Impotence लिंग का आंशिक या पूर्णतया दुर्बल होना ही नपुंसकता (नामर्दी): कैसे मनाए अपने कामदेव को?
इस प्रकृति के सभी जीव अपने सुःख के लिए लगातार परिश्रम या उपाय करते रहते हैं. इसी सुख को पाने के लिए प्राणी हर तरह का प्रयास करता है, सुख दो तरह का होता है- पहला शारीरिक सुख और दूसरा मानसिक सुख. यदि किसी को मानसिक और शारीरिक सुख दोनों मिल जाय तो उसे स्वर्ग सुख मिल जाता है. यदि यही सुख उसे न मिला तो जीवन नरक बन जाता है. सुख के विभिन्न आयाम है.
उन आयामों में एक है सेक्स, सेक्स के लिए नौजवान से लेकर बुढे तक परेशान होते हैं. यदि कोई पुरुष सेक्स में असफल हो जाता है तो वह अपने आप में ग्लानि महसूस करता है. इस ग्लानि का एक पड़ाव नपुंसकता है, नपुंसकता है क्या ? लिंग का आंशिक या पूर्णतया दुर्बल होना ही नपुंसकता (Impotence) है. इसे कुछ लोग नामर्दी भी कहते हैं. इससे प्रभावित व्यक्ति की लिंग की उत्थानशक्ति नष्ट हो जाती है.
रोगी मैथुन क्रिया नहीं कर सकता है. इससे प्रभावित व्यक्ति को लिंग की उत्थानशक्ति नष्ट हो जाती मैथुन क्रिया नहीं कर सकता है, इससे आक्रांत व्यक्ति को स्त्री प्रसंग करने की इच्छा तो होती है परन्तु सफल स्त्री प्रसंग करने में असमर्थ होता है. अधिकांशतः पुरूषों में यह अस्थायी होता है, मनुष्य भय, तनाव, बेचैनी के कारण सेक्स का पूर्ण आनन्द नहीं ले पाता है.
एक अहम प्रश्न- यह उठता है कि पुरुष नपुंसक होता ही क्यों है ? इस प्रश्न के उत्तर में अनेक कारण होते हैं. इन कारणों में से कुछ पर संक्षिप्त विवरण अधोलिखित है – एक सर्वे के अनुसार लगभग दस प्रतिशत पुरुष यौन क्षमता की परेशानी नपुंसकता (Impotence) से प्रभावित है. इन पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्सन की परेशानी अधि क होती है. यह परेशानी तंत्रिका अथवा रक्त वाहिनियों अथवा दोनों कारणों से हो सकता है.
यह परेशानी उम्र बढ़ने के साथ भी • बढ़ती है, प्रौढ़ावस्था में अथवा इससे अधिक उम्र वालों के बीच जब सर्वे किया गया तो पाया गया कि जिनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य ठीक है वे सेक्स का भरपुर आनंद उठा लेते हैं, जिन पुरुषों की रक्तवाहिनी नलियां संकुचित अथवा कमजोर हो गया है। उनमें रक्त संचार कम होता है. यौन उत्तेजना के समय मस्तिष्क और मेरूदण्ड से लिंग में रक्त भेजे जाते हैं जिससे लिंग में कड़ापन आ जाता है.
कुछ लोग जो मधुमेह से पीड़ित होते हैं वे भी नपुंसकता (Impotence) के शिकार हो सकते हैं, आधुनिक युग में खास कर के नवयुवक शराब, नशा का प्रयोग अधिक करते हैं वे भी इस रोग के शिकार अधिक होते हैं, कमर में चोट, प्रोस्टेट की बीमारी, एवं मल्टीपल एक्लोरोसिस से प्रभावित लोगों में भी नपुंसकता के अधिक मामले देखने को मिलते हैं.
नपुंसकता के लिए पुरुष हार्मोन भी बहुत हदतक जिम्मेवार होता है, जिस पुरुष में टेस्टोस्टेरोन नहीं बनता है अथवा क बनता है, वे भी इसके शिका
र हो सकते हैं. पुरूष हार्मोन में कमी होने पर विभिन्न प्रकार की विसंगतियां एवं विकृतियां उत्पन्न हो सकती है. इससे सेक्स में अरूचि उत्पन्न हो सकती है.
लिंग का हर्षितावस्था मानसिक संवेदना पर आधारित होता है. जब हमारी तंत्रिका तंत्र शिथिल हो जाती है तो मानसिक संवेदना नहीं मिल पाती है. फलतः लिंग में उत्थान नहीं हो पाता है. कुछ लोग अपने आपको कमजोर अथवा यौनिक क्षमता का आभाव समझ कर अपने को नपुंसक समझ लेते हैं, आधुनिक परिवेश में युवा वर्ग अथवा किशोरावस्था में हस्तमैथुन के शिकार हो जाते हैं. अत्यधिक हस्तमैथुन करना भी नपुंसकता की दहलीज पर ले जाता है. अत्यधिक स्वप्नदोष भी इसका एक कारण है.
Physical issues like heart disease, high cholesterol, high blood pressure, diabetes, obesity, and smoking can all cause erectile dysfunction
हृदय का रोग होना भी नपुंसकता का जड़ हो सकता है. हृदय की दुर्बलता के कारण सेक्स की इच्छा कम हो सकती है.. जब वह सेक्स करना चाहता है तो उसका हृदय गति बढ़ जाती है. कभी-कभी ऐसे व्यक्ति मुर्च्छित भी हो सकते है, नपुंसकता के और भी कई कारण है. जैसे थायरायड ग्लैण्ड का असामान्य होना, पिट्युटरी ग्लैण्ड का विकार आदि.
होमियो उपचार
1. हेमामेलिस: यह नपुंसकता दूर करने की अच्छी दवा है. सेक्स की अदम्य इच्छा हो परन्तु लिंगोत्थान का आभाव हो. यदि लिंगोत्थान हो भी जाय तो दर्द होने लगेगें. लिंगोत्थान के दौरान अंडकोष में दर्द होना. स्पर्मेटिक कॉर्ड में दर्द होना.
2. फ्लोरिक एसिड :- प्रौढ़ावस्था के उपरान्त गतिक्रिया की अधिक इच्छा अथवा अत्यधिक सेक्स करने के उपरान्त नपुंसकता होना हस्तमैथुन की आदत से पीड़ित होने के बाद नपुंसकता होना इससे प्रभावित लोगों की मानसिक स्थिति पर ध्यान देने पर लगता है कि वह शिष्टाचार और अनुशासित काम करना पसंद करता है. वीर्यपात खून के जैसा होना, लिंग पर गांठ होना, रात में स्वतः लिंगोत्थान होना, आंशिक नपुंसकता होने पर लिंग में दर्द होना,
3. एरिन्जीयम एक्वाटिकम :- लिंगोत्थान के बीना ही वीर्य गिर जाना, सेक्स की अदम्य इच्छा होना परन्तु लिंगोत्थान न होना, स्वप्नदोष होना.
4. कोनियम मैक :- इसे नपुंसकता नाशक भी कहा जा सकता है. रोगी को सेक्स की इच्छा होते ही लिंग शिथिल हो जाता है, अंडकोष में सूजन, गनोरिया के दब जाने के बाद नपुंसकता होना, लम्बे समय से हस्तमैथुन करने के बाद नपुंसकता (Impotence) , अंडकोष से पानी जैसा श्राव होना अथवा पसीना आना, अत्यधिक स्वप्नदोष होना, कमर दर्द होना, चोट के कारण से नपुंसकता होना आदि में उपयोगी है.