाला दीपचंद के नाम खेवट 4/1 की 570 बीघा जमीन का इकरारनामा किया था। इसके बाद नवाब सज्जाद अली खां ने दो माह बाद ही 58000 रूपये लाला दुर्गाप्रसाद से लेकर उनके हक में 4 अप्रैल 1942 को बैनामा कर दिया।

जब लाला दीपचंद को पता चला कि नवाब सज्जाद अली ने लाला दुर्गाप्रसाद को बैनामा कर दिया है तो उन्होंने सिविल कोर्ट प्रथम में एक वाद दायर किया। जिसका वाद नम्बर 4/1942 था। जिसमें सुनवाई के बाद 28 अप्रैल 1943 को लाला दीपंचद का दावा खारिज करते हुए दुर्गाप्रसाद के हक में निर्णय हुआ और उनका बैनामा न्यायालय ने सही माना। सिविल कोर्ट प्रथम मेरठ के फैसले के विरूद्ध लाला दीपंचद ने हाईकोर्ट में अपील की जिसका अपील नम्बर 410/1943 था। हाईकोर्ट की पूर्ण बेंच ने लाला दीपंचद द्वारा डाली गयी अपील को स्वीकार करते हुए छह वर्ष तक लम्बी सुनवाई की। हाईकोर्ट ने 12 मई 1949 को फैसले में दुर्गाप्रसाद के बैनामे को निरस्त कर दिया तथा मालिकाना हक लाला दीपंचद को दे दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट की पूर्ण बेंच ने आदेश दिया कि तीन माह के भीतर 62000 रूपये न्यायालय में जमा करेंगे तब न्यायालय ही लाला दीपंचद के नाम बैनामा आॅन बिहाफ ‘‘सज्जाद अली खां’’ करेगा। चूंकि नवाब सज्जाद अली खां पाकिस्तान चले गये थे

इसलिए सिविल जज प्रथम मेरठ के न्यायाधीश रमेश चंद सरीन ने 30 मई 1950 को लाला दीपंचद के हक में बैनामा कर दिया। न्यायालय द्वारा बैनामा लाला दीपंचद के हक में किये जाने के बाद लाला दुर्गा प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट इलाहाबाद के खिलाफ अपील दायर की। जिसका नम्बर एस.एल.पी.86/1950 था। वहां पर सभी पक्षों की तीन साल सुनवाई होने के बाद 18 नवम्बर 1953 को हाईकोर्ट द्वारा दिये गये निर्णय को सही मानते हुए लाला दीपंचंद की मिलकियत को सर्वोच्च न्यायालय ने सही माना। इस मामले में ही सर्वोच्च न्यायालय ने कस्टोडियन आॅफ आॅफ यू.पी. को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया था। कस्टोडियन आॅफ यू.पी. अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में पेश हुए तथा अपनी दलील रखी सर्वोच्च न्यायालय ने कस्टोडियन आॅफ यूपी की दलील को खारिज करते हुए उनका कोई अधिकार नहीं माना और लाला दीपंचद के स्वामित्व को बरकरार रखा।

आलोक स्वरूप ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि न्यायालय में जमा 62000 रूपये में से 58000 रूपये लाला दुर्गा प्रसाद को दिया जाये तथा शेष चार हजार रूपये कस्टोडियन को दिया जाये। यह भूमि देश की आजादी से पूर्व अर्थात सन् 1942 में नवाब साहब द्वारा बेची गयी थी और इसमे अहम दोनों पक्षकार भारत के नागरिक थे। इसलिए यह भूमि शत्रु सम्पत्ति होने का प्रश्न ही नहीं उठता। खेवट 4/1 रूस्तम अली खां के अंतर्गत आने वाली भूमि का पूरा भाग या कुछ भाग पटेलनगर, नई मंडी, द्वारिकापुरी, गांधी कालोनी, आदर्श कालोनी, लाला दीपंचद कालोनी, साकेत आदि कालोनियों में स्थित है। उक्त कालोनियों में रहने वाले लोगों के बैनामे लाला दीपंचद के परिवार के सदस्यों द्वारा ही किये गये है। खेवट 4/1 के अंतर्गत आने वाली 570 बीघा भूमि में से 40 बीघा जमीन हमारे पास है, बाकी सब भूमि उपरोक्त कालोनी में रहने वाले हजारों लोगों के पास है।

जिसका शत्रु सम्पत्ति से कोई संबंध नहीं है। पिछले कुछ समय से कुछ असमाजिक तत्व फर्जी शिकायते करके शत्रु सम्पत्ति विभाग भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन केा गुमराह कर रहे है। उनकी सभी शिकायते आधारहीन है। हमने जिला प्रशासन को कई बार पत्र लिखकर इस सारे प्रकरण की जांच तथा निस्तारण करने का अनुरोध किया जिससे जनता को सही स्थिति का पता चल सके। आलोक स्वरूप ने केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान का आभार जताया। जिसमें राज्यमंत्री संजीव बालियान ने जिलाधिकारी को दो पत्र लिखकर इस सारे मामले की जांच करने का अनुरोध किया है।

साथ ही उन्होंने इस सारे प्रकरण की सीबीआई से जांच कराने की भी मांग की है जिससे शासन प्रशासन केा गुमराह करने वाले असमाजिक तत्वों को चिन्हित कर उनके खिलाफ भी कडी कार्रवाई अमल में लाई जा सके। वार्ता में कुंवर आलोक स्वरूप, उद्यमी राकेश बिंदल, उद्यमी सतीश गोयल, समाजसेवी कुंवर देवराज पंवार, ललित माहेश्वरी, अनिल स्वरूप आदि मौजूद रहे।

 

News Desk

निष्पक्ष NEWS.जो मुख्यतः मेन स्ट्रीम MEDIA का हिस्सा नहीं बन पाती हैं।

News Desk has 15137 posts and counting. See all posts by News Desk

Avatar Of News Desk

Comments are closed.