The Triumph of Justice: महाड़ सत्याग्रह और बाबासाहेब Bhimrao Ramji Ambedkar’s Legacy
20 मार्च 1927 वह एतिहासिक दिन है जब बाबा साहेब आम्बेडकर (Bhimrao Ramji Ambedkar) ने हज़ारों दलितोँ को साथ लेकर सत्यग्रह किया। इस आंदोलन का पूरा स्वरूप अहिंसात्मक था। निश्चित समय पर बाबा साहब आम्बेडकर चौदार तालाब पर पहुंचे अपनी अंजुली से इस तालाब का ज़ायकेदार जल ग्रहण किया। (चौदार यानी स्वादिष्ट) इस तरह बाबा साहब के साथ सैकड़ों दलित समाज ने भी सैकड़ों वर्षों की गुलामी की बेड़ियों को तोड़कर तालाब का चौदार यानी मीठा जल ग्रहण किया।
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