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पश्चिमी उत्तर प्रदेश अलग राज्य की मांग: सरकार को ज्ञापन प्रेषित किये

मुजफ्फरनगर। डाक्टर सतेन्द्र सिंह प्रदेश अध्यक्ष उत्तम प्रदेश निर्माण संगठन ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश अलग राज्य की माग को लेकर उत्तम प्रदेश निर्माण संगठन की ओर से प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर सतेन्द्र सिंह के निर्देशन मे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के २१ जनपदो में जिलाधिकारीकारी/तहसील मे उपजिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमन्त्री भारत सरकार को ज्ञापन प्रेषित किये गये।

मुजफ्फरनगर मे प्रदेश सचिव संजीव मलिक द्वारा अमित कुमार अपर जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर को ज्ञापन दिया गया । छोटे प्रदेश मे पर्यावरण भी शुद्ध रहता ह

पर्यावण संतुलन के ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाएं का संदेश देने के उद्देश्य से पारिजात( हारश्रंगार)का पौधा अमित कुमारअपर जिलाधिकारी को भेंट किया। इस अवसर सचिन शर्मा नगर महासचिव मुजफ्फरनगर यूथ विंग, इमरान राव जिला प्रभारी यूथ विंग आदि. मौजूद रहे।

ज्ञापन मे प्रधान मन्त्री जी मांग की गई की आबादी तथा क्षेत्रफल के हिसाब से उत्तर प्रदेश कितना बड़ा राज्य है कि २५ करोड़ से ज्यादा जनसंख्या के साथ दुनिया के ५वें सबसे बड़े देश के समकक्ष है जिसमें ७५ जिले ८२२ ब्लॉक और ५२००० ग्राम पंचायत है

इसके चलते आजादी के ७१ साल बाद भी कानून व्यवस्था से लेकर शिक्षा खेल स्वास्थ्य रोजगार और विकास के हर पैमाने पर उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में बहुत ज्यादा पिछड़ा हुआ है

प्रदेश की राजधानी लखनऊ पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों से ७०० किलोमीटर तक की दूरी पर है प्रदेश के सभी विभागों के मुख्यालय लखनऊ,कानपुर व इलाहाबाद में है जिसके चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है प्रदेश का उच्च न्यायालय इलाहाबाद भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से ८५० किलोमीटर तक की दूरी पर है

यहां के नागरिकों को मुकदमों की पैरवी के लिए हाई कोर्ट पहुंचने में धन एवं समय अधिक खर्च करना पड़ता है आखिर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ ही यह पक्षपात क्यों पश्चिमी उत्तर प्रदेश संसाधनों से भरपूर है और उत्तर प्रदेश की आय से ७० से ८० त्न तक की भागीदारी देता है पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक भी AIMS नहीं है उत्तर प्रदेश में ३० स्टेट यूनिवर्सिटी हैं जिसमें से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ करोड़ जनता के लिए मात्र ६ ही हैं सेंट्रल यूनिवर्सिटी भी ५ में से सिर्फ एक ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है

उत्तर प्रदेश के ३० मेडिकल कॉलेजों में से सिर्फ पांच ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है हर क्षेत्र में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हालत बहुत खराब हो चुकी है और यह बीमा राज्यों में शामिल है

इसके अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश की संस्कृति बोली व रहन-सहन भी बाकी उत्तर प्रदेश से अत्यंत भिन्न है पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने के लिए १९५३ में चौधरी चरण सिंह जी समेत ९७ विधायकों ने राज्य पुनर्गठन आयोग के समक्ष प्रतिवेदन दिया था १९५५ में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भी यूपी के बंटवारे की वकालत कर चुके हैं।

News Desk

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