श्मशान में लावारिस रखी 12 मृतको की अस्थियो का विसर्जन करके उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना
मुजफ्फरनगर। कोरोना महामारी के इस आपात समय मे जब कई जगह से दवाओं आक्सीजन की कालाबाजारी, अपनो को अपने द्वारा छोड़ देने की घटना, व अंतिम क्रिया तक न हो पाने की दुःखद खबर आ रही है ऐसे समय मे एक बार फिर साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट की अध्यक्ष क्रांतिकारी शालू सैनी मिशाल बनी है
जनपद मुज्जफरनगर के स्थानीय श्मसान घाट पर एक लावारिश लाश का अंतिम संस्कार करने पहुची क्रांतिकारी शालू सैनी ने जब वहां लावारिश अस्थियो को देखा तो उनसे रहा नही गया स्थानीय व्यवस्थापक ने बताया कि ऐसे करीब 12 व्यक्तियों की अस्थियां है जो या तो लावारिश है या कोरोना के डर से उनके परिवार वाले अस्थियां ले नही गए
अपने सामाजिक कार्य से मिशाल बन रही क्रांतिकारी शालू सैनी ने तत्काल निर्णय लिया कि वो इन अस्थियो का विसजर्न करेंगी जिससे धार्मिक मान्यता के अनुसार मृतको को शांति मिल सके
अपने संकल्प को पूरा करने के क्रम में उन्होंने सभी अस्थियो को एकत्र करके उन्हें अपने साधन से शुक्रताल लेकर गयी और वहाँ पावन गंगा जी मे श्रद्धा के साथ उनका विसर्जन करके उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की
’क्रांतिकारी शालू सैनी ने संगठन के साथ पिछले लॉक डाउन में भी जन जन तक भोजन नाश्ता इत्यादि सेवा पहुचाने के कार्य मे लगी थी अभी कुछ दिन पूर्व ही उन्होंने कोरोना से मृत्यु हुए व लावारिस लाशो के अंतिम संस्कार का बीड़ा भी उठाया है, क्रांतिकारी शालू सैनी द्वारा जिस तरह से 12 मृतको की अस्थियो का श्रद्धा पूर्वक विसर्जन किया गया वो अन्य सभी के लिए मिशाल है
क्रांतिकारी शालू सैनी ने कहा कि वो और उनका संगठन साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट इस तरह के कार्य जीवनपर्यंत करते रहेंगे, क्रांतिकारी शालू सैनी द्वारा आज किये गए विसर्जन की चर्चा सिर्फ मुजफरनगर ही नही अन्य कई जिलों में हो रही है
कई सम्मानित व्यक्तिओ और संस्थाओ ने उत्तरप्रदेश सरकार से मांग की है कि क्रांतिकारी शालू सैनी जी को सम्मानित किया जाए और उन्हें इस कार्य हेतु सभी संसाधन मुहैया कराए जाएं।