संपादकीय विशेष

बालिकाओं के पोषण, शिक्षा में हितकारी है, प्रदेश सरकार की कन्या सुमंगला योजना

मैं भी छू सकती हूँ आकाश, बस मौके की है मुझे तलाश। इसी मौके की मददगार है, प्रदेश सरकार की कन्या सुमंगला योजना। मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। इसी प्रतिबद्धता को निभाते हुए प्रदेश सरकार ने बालिकाओं के पोषण, शिक्षा एवं स्वावलम्बी बनाने में सहायता प्रदान करने एवं बालिका के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए 01 अप्रैल 2019 को प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश में कन्या सुमंगला योजना प्रारम्भ की गयी है।

कन्या सुमंगला योजना का लाभ प्रदेश के उन सभी बच्चियों को प्राप्त होगा जिनका परिवार उत्तर प्रदेश का मूल निवासी है एवं लाभार्थी की पारिवारिक आर्थिक आय अधिकतम 03.00 लाख रूपये वार्षिक है। इस योजना का लाभ परिवार की अधिकतम दो बच्चियों को दिया जाएगा, परन्तु किसी महिला को द्वितीय प्रसव में जुड़वा बच्ची होने पर तीसरी संतान के रूप में कन्या को भी लाभ अनुमन्य है। यदि किसी परिवार ने अनाथ बालिका को गोद लिया हो तो उसकी जैविक संतानों तथा विधिक रूप से गोद ली गई संतानों को सम्मिलित करते हुये अधिकतम दो बालिकायें ही इस योजना की लाभार्थी होंगी।

लाभार्थी का वर्गीकरण एवं उनके लिए धनराशि वितरण की यह योजना 06 श्रेणियों में लागू की गयी है प्रथम श्रेणी बालिका के जन्म पर एक मुश्त 02 हजार रूपये एवं द्वितीय श्रेणी में बालिका के एक वर्ष तक के पूर्ण टीकाकरण के उपरान्त 01 हजार रूपये लाभार्थी के खाते में सरकार द्वारा जमा की जायेगी। इसी प्रकार तृतीय श्रेणी के अन्तर्गत स्कूल में कक्षा प्रथम में बालिका के प्रवेश पर 02 हजार रूपये, चतुर्थ श्रेणी बालिका के कक्षा 06 में प्रवेश के उपरान्त 2000 हजार रूपये, पंचम श्रेणी के अन्तर्गत बालिका के कक्षा 09 में प्रवेश के उपरान्त 3000 हजार रूपये एवं षष्टम श्रेणी में बालिका के कक्षा 12 उत्तीर्ण करके स्नातक/दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेने पर 5000 हजार रूपये की एकमुश्त धनराशि लाभार्थी के खाते में सरकार द्वारा जमा किया जायेगा। इस प्रकार लाभार्थी के खाते में कुल 15 हजार रूपये विभिन्न श्रेणियों के तहत जमा किया जायेगा।
योजना के अन्तर्गत लाभार्थी को दी जाने वाली धनराशि  माध्यम से उसके बैंक खाते में हस्तान्तरित की जायेगी। लाभार्थी के अवयस्क होने की दशा में देय धनराशि लाभार्थी की माता के खाते में और माता की मृत्यु की दशा में पिता के खाते में हस्तान्तरित की जायेगी। लाभार्थी के वयस्क होने की दशा में दी जाने वाली धनराशि लाभार्थी के खाते में हस्तान्तरित की जायेगी।
इस प्रकार प्रदेश सरकार इस योजना के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या जैसे कुकृत्य एवं बाल विवाह की कुप्रथा पर कुठाराघात करते हुए एवं शिक्षा को प्रोत्साहन देकर बालिकाओं को स्वावलम्बी बनाते हुये महिला सशक्तीकरण की दिशा में ठोस कदम बढ़ाया है। प्रदेश सरकार नारी को एक ऐसा पर्यावरण देने की ओर अग्रसर है जिसमें हर नारी यह विश्वास करने लगी है कि नई है डगर, नया है सफ़र, मन मे यह ठाना है, बस आगे ही बढ़ते जाना है।

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