Muzaffarnagar News:अवैध होर्डिंग्स के गोरखधंधे को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता सुमित मलिक ने की शिकायत
Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर। जनपद में शहर की सड़कों से लेकर गांव देहात और हाईवे तक अवैध होर्डिंग्स और इलेक्ट्रिक स्क्रीन को गोरखधंधे को लेकर आज आरटीआई कार्यकर्ता सुमित मलिक ने करोड़ों रुपये की बंदरबांट करने के आरोप लगाते हुए कहा कि इसको लेकर नगरपालिका या नगर पंचायत के साथ ही विभागीय अधिकारी गंभीर नहीं है और सभी की मिलीभगत से अवैध होर्डिंग्स का धंधा बादस्तूर चलाया जा रहा है।
सुमित मलिक द्वारा मंगलवार को एडीएम प्रशासन अमित सिंह को अवैध होर्डिंग्स को लेकर एक शिकायती पत्र दिया। इसमें सुमित ने बताया कि जनपद में नेशनल हाईवे, मुख्य मार्गाे, गांव देहात की सड़कों से लेकर शहर और कस्बे में होर्डिंग्स के अंबार लगे हैं। संबंधित विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते इसमें अधिकांश अवैध होर्डिंग्स की भरमार है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि हाईवे और सड़कों पर होर्डिंग्स, पोस्टर और यूनीपोल नहीं लगाए जाएंगे, इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करा पा रहा है। उन्होंने कहा कि इन होर्डिंग्स से जहां हादसों की आकांक्षा बनी रहती है, वहीं नगरीय निकाय, जिला पंचायत, एमडीए, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी भी कार्यवाही करने के बजाये कुंभकर्णी नींद सोये रहते हैं। किसी भी प्रचार के लिए एडवर्टाइज एजेंसी का पंजीकरण होना जरूरी है।
शहर और देहात क्षेत्र में नगर पालिका व नगर पंचायत विज्ञापन एजेंसी को अपने यहां पंजीकृत कर लाइसेंस देती हैं। मुख्य मार्गाे पर पीडब्ल्यूडी, गांव-देहात के संपर्क मार्गाे पर जिला पंचायत तथा नेशनल हाईवे पर एमडीए की ओर से विज्ञापन बोर्ड लगाने की अनुमति देने की व्यवस्था है।
नगर निकाय अपने क्षेत्र में अवैध होर्डिंग्स पर कार्यवाही कर सकती है, लेकिन यहां सब कुछ उल्टा है। इसके चलते एजेंसी संचालक स्वीकृत स्थानों से ज्यादा स्थानों पर होर्डिंग्स लगाते हैं, जोकि अवैध हैं। यही इस गोरखधंधे का मुख्य बिन्दू है। सुमित मलिक ने शहर के साथ ही जनपद के अन्य स्थानों पर अवैध रूप से चल रही इलेक्ट्रिानिक स्क्रीन को लेकर भी सवाल उठाये हैं।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के स्तर पर जनपद में अवैध होर्डिंग्स के मामले में जांच होनी चाहिए, जो जिस क्षेत्र में लगा है गंभीरता से जांच करें। उन्होंने कहा कि महावीर चौक और झांसी रानी चौक पर दो इलेक्ट्रिक यूनीपोल लगे हुए हैं, जो काफी लंबे समय से चर्चा का विषय बने हैं और यह अवैध रूप से चल रहे हैं, शिकायत के बाद भी कोई सुनने वाला नहीं है।