प्राचार्या को मिला अंतरराष्ट्रीय आउटस्टैंडिंग अवार्ड, Pharma Sector में डिजिटल युग के नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित
देश और विदेश के फार्मा क्षेत्र (Pharma Sector) में अद्वितीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए आयोजित “इंटरनेशनल कांफ्रेंस – फार्माटेक 2024” में, मुजफ्फरनगर की प्रतिष्ठित संस्था श्री राम कॉलेज ऑफ फार्मेसी की प्राचार्या डॉ. आकांक्षा निर्वाल को उनके उत्कृष्ट सामाजिक और शैक्षणिक कार्यों के लिए “आउटस्टैंडिंग अवार्ड” से सम्मानित किया गया।
यह भव्य आयोजन बिजनौर के आरवी इंस्टीट्यूट में फार्मास्यूटिकल एजुकेशन सोसाइटी (पेसोट) के तत्वावधान में हुआ। कार्यक्रम का मुख्य विषय था – “फार्मास्यूटिकल्स में डिजिटल परिवर्तन: एक नया युग।” इसमें देश-विदेश के फार्मा विशेषज्ञ, शोधकर्ता, और शिक्षाविदों ने शिरकत की।
कार्यक्रम की मुख्य झलकियां
मुख्य अतिथियों की उपस्थिति:
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. विभु साहनी (चेयरमैन, फाइनेंस कमेटी, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया) ने कहा कि डिजिटल परिवर्तन से फार्मास्यूटिकल क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकता है।
विशिष्ट अतिथियों में रंजीत सिंह (वाइस चांसलर, शोभित यूनिवर्सिटी, मेरठ), सतीश शर्मा (प्रो वाइस चांसलर, ग्लोबल यूनिवर्सिटी, सहारनपुर), और भावना श्रीवास्तव (रिसर्चर, आयुष मंत्रालय, दिल्ली) शामिल थे।
डॉ. आकांक्षा निर्वाल की उपलब्धियां
इस अवसर पर, डॉ. आकांक्षा निर्वाल के योगदान को विस्तार से प्रस्तुत किया गया। उन्होंने समाज में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूकता फैलाने और फार्मेसी क्षेत्र में उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित किए।
उनकी अगुवाई में श्री राम कॉलेज ने कई स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम चलाए, जिससे हजारों लोग लाभान्वित हुए।
डॉ. आकांक्षा को इस कार्यक्रम में प्रशस्ति पत्र, शॉल, और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
पेसोट के योगदान पर एक नजर:
फार्मास्यूटिकल एजुकेशन सोसाइटी हर वर्ष ऐसी अंतरराष्ट्रीय फार्मा क्षेत्र (Pharma Sector) कांफ्रेंस का आयोजन करती है, जिसमें फार्मा और सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया जाता है।
हजारों छात्रों और विशेषज्ञों ने की भागीदारी
इस इंटरनेशनल कांफ्रेंस में, देश-विदेश से आए लगभग 1,000 से अधिक छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया।
प्रमुख वक्ताओं में शामिल थे:
- डॉ. जीतू गांगुली (फोर्ट्रिया, अमेरिका)
- डॉ. वी. कालसेवेन (प्रधान वैज्ञानिक अधिकारी, भारतीय फार्माकोपिया आयोग, गाजियाबाद)
- प्रो. डॉ. हर्ष दुरेज (डीन, महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, हरियाणा)
इन वक्ताओं ने फार्मा क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन, नवाचार, और अनुसंधान के महत्व पर प्रकाश डाला।
श्री राम कॉलेज के लिए गर्व का क्षण
श्री राम ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन डॉ. एससी कुलश्रेष्ठ ने डॉ. आकांक्षा निर्वाल को इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने कहा कि उनकी मेहनत और समर्पण ने न केवल संस्थान बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है।
कॉलेज के शिक्षकों – रोहित मलिक, सागर, आंचल, सौरभ, शालू चौहान, तरन्नुम फातिमा, आर्यन शर्मा, अमित राठौर आदि ने भी इस अवसर पर उन्हें बधाई दी।
फार्मा क्षेत्र में डिजिटल क्रांति की शुरुआत
फार्मास्यूटिकल्स में डिजिटल परिवर्तन का महत्व इस कार्यक्रम का मुख्य केंद्र था। विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे नई तकनीकों, जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, और रोबोटिक्स, का उपयोग फार्मा उत्पादन और अनुसंधान में क्रांति ला सकता है।
डॉ. आकांक्षा निर्वाल ने भी अपने संबोधन में कहा कि डिजिटल परिवर्तन का सही उपयोग फार्मा क्षेत्र को सुलभ और अधिक कुशल बना सकता है।
आगे की योजनाएं
पेसोट ने घोषणा की कि अगले वर्ष की कांफ्रेंस में फार्मास्यूटिकल्स में “ग्रीन इनोवेशन और स्थिरता” पर चर्चा होगी।डॉ. आकांक्षा ने भी इस विषय पर शोध और योगदान देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
“यह सम्मान मेरे लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए है। मैं इसे एक नई जिम्मेदारी के रूप में देखती हूं और भविष्य में और बेहतर काम करने की कोशिश करूंगी,” डॉ. आकांक्षा ने कार्यक्रम के अंत में यह बात कही।
यह कार्यक्रम न केवल फार्मा क्षेत्र में डिजिटल युग की शुरुआत का प्रतीक बना, बल्कि समाज और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने वालों को प्रोत्साहित करने का एक सफल प्रयास भी रहा।