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फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यशाला- “शासन, नेतृत्व और प्रबन्धन“ पर विस्तृत जानकारी दी

मुजफ्फरनगर। श्रीराम कॉलेज में शिक्षकों के शिक्षण कौशल को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिये चल रहीं 15 दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यशाला के 13वें दिन श्रीराम कॉलेज ऑफ मैनेजमेन्ट के प्रबन्धन विभाग के डीन डॉ0 पंकज शर्मा ने राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद के महत्वपूर्ण बिन्दू “शासन, नेतृत्व और प्रबन्धन“ पर विस्तृत वक्तव्य प्रस्तुत किया।

आज के कार्यक्रम में डॉ0 प्रगति सक्सैना, डीन मैनेजमेन्ट स्टडीज, हाइरैन्क बिजनेस स्कूल, नोएडा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। इस अवसर पर पावर पवाइंट प्रजेन्टेशन प्रस्तुत करते हुए डॉ0 पंकज शर्मा ने बताया कि किसी भी संस्था के लक्ष्य एवं उद्देश्यो की प्राप्ति उसके संचालन मण्डल की कार्यप्रणाली पर निर्भर करती है।

प्रबंध जगत में नेतृत्व का अपना एक विशिष्ट स्थान है एक संस्था की सफलता के लिए काफी हद तक नेतृत्व जिम्मेदार होता है। कुशल नेतृत्व के अभाव में कोई भी संस्था सफलता के सोपानो को पार नहीं कर सकती है। कोई भी संस्था तभी सफल हो सकती है जब उसके प्रबंधन ने नेतृत्व भूमिका का सही निर्वहन किया हो। संस्था की सफलता के लिए पर्यवेक्षण, प्रबंध तथा शासन का बहुत महत्व होता है।

प्रबंधक अपने नीचे काम करने वाले कर्मचारियों से अपने निर्देशानुसार ही कार्य करवाता है। जैसा प्रबंधक का व्यवहार होता है, जैसे उसके आदर्श होते हो, कर्मचारी भी वैसा ही व्यवहार निर्धारित करते हैं। इसलिए प्रबंधक का नेतृत्व जैसा होगा, कर्मचारी भी उसी के अनुरूप कार्य करेंगे। मुख्य अतिथि डॉ0 प्रगति सक्सैना ने कहा कि प्रत्येक समूह के लिए नेतृत्व की आवश्यकता होती है। चाहे वह राजनैतिक हो या सामाजिक, धार्मिक हो या औद्योगिक। शैक्षिक संगठन भी इससे अछूते नहीं है। कोई भी समूह बिना नेतृत्व के आस्तित्वहीन होता है। अधिकारियों को कर्मचारियों के सम्पर्क में रहना चाहिए

उन्हें एक इकाई के रूप में मानना चाहिए। इससे आपसी मतभेद, घृणा, द्वेष आदि को कम किया जा सकता है। अधिकारियों को चाहिए कि वे कर्मचारियों के साथ विचार गोष्ठी रखें और आपसी विचार-विमर्श द्वारा एक-दूसरे को समझें तथा समझौते के द्वारा समस्या का हल निकालें। तभी कोई भी संस्था या संगठन अपने लक्ष्यो को प्राप्त कर सकेगी। इसको दृष्टिगत रखते हुए नैक ने भी इस बिन्दु को अपने मूल्यांकन में शामिल किया हैं।

इस अवसर पर श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलेजेज़ के चेयरमैन डॉ0 एस0सी0 कुलश्रेष्ठ ने कहा कि विद्यार्थी का रोल मॉडल उसका गुरू ही होता हैं। शिक्षकों का व्यक्तित्व, ज्ञान और भाषा शैली, विद्यार्थियों पर अपनी छाप छोड़ देता है। ऐसे में शिक्षकों का दायित्व है कि वो अपने कौशल को निखारने के लिए निरन्तर प्रयासरत रहें। यहीं इस कार्यशाला का भी प्रमुख उद्देश्य है कि शिक्षक अपनी कमियों का आंकलन कर उन्हें दूर करें तथा अपने शिक्षण कौशल को विकसित करे।
इस अवसर पर श्रीराम कॉलेज के निदेशक डा0 आदित्य गौतम, श्रीराम कॉलेज की प्राचार्य डॉ0 प्रेरणा मित्तल, श्रीराम कालेज ऑफ इंजीनियरिंग के निदेशक डा0 आलोक गुप्ता, श्रीराम कॉलेज ऑफ लॉ के प्राचार्य डॉ0 आर0पी0 सिंह, श्रीराम कॉलेज आफ पोलिटैक्निक के प्राचार्य डा0 अश्वनी कुमार, डीन मैनेजमेन्ट पंकज कुमार, श्रीराम गर्ल्स कॉलेज के निदेशक डा0 मनोज धीमान, डीन कम्प्यूटर एप्लीकेशन निशान्त राठी तथा श्रीराम ग्रुप ऑफ कालिजेज के सभी संकायों के विभागाध्यक्ष एवं शिक्षकगण आदि उपस्थित रहें।

News Desk

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