ठंड की दस्तक के साथ Muzaffarnagar में आपदा प्रबंधन ने जारी की एडवाइजरी, जिला प्रशासन की तैयारी तेज
Muzaffarnagar में जैसे ही ठंड की दस्तक सुनाई दी, जिला प्रशासन ने अपनी तैयारियों को और तेज कर दिया है। शीतलहर के मौसम के दौरान जनहानि और संकट से बचाव के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एडवाइजरी जारी की है। इसके साथ ही, ठंड में लोगों को सुरक्षा और राहत देने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। ठंड के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रशासन ने विशेष रूप से जरूरतमंदों को कंबल वितरित करने, शेल्टर होम्स की व्यवस्था करने और सड़कों की मरम्मत जैसे कार्यों को प्राथमिकता दी है।
जिला प्रशासन द्वारा तैयारियों को लेकर जारी निर्देश
Muzaffarnagar जिला प्रशासन ने ठंड के मौसम के दौरान विभिन्न विभागों और अधिकारियों के बीच जिम्मेदारियां बांटी हैं। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, गजेन्द्र कुमार ने बताया कि शीतलहर के प्रभाव से बचाव के लिए खास तौर पर गरीब और जरूरतमंद लोगों को कंबल बांटे जाएंगे। इसके साथ ही शेल्टर होम्स और अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। प्रशासन ने सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सड़कों के गड्ढे तत्काल भरे जाएं, डिवाइडर का मरम्मत कार्य पूरा किया जाए, और सड़क के विभिन्न हिस्सों पर आवश्यक पेंटिंग कार्य किया जाए।
सुरक्षा के उपायों में सड़क कार्य और यातायात नियमों पर जोर
अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सड़कों पर जिन जगहों पर दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं, उन स्थानों पर दुर्घटना रोकने के उपाय किए जाएं। सड़कों के किनारे और प्रमुख मार्गों पर सड़क पर बने गड्ढों को तत्काल ठीक किया जाएगा। साथ ही, प्रमुख सड़कें, मोहल्ले, और बाजारों में खराब या क्षतिग्रस्त लाइटें शीघ्र ठीक कराई जाएंगी। इस संबंध में विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि यातायात सुरक्षा के लिए सभी वाहनों पर नारंगी रंग के चेतावनी स्टीकर (रेडियम) लगाए जाएं, ताकि वाहन चालक अपनी गति नियंत्रित कर सकें और सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।
रैन बसेरों की व्यवस्था और कोविड-19 सुरक्षा उपाय
ठंड के मौसम में उन लोगों के लिए रैन बसेरों का निर्माण किया जा रहा है, जो सर्दी से बचने के लिए सड़क पर सोने पर मजबूर होते हैं। रैन बसेरों में सफाई, जलापूर्ति, विद्युत आपूर्ति, शौचालयों, कंबल, चादर, तकिया और गद्दे जैसी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। कोविड-19 के मद्देनजर, इन रैन बसेरों में सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन, मास्क, थर्मोस्कैनर और अन्य सुरक्षा उपायों की व्यवस्था भी की गई है। रैन बसेरों में सभी व्यवस्थाएं 24/7 क्रियाशील रहेंगी, ताकि कोई भी व्यक्ति ठंड में प्रभावित न हो।
अग्निकांड से बचाव और सुरक्षा
ठंड के मौसम में एक और अहम चुनौती आग लगने की घटनाएं होती हैं। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में जलाए जाने वाले अलाव को ठीक से बुझाए जाने की कमी के कारण अग्निकांड की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इसके लिए अग्निशमन विभाग ने सभी उपकेन्द्रों को आवश्यक संसाधनों के साथ सक्रिय रखने का निर्णय लिया है। ग्राम स्तर पर बैठकें आयोजित कर ग्रामीणों को अग्निकांड से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया जाएगा।
पशुओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान
ठंड में पशुओं की देखभाल भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन जाता है। खासकर बछड़ों में निमोनिया, डायरिया जैसी बीमारियों के खतरे बढ़ जाते हैं। इसके अलावा, टीकाकरण न होने के कारण खुरपका और मुंहपका जैसी बीमारियां भी फैल सकती हैं। जिला प्रशासन ने पशु चिकित्सकों के माध्यम से टीकाकरण और पशु सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि पशु केंद्रों पर सभी आवश्यक दवाइयां उपलब्ध रहें और पशु मालिकों को ठंड से बचाव के बारे में जागरूक किया जाए।
जागरूकता अभियान और प्रशासन की समर्पित कार्रवाई
इसके अलावा, ठंड के मौसम में सड़क पर सोने वालों और निराश्रितों के लिए रैन बसेरों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। प्रशासन ने यह भी निर्देश दिया है कि जिन क्षेत्रों में ठंड से प्रभावित होने की संभावना है, वहां के नागरिकों को नियमित रूप से अलाव जलाने के लिए प्रेरित किया जाए। इसके लिए स्थानीय प्रशासन, लेखपाल और ग्राम विकास अधिकारियों के माध्यम से स्वैच्छिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों से सहयोग लिया जाएगा।
ठंड के मौसम में प्रशासन की मुस्तैदी
ठंड का मौसम आते ही जिला प्रशासन ने सभी आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं ताकि इस दौरान किसी भी प्रकार की जनहानि न हो। शीतलहर से बचाव के लिए कंबल वितरण, रैन बसेरों की सुविधा, सड़क सुरक्षा, आग से बचाव और पशु सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इसके साथ ही, प्रशासन ने यातायात नियमों को लागू करने और जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया है। प्रशासन का उद्देश्य है कि ठंड के इस मौसम में सभी नागरिक सुरक्षित रहें और किसी भी प्रकार के संकट का सामना न करना पड़े।