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Muzaffarnagar News: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा ने मांगे पूरी न होने पर दिया भारत बंद की घोषणा

मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar News) राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा ने एक ज्ञापन जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम सौंपा। जिसमें उन्होंने मांग की कि जाति आधारित जनगणना कराने, किसान विरोधी बने तीन काले कृषि कानून वापस लेने ईवीएम के साथ लगे पेपर ट्रेल मशीन से निकलने वाली पर्चियोंं का १००प्रतिशत मिलान करने या फिर बैलेट पेपर से चुनाव कराने हेतु एवं अन्य हम लोग निम्न मांग करते हैं।

केंद्र सरकार द्वारा ओबीसी की जाति आधारित जनगणना न करने के विरोध में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। इसके प्रधानमंत्री एक ओबीसी है। ओबीसी के प्रधानमंत्री ने ओबीसी की जाति आधारित गिनती नहीं होगी ऐसा हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दिया। नरेंद्र मोदी प्रतिदिन विकास की बात करते हैं। मगर विकास करने के लिए ओबीसी के आकड़े इकट्ठा करना जरूरी है। इसके बावजूद भी ओबीसी के आकड़े इकट्ठा नहीं किये जा रहे हैं।

यह ओबीसी को विकास से वंचित रखने का षडयंत्र है। एक ओबीसी का प्रधानमंत्री ओबीसी के विरोध में हलफनामा कैसे दाखिल कर सकता है? कही ऐसा तो नहीं आरएसएस वाले प्रधानमंत्री को रिमोट कंट्रोल से चला रहे हैं? इसलिए इसका विरोध करने के लिए भारत बंद कर रहे है। ईवीएम घोटाले के विरोध में 24 अप्रैल 2017 को हम लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम मशीन के साथ पेपर ट्रेल मशीन लगाने का केस जीता था।

उसके विरोध में नरेन्द्र मोदी की सरकार ने षड़यंत्र पूर्वक ईवीएम मशीन के साथ पेपर ट्रेल मशीन से निकलने वाले कागजी मत पत्रों का मिलान करने का केस गलत तरीके से जीता। इसलिए पेपर ट्रेल से निकलने वाले मतपत्रों से भी मुक्त, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव नहीं हो सकता है। रिकाउंटिंग हो सकता है. मगर ऐसा नहीं किया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के 8 अक्टूबर, 2013 के निर्णय के समर्थन और अप्रैल, 2019 के मात्र एक पोलिंग स्टेशन का मिलान करने के निर्णय के विरोध में भारत बंद कर रहे हैं। निजी क्षेत्रों में एससी, एसटी, ओबीसी को आरक्षण लागू किया जाये आरएसएस के समर्थन वाली मोदी की सरकार एससी, एसटी, ओबीसी के आरक्षण के विरोध में है। इसलिए ताबडतोड़ निजीकरण का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। निजीकरण से एससी, एसटी, ओबीसी का आरक्षण समाप्त हो रहा है।

बल्कि जानबूझकर समाप्त कर रहे है। इसलिए इसके विरोध और निजीकरण में आरक्षण की मांग के लिए भारत बंद किया जा रहा है। एमएसपी की गारंटी कानून बनाकर किसानों को दिया जाए। लम्बा संघर्ष करने के बाद किमान तीन काले कानून वापस लेने में कामयाब हो गये हैं। सरकार ने इसे वापस ले लिया है। मगर किसानों को क्या मिला कुछ नहीं मिला।

700 किसानों की जान चली गई यदि एमएसपी की गारंटी कानून बनाकर किसानों को दी जाती है तो किसानों की समस्या का समाधान हो जायेगा। इसके समर्थन में भारत बंद किया जा रहा है। असम ने यह सिद्ध कर दिया कि यह कानून 75 प्रतिशत एससी, एसटी, ओबीसी के विरोध में है 25 प्रतिशत मुसलमानों के विरोध में है।

इसके आधार पर उनकी जमीन जायाद पर कब्जा करने का षडयंत्र है। इसलिए इसके विरोध में भारत बंद किया जा रहा है। पुरानी पेंशन स्कीम बहाल किया जाये। जो कर्मचारी अपनी जिंदगी के 30-35 साल सरकार की सेवा करने में लगाते है उसको बुढ़ापे में सम्माननीय जीवन निर्वाह करने के लिए पेंशन दी जाती थी

उसे सरकार ने बंद कर दिया। इतना ही नहीं, सरकार ने जो पेंशन स्कीम बनाई उसकी गारंटी देने से भी मना कर दिया। इस पुरानी पेंशन के समर्थन में भारत बंद किया जा रहा है। उन्होंने 25 मई 2022 को भारत बंद की घोषणा की।

News Desk

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