Meerut News: नौचंदी मैदान की करीब 50 हजार वर्गमीटर की जमीन पर भू-माफियों का कब्जा
Meerut News: नौचंदी मैदान पर अवैध निर्माण करने वाले वालों का मेले की जमीन पर कब्जा बरकार है। सूत्रों के अनुसार नौचंदी मैदान की करीब 50 हजार वर्गमीटर की जमीन पर भू-माफियों का कब्जा है। इसकी बड़ी वजह नौचंदी मैदान की भूमि के स्वामित्व को लेकर लंबे समय से चल रही नगर निगम और जिला पंचायत की लड़ाई बताई जा रही है।
शासन ने भले ही मैदान में लगने वाले नौचंदी मेले को प्रांतीय मेला घोषित कर दिया हो, लेकिन असल समस्या नौचंदी मैदान के मालिक को लेकर है। अभी तक जिला पंचायत और नगर निगम मैदान की भूमि पर अपना कब्जा बताते हुए उलझते रहे हैं। तमाम प्रयासों के बाद भी स्थिति अस्पष्ट ही रही। लेकिन मेला लगाने को लेकर अभी भी निगम और जिला पंचायत विभाग में ठनी हुई है। इस बार भी नौचंदी मेला लगाने की तैयारियों में निगम जुट गया है। निगम ने शासन को भी पत्र भेज दिया है, लेकिन मेले की जमीन का मालिक कौन है, अभी भी राज बना हुआ है।
एक वर्ष निगम तो, अगले वर्ष जिला पंचायत मैदान पर मेला लगाता है। इसके बाद मैदान को लावारिश छोड़ दिया जाता है। मैदान का स्वामित्व विवाद हल न होने के कारण करीब 50 हजार वर्ग मीटर भूमि पर अवैध कब्जा भी हो चुका है। पूर्व आयुक्त डा. प्रभात कुमार ने भूमि को कब्जा मुक्त कराकर मैदान की चहारदीवारी कराने का आदेश दिया, लेकिन बाद में तमाम विवादों के कारण जमीन कब्जा मुक्त नहीं हो सकी।
इसके बाद मेरठ की आयुक्त बनी अनीता सी मेश्राम ने टीम गठित कर मैदान के मालिक की तलाश शुरू कराई थी, लेकिन उनके मेरठ से स्थानान्तरण के बाद मामला जहां था फिर वहीं पहुंच गया। इससे पहले भी कई बार मैदान की भूमि की पड़ताल की जा चुकी है, लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। नगर निगम और जिला पंचायत मैदान पर लगने वाले नौचंदी मेले के आयोजन तक ही सिमटे हुए हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चैधरी के आग्रह पर डीएम दीपक मीणा ने सीडीओ की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर जांच कराई है। हालांकि अभी तक जांच रिपोर्ट का पता नहीं चल सका है। बता दें कि नगर निगम के रिकार्ड के मुताबिक सन् 1892 में करीब 11 बीघा जमीन नौचंदी मैदान के लिए लीज पर दी गई थी।