Mahoba: सात दिन से लापता किसान पप्पू सेन का शव कुएं में बोरे में बंद मिला
Mahoba के थाना श्रीनगर क्षेत्र के ननौरा गांव में हुए एक दुखद घटना ने समाज को गहरी चोट पहुंचाई है। एक किसान की लापता होने की खबर से शुरू हुई जो बाद में उसके शव के खोज में साबित हुई। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने समाज में आपसी भरोसे की कमी को दिखाया है, साथ ही किसानों की सुरक्षा और समर्थन में कमी की समस्या को भी उजागर किया है।
पप्पू सेन, जिसकी मौत की खबर ने गांव को झकझोर दिया, एक समृद्धि से दूर रहने वाले किसान के रूप में अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे। उनकी मौत की विवादित प्रक्रिया और उसके परिणामों ने गांव के लोगों को एक सच्चाई का सामना कराया है कि किसानों के जीवन में उत्पन्न होने वाली समस्याएं और उनकी सुरक्षा की कमी कितनी गंभीर है।
यह घटना समाज में एक मोरल दिवार के तौर पर खड़ी हो गई है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि हमारे समाज में किसानों के प्रति उनकी मूलभूत आवश्यकताओं और सुरक्षा की कमी की गंभीरता को गंभीरता से नहीं लिया गया है। इससे हमें यह सोचने पर मजबूर किया जाता है कि क्या हम अपने किसानों के लिए सही और सुरक्षित माहौल बनाने में पर्याप्त ध्यान और संरचनात्मक पहल कर रहे हैं।
इस घटना का समाज पर क्या प्रभाव हुआ है, यह भी महत्वपूर्ण है। गांव के लोगों के बीच भाईचारे और सामर्थ्य की भावना में कमी आई है। उनके बीच दरारें पैदा हो गई हैं जो समुदाय की एकता और एकात्मता को कमजोर कर रही हैं। इस घटना ने समाज को यह भी दिखाया है कि एक समृद्ध समाज की नींव उसके किसानों और उनके संघर्षों पर ही टिकी होती है।
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से हमें एक महत्वपूर्ण सवाल पर विचार करने को मिलता है – क्या हम अपने किसानों के प्रति उनकी मूलभूत आवश्यकताओं को समझने और समर्थन करने में पर्याप्त ध्यान दे रहे हैं? क्या हम उन्हें उनके योगदान की महत्वता को समझने के लिए प्रेरित कर रहे हैं? इससे हमें यह भी सोचने की जरुरत है कि क्या हमारी समाज में किसानों के योगदान को समझने और समर्थन करने के लिए पर्याप्त प्रतिबद्धता है।
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से हमें यह भी सिखने को मिलता है कि हमें अपने समाज में किसानों के योगदान को महत्व देना चाहिए और उनकी सुरक्षा और समर्थन में सकारात्मक कदम उठाने चाहिए। इससे हम समाज को एक सशक्त, सहयोगी और समर्थ समाज बनाने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
Mahoba थाना श्रीनगर के ननौरा गांव में सात दिन से लापता किसान का शव पानी भरे कुएं में बोरे के अंदर बंद मिला। किसान के हाथ-पैर बंधे थे और गला रस्सी से कसा था। सूचना पर पुलिस अधीक्षक अपर्णा गुप्ता, सीओ चरखारी रविकांत गोंड व थानाध्यक्ष अर्जुन सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए। मृतक के बेटों ने पिता की हत्या कर शव बोरे में बंद कर फेंकने का आरोप लगाया है।
ननौरा निवासी पप्पू सेन (44) दस बीघा भूमि में खेती किसानी करके परिवार का भरण-पोषण करता था। 25 अप्रैल की रात करीब नौ बजे वह भोजन करने के बाद घर से निकल गया। अगले दिन सुबह तक उसके वापस न लौटने पर परिजनों ने खोजबीन की पर कोई सुराग नहीं लगा।
पांच दिन खोजने के बाद पिता का पता न लगने पर बेटे जितेंद्र और नितेंद्र ने बुधवार की शाम थाना श्रीनगर पहुंच गुमशुदगी दर्ज कराई। गुरुवार की दोपहर गांव से एक किमी दूर ननौरा-करपहाड़िया मार्ग पर गोशाला के पास मिहीलाल अहिरवार के खेत में बने कुएं से दुर्गंध आने पर लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।