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Muzaffarnagar “वनस्थली इंटरनेशनल स्कूल में धमाल! भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के टॉपर्स का सम्मान, जानें कौन बना पहला स्थान विजेता” 🔥📢

Muzaffarnagar जिले के खतौली क्षेत्र में स्थित वनस्थली इंटरनेशनल स्कूल, पुरबालियान में छात्र अलंकरण समारोह बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस खास मौके पर विद्यालय के माननीय चेयरमैन विपिन राणा, निदेशक सुधीर कुमार और संजीव कुमार, तथा विद्यालय की प्रधानाचार्या रेनू शर्मा ने मिलकर मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

विद्यालय में आयोजित भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा (19 अक्टूबर 2024) के परिणाम घोषित किए गए, जिसमें छात्रों ने शानदार प्रदर्शन कर सभी को गर्व महसूस कराया। इस परीक्षा में कक्षा 5वीं से 10वीं तक के लगभग 200 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया, और उनमें से कुछ ने टॉप रैंक हासिल कर विद्यालय का नाम रोशन किया।

🏆 कौन-कौन बना टॉप स्कोरर? जानें किसने मारी बाजी!

📌 कक्षा 5: यशराज ने पहला स्थान प्राप्त किया।
📌 कक्षा 6: मानवी बालियान ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सभी को चौंका दिया।
📌 कक्षा 7: अखिल कुमार ने बाजी मारते हुए प्रथम स्थान हासिल किया।
📌 कक्षा 9: वंशिका बालियान ने शानदार अंकों के साथ टॉप किया।
📌 कक्षा 10: वंश त्यागी ने बेहतरीन प्रदर्शन कर विद्यालय का मान बढ़ाया।

इन सभी छात्रों को विद्यालय प्रबंधन द्वारा गोल्ड मेडल और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। चेयरमैन विपिन राणा, सुधीर कुमार और संजीव कुमार ने टॉपर्स को बधाई दी और उन्हें भविष्य में और भी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।


🎓 भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा: शिक्षा और संस्कार का संगम

भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का मुख्य उद्देश्य छात्रों में संस्कृति, परंपरा, नैतिकता और देश के गौरवशाली इतिहास के प्रति जागरूकता फैलाना है। इस परीक्षा में रामायण, महाभारत, उपनिषद, भारतीय इतिहास, योग, आयुर्वेद, और वेदों से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।

इस परीक्षा को देने से छात्रों में भारत की गौरवशाली संस्कृति और मूल्यों को समझने की रुचि बढ़ती है। विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि आज की युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति और सभ्यता की गहराई को समझने की जरूरत है, और ऐसी परीक्षाएं उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करने में मदद करती हैं।


🔥 वनस्थली इंटरनेशनल स्कूल का शानदार इतिहास 🔥

वनस्थली इंटरनेशनल स्कूल, पुरबालियान मुजफ्फरनगर में शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना चुका है। यहां छात्रों को न केवल शिक्षा में श्रेष्ठता की ओर प्रेरित किया जाता है, बल्कि संस्कार, अनुशासन और नेतृत्व कौशल भी सिखाए जाते हैं।

विद्यालय का मिशन छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा देने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जोड़कर रखना है। विद्यालय की प्रधानाचार्या रेनू शर्मा ने इस परीक्षा की सराहना करते हुए कहा:

“हमारा मुख्य उद्देश्य छात्रों को सिर्फ किताबी ज्ञान देना नहीं, बल्कि उन्हें अपनी जड़ों से जोड़कर रखना है। भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा एक बेहतरीन माध्यम है जिससे छात्र अपने अतीत को जान सकें और भविष्य के लिए प्रेरित हों।”


🏅 छात्रों को मिला सम्मान, माता-पिता भी हुए गौरवान्वित

इस सम्मान समारोह में छात्रों के माता-पिता भी शामिल हुए, जिन्होंने विद्यालय की पहल की सराहना की। कई अभिभावकों ने कहा कि उन्हें अपने बच्चों की सफलता पर गर्व है और वे चाहते हैं कि ऐसे आयोजन हर साल हों ताकि छात्र नए विषयों को सीखने के लिए प्रेरित हों।

मुख्य अतिथि विपिन राणा जी ने कहा:
“छात्रों की मेहनत और लगन ही उन्हें आगे ले जाती है। इस तरह की परीक्षाएं उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने का काम करती हैं। हमें गर्व है कि हमारे विद्यालय के छात्र-छात्राएं हमेशा हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।”

निदेशक सुधीर कुमार और संजीव कुमार ने भी छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि विद्यालय हमेशा छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत रहेगा।


📣 भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में भाग लेने के लिए छात्रों को ये टिप्स अपनाने चाहिए!

यदि आप भी अगले साल इस परीक्षा में भाग लेना चाहते हैं तो इन बातों का ध्यान रखें:

संस्कृति और इतिहास की किताबें पढ़ें – रामायण, महाभारत, उपनिषद, वेदों से जुड़ी पुस्तकें पढ़ें।
करेंट अफेयर्स पर नजर रखें – भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जुड़े महत्वपूर्ण घटनाक्रमों की जानकारी लें।
ध्यान और योग का अभ्यास करें – मानसिक शांति और याददाश्त बढ़ाने के लिए नियमित योग करें।
मॉक टेस्ट दें – परीक्षा के पैटर्न को समझने के लिए प्रैक्टिस करें।
समूह अध्ययन करें – दोस्तों के साथ मिलकर पढ़ें ताकि चीजें जल्दी समझ में आएं।


🔥 निष्कर्ष: यह सिर्फ परीक्षा नहीं, बल्कि एक नया अनुभव!

वनस्थली इंटरनेशनल स्कूल, पुरबालियान में आयोजित यह परीक्षा केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि छात्रों के लिए एक नया अनुभव था। इससे छात्रों में संस्कार, अनुशासन और आत्मविश्वास का विकास होता है।

विद्यालय प्रशासन ने भविष्य में भी इसी तरह के आयोजन करने का आश्वासन दिया है ताकि छात्र न केवल अकादमिक रूप से बल्कि संस्कृतिक रूप से भी सशक्त बनें

जो छात्र इस साल इस परीक्षा में टॉप नहीं कर पाए, उन्हें अगले साल के लिए अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए ताकि वे भी अपने नाम को टॉप लिस्ट में शामिल कर सकें!

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