Muzaffarnagar हादसे का सच! तेज रफ्तार ट्रेन ने निगल ली ज़िंदगी, रोहाना में दहशत, शव की पहचान बनी पहेली!
Muzaffarnagar जिले में दर्दनाक ट्रेन हादसे ने इलाके में सनसनी फैला दी है। शहर कोतवाली क्षेत्र की रोहाना चौकी के पास एक अज्ञात व्यक्ति की ट्रेन से कटकर मौत हो गई। यह हादसा रविवार की सुबह तब हुआ जब लोग अपने रोज़मर्रा के काम में व्यस्त थे और रेलवे ट्रैक के पास किसी अनहोनी की कोई आशंका तक नहीं थी। तेज रफ्तार से आ रही ट्रेन अचानक उस व्यक्ति को अपनी चपेट में ले गई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
📍 घटनास्थल पर मचा कोहराम, जुटी भीड़
हादसे की खबर आग की तरह फैल गई। स्थानीय ग्रामीण और राहगीर घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। देखते ही देखते रेलवे ट्रैक के पास भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। शव की हालत इतनी गंभीर थी कि पहचान करना मुश्किल हो रहा था। मौके पर पहुंचे लोगों की आंखों में हैरानी और डर साफ दिखाई दे रहा था।
🚔 मौके पर पहुंची पुलिस, GRP को सौंपी जिम्मेदारी
ग्रामीणों ने बिना देर किए रोहाना चौकी पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची, लेकिन चूंकि हादसा रेलवे ट्रैक पर हुआ था, इसलिए क्षेत्राधिकार जीआरपी थाना का होने के कारण स्थानीय पुलिस ने तुरंत जीआरपी थाना पुलिस को अवगत कराया। कुछ ही देर में जीआरपी की टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई और अपनी कार्यवाही शुरू की।
पुलिस ने सबसे पहले शव को घेरकर भीड़ को नियंत्रित किया और आसपास के लोगों से मृतक की पहचान के संबंध में जानकारी जुटाने की कोशिश की। लेकिन वहां मौजूद किसी भी व्यक्ति ने शव को पहचानने से इनकार कर दिया।
🧩 पहचान बनी चुनौती, पुलिस जुटी सुराग़ों की तलाश में
घटनास्थल पर जीआरपी पुलिस ने पंचनामा भरने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए मुजफ्फरनगर की मोर्चरी भेज दिया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मृतक के शरीर पर किसी प्रकार का पहचान पत्र या दस्तावेज़ नहीं मिला है जिससे उसकी पहचान हो सके। हुलिए के आधार पर आसपास के गांवों और कॉलोनियों में पूछताछ की जा रही है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि मृतक की उम्र लगभग 35 से 40 वर्ष के बीच की हो सकती है। उसके कपड़े सादे और मामूली थे, जिससे अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि वह संभवतः कोई प्रवासी मजदूर हो सकता है जो आसपास के किसी गांव में काम की तलाश में आया हो।
📸 घटनास्थल की तस्वीरों ने उड़ा दिए होश
घटनास्थल से ली गई तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि ट्रेन की टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि शव के कई हिस्सों में गहरे घाव हो गए। पुलिस ने मीडिया को तस्वीरें साझा नहीं की हैं, लेकिन मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि यह दृश्य बेहद भयावह था।
🚨 सुरक्षा पर उठे सवाल, रेलवे प्रशासन पर सवालिया निशान
इस हादसे ने एक बार फिर रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि रोहाना के पास रेलवे ट्रैक पर कोई उचित क्रॉसिंग नहीं है, न ही कोई फाटक या चेतावनी संकेत मौजूद है। अक्सर लोग जान जोखिम में डालकर पटरियां पार करते हैं, जिससे हादसों की आशंका बनी रहती है।
पिछले कुछ महीनों में इस इलाके में यह तीसरा ऐसा मामला है जब कोई व्यक्ति ट्रेन की चपेट में आकर अपनी जान गंवा बैठा हो। इसके बावजूद रेलवे प्रशासन और स्थानीय अधिकारी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।
🧵 ग्रामीणों की मांग- हो उचित समाधान
स्थानीय निवासियों और ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ट्रैक के पास एक सुरक्षित फाटक बनाया जाए, वहां चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और रेलवे गार्ड की नियुक्ति की जाए, ताकि ऐसी दुर्घटनाएं दोबारा ना हों।
कुछ लोगों ने यह भी कहा कि अगर घटनास्थल पर कोई गार्ड मौजूद होता या क्रॉसिंग बन चुकी होती तो शायद एक बेकसूर की जान ना जाती।
🧍♂️ लावारिस लाश ने बढ़ाई मुश्किलें
शव की पहचान नहीं होने से पुलिस के सामने कई तरह की चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। एक ओर जहां पोस्टमार्टम के बाद शव को संरक्षित रखने की जरूरत है, वहीं दूसरी ओर मृतक के परिजनों तक सूचना पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक (रेलवे) का कहना है कि आस-पास के थानों और चौकियों में गुमशुदगी दर्ज मामलों को खंगाला जा रहा है। साथ ही सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप्स की मदद से शव की तस्वीर साझा कर परिजनों की तलाश की जा रही है।
🗣️ बयान: “हम लगातार प्रयास कर रहे हैं” – GRP अधिकारी
थाना जीआरपी के प्रभारी निरीक्षक ने जानकारी दी, “हम मृतक की पहचान के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। किसी भी तरह की मदद या सूचना मिलने पर हम त्वरित कार्रवाई करेंगे। हमने आस-पास के रेलवे स्टेशनों और गांवों में इस बारे में जानकारी दी है।”
📞 पुलिस ने की अपील
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति पिछले 24 घंटे से लापता है, या किसी जान-पहचान वाले का कोई पता नहीं है, तो वह तुरंत थाना जीआरपी या नज़दीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करें। मृतक के चेहरे व हुलिए का विवरण थानों को भेज दिया गया है।
📌 इंतज़ार है उस पहचान का…
यह खबर केवल एक हादसे की नहीं है, यह एक इंसान की अनसुनी कहानी भी हो सकती है। किसी घर का चिराग, किसी माँ का बेटा, किसी बहन का भाई, इस समय मोर्चरी में लावारिस पड़ा है। रोहाना जैसे शांत गांव की धरती पर हुई यह दुर्घटना हर किसी के लिए एक चेतावनी है कि रेलवे ट्रैक केवल रास्ता नहीं, बल्कि ज़िंदगी और मौत के बीच की एक बारीक सी लकीर भी है।
अभी पुलिस की जांच जारी है, और उम्मीद है कि जल्द ही मृतक की पहचान हो सकेगी और उसके परिजनों तक यह दुखद सूचना पहुंचाई जाएगी। तब तक यह सवाल सभी के सामने खड़ा है—कब तक ऐसे हादसे यूँ ही होते रहेंगे?