उत्तर प्रदेश

नाबालिगों के विवाह का मामला: बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई

 उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में नाबालिगों के विवाह का मामला सामने आया है। बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) द्वारा रोक लगाए जाने के बाद भी जिले के नरसैना थाना क्षेत्र के एक गांव में नाबालिगों का विवाह करा दिया गया। इसके बाद सीडब्ल्यूसी नाबालिगों की शादी कराने वालों के खिलाफ बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की तैयारी शुरु कर दी है, जिससे बाल विवाह कराने वालों में खलबली मच गई है।

मिली जानकारी के मुताबिक, थाना नरसैना क्षेत्र के एक गांव में 2 दिन पूर्व सीडब्ल्यूसी को नाबालिगों की शादी कराए जाने की सूचना मिली थी, तो टीम ने मौके पर पहुंचकर बाल विवाह को रुकवा दिया था, लेकिन बाद में परिजनों ने गुपचुप तरीके से नाबालिगों की शादी कर दी। शादी करने वाल किशोर व किशोरी नाबालिग बताये जा रहे हैं।

सीडब्ल्यूसी के सदस्य डॉ. भूपेंद्र सिंह ने बताया कि बाल विवाह रुकवाए जाने के दौरान किशोर के परिजनों ने भी शादी ना करने के शपथ पत्र समिति को दिए थे। मगर बाद में गुपचुप तरीके से किशोर-किशोरी के बाल विवाह उनके परिजनों द्वारा कर दिया गया। बाल विवाह अपराध है।

बाल कल्याण समिति के सदस्य डा. भूपेंद्र सिंह ने बताया कि यह बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की भावना के नितांत विपरित है तथा बालक के बालहित, मूलभूत अधिकारों, सामाजिक कल्याण, भावात्मक एवं शारीरिक विकास में बाधक है।  

 

News Desk

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