चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले हफ्ते भारत में
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले हफ्ते भारत आने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक बैठक के लिए शुक्रवार को जिनपिंग चेन्नई पहुंचेंगे। दोनों वैश्विक नेता चार अलग-अलग बैठकें करेंगे जिसकी समयावधि पांच घंटे या 315 मिनट तक होगी। दोनों नेता समुद्र किनारे बने रिसॉर्ट में रहेंगे जहां से बंगाल की खाड़ी का नजारा दिखता है।
Met President Xi Jinping. We spoke about India-China relations and how to further improve ties. pic.twitter.com/67aPIi6GFF
— Narendra Modi (@narendramodi) June 9, 2017
जिनपिंग 24 घंटों के चेन्नई और उसके आस-पास बिताएंगे। वह शुक्रवार को डेढ़ बजे चेन्नई पहुंचेंगे और अगले दिन लगभग इसी समय अपने देश वापस चले जाएंगे। दोनों नेता महाबलिपुरम के तीन प्रसिद्ध स्मारकों और एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। जिसमें एक घंटे का समय लगेगा। कुल मिलाकर मोदी और जिनपिंग लगभग सात घंटे एकसाथ रहेंगे।
दोनों नेताओं की बैठक से पहले चीन ने अरुणाचल प्रदेश में स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा के नजदीक हो रहे सैन्य अभ्यास को लेकर आपत्ति जाहिर की है। जिसके कारण जिनपिंग की भारत यात्रा की तिथि को लेकर घोषणा नहीं हुई है। हालांकि माना जा रहा है कि चीन के राष्ट्रपति शुक्रवार को भारत पहुंच जाएंगे।
जानकारी के अनुसार दोनों नेता शुक्रवार शाम को पांच बजे अपनी अनौपचारिक बैठक की शुरुआत करेंगे। दोनों एक घंटे लंबे टूर में तीन स्मारकों- अर्जुन की तपस्या स्थली, पंच रथ और मल्लपुरम के शोर मंदिर की यात्रा करेंगे। इसके अलावा दोनों नेता शोर मंदिर पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे।
माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एनएसी) को स्थिर रखने और व्यापार संबंध चर्चा के केंद्र बिंदु हो सकते हैं। बैठक में सीमा विवाद समाधान के अगले चरण की योजना बनाने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए चीन को अधिक भारतीय उत्पादों का निर्यात करने के उपायों पर चर्चा हो सकती है।
इसके अलावा बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार गलियारे की प्रगति पर भी ध्यान दिया जाएगा क्योंकि यह बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव से बाहर है। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शी जिनपिंग को इस बात का आश्वासन देंगे कि अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र प्रशासित प्रदेश में तब्दील करने से वास्तविक नियंत्रण रेखा प्रभावित नहीं होगी।