आखिर पुलिस और डॉक्टरों पर हमलो का दोषी कौन है?
आज कल जो पुलिस और डॉक्टरों पर हिंसक घटनाएं सामने आ रही है|जो लोग अपने घर परिवारों को छोड़ कर अपनी जान की परवाह ना करते हुए देश सेवा में लगे है,उन पर हमले लगातार जारी है|
उसमे अशिक्षा , जहालत ,और धर्मअंधता के साथ साथ मीडिया का वो वर्ग भी दोषी है|जो प्राइम टाइम पर एक अरसे से डर बेच रहा है|जिसने अविश्वास की भावना लोगो मे इतना भर दी है|के लोग ना देश पर विश्वास रख रहे है.. ना सरकार पर ना समाज पर|इसका उदाहरण हमने नागरिकता कानून के समय देखा।
जिस कानून का इस देश के नागरिकों से कुछ लेना देना नही..महीनों तक विरोध प्रदर्शन चले..डिटेंशन सेंटर, आपातकाल जैसे शब्दों बार बार प्रयोग कर लोगो के दिलो दिमाग मे अविश्वास बैठा दिया गया|
अब आप देखिए, हालात ये हो चुके है| लोग पुलिस और डॉक्टर जो उनकी जान बचाने उनके पास जा रहे है.. अफवाह ऐसी फैलाई जा रही है.. के सरकार लोगो को उठा कर ले जाएगी..और उनको कोरोना का इंजेक्शन लगा देगी|
फलस्वरूप बहुत से लोग सहयोग नही कर रहे है..बीमार होते हुए भी सामने नही आ रहे है,निजामुद्दीन मर्कज से जुड़े सैकड़ो लोग आज तक गायब है,वो।सामने नही आना चाहते|
पर जरा उन लोगो को उनकी बातें भी सुननी चाहिए|जो लोग सरकार के पास इलाज के लिए गए..उनका कितने अच्छे से ख्याल रखा गया|सभी लोगो की सेवा की गई|उनके धर्म और जाति नही देखे गए|
देश सबका है..कृपया ये सोच बंद करे|और ऐसे लोगो का बहिष्कार करे|जो समाज में नकारात्मकता फैला रहे है|
मीडिया के दोनों ही पक्षों में ऐसे लोग है उनका काम है पैसा कमाना| उनको बाकी किसी चीज़ से कुछ लेना देना नही है|उनकी बातों मे आकर अपना और देश का नुकसान ना करे|
सामाजिक मुद्दो पर अपनी राय बेबाकी से रखने वाले श्री निशान्त शर्मा (सम्पर्कः 7251978866) मूल रूप से मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं और एक स्वतन्त्र लेखक हैं। आज के परिपेक्ष्य में समाज को आईना दिखाती उनकी यह रचना सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि समाज का स्तर किस ओर जा रहा हैं और अपने निजी स्वार्थ के कारण एक तबका देश हित को कैसे नजरअंदाज करता हैं?