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Muzaffarnagar मीरापुर उपचुनाव की तैयारी पूरी, सुरक्षा कड़ी, मतदान के दिन शांति बनाए रखने के लिए उठाए गए सख्त कदम

मुजफ्फरनगर: मीरापुर उपचुनाव में सुरक्षा व्यवस्था और मतदान प्रक्रिया को लेकर प्रशासन ने उठाए कड़े कदम, सील की गई सीमाएं! मीरापुर उपचुनाव (Mirapur By-Election) को शांतिपूर्वक और निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए हैं। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए मुजफ्फरनगर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया गया है। मेरठ, बिजनौर और हरिद्वार जनपद की सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या बाहरी तत्वों के हस्तक्षेप को रोका जा सके।

सुरक्षा व्यवस्था के तहत, एसएसपी अभिषेक सिंह (SSP Abhishek Singh) ने पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे किसी भी शरारती तत्व को बख्शें नहीं। चुनाव के दौरान किसी भी तरह की हिंसा या मतदाताओं को डराने की कोशिश को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एसएसपी ने पुलिस लाइन में आयोजित एक ब्रिफिंग के दौरान सभी अधिकारियों को चुनाव आयोग के नियमों और निर्देशों के बारे में विस्तार से बताया और मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष और शांति से संपन्न कराने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।

सख्त सुरक्षा प्रबंध: हर दिशा से मुस्तैदी से निगरानी

सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के 3000 से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही, सहारनपुर, शामली, बागपत, हापुड़, मेरठ और बुलंदशहर की पुलिस को भी अतिरिक्त ड्यूटी पर लगाया गया है। मीरापुर क्षेत्र में सुरक्षा की घेराबंदी को और भी मजबूत किया गया है, जहां पर छह एएसपी, आठ सीओ, 15 थाना प्रभारी, आठ कंपनियां अर्द्धसैनिक बल और तीन कंपनियां पीएसी के जवानों के साथ कानून-व्यवस्था बनाए रखने का काम करेंगे।

आसपास के जिलों की पुलिस और पीएसी की तैनाती के चलते यह साफ है कि प्रशासन ने किसी भी प्रकार की अनहोनी को टालने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मतदान केंद्रों के आसपास भीड़ न जुटने पाए और अगर कोई व्यक्ति मतदान प्रक्रिया में विघ्न डालने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

सीमा सील करने का बड़ा कदम: शरारती तत्वों पर कड़ी नजर

चुनाव से पहले, हरिद्वार, बिजनौर और मेरठ की सीमाओं को सील कर दिया गया है, जिससे बाहर से आने वाली किसी भी अवांछनीय गतिविधि को रोका जा सके। जिले के भीतर अंतरजनपदीय सीमा को लेकर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जानसठ के घटायन गंगनहर, मीरापुर के नंगला खेपड़, रामराज के गंगा बैराज और एसबीआई के पास स्थित सीमाओं पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। यह कदम चुनाव के दौरान किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को रोकने के लिए उठाए गए हैं। वहीं, अंतराज्यीय सीमा पर हरिद्वार से सटी मुजफ्फरनगर जनपद की सीमा को भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

मतदान केंद्रों की सुरक्षा: हर मतदान केंद्र पर कड़ी नजर

जिले को कुल छह जोन और 33 सेक्टरों में बांटा गया है, जहां सुरक्षा की जिम्मेदारी विशेष रूप से सौंपी गई है। कुल 151 मतदान केंद्र और 328 मतदान स्थल बनाए गए हैं। इन मतदान केंद्रों में से छह को विशेष रूप से संवेदनशील (वनरेबल) और 95 को क्रिटिकल (Critical) मतदान केंद्र के रूप में चिन्हित किया गया है। इन केंद्रों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन द्वारा विशेष निगरानी और सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है, ताकि किसी भी प्रकार के विवाद या गड़बड़ी को तुरंत रोका जा सके।

साथ ही, मतदान केंद्रों के आसपास भीड़ जमा होने की स्थिति में त्वरित कार्रवाई के लिए रिजर्व मोबाइल टीम और क्यूआरटी (QR Team) भी तैनात की गई हैं। चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा या अव्यवस्था से निपटने के लिए पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवान मौके पर पहुंचने के लिए तैयार रहेंगे।

मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए प्रशासन की मेहनत

एसएसपी अभिषेक सिंह ने यह भी कहा कि मतदान के दिन कोई भी व्यक्ति मोबाइल फोन के साथ मतदान केंद्र में प्रवेश नहीं कर पाएगा। किसी भी मतदाता को चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई व्यक्ति मतदाता के अधिकारों का उल्लंघन करता है या मतदान प्रक्रिया में रुकावट डालने की कोशिश करता है, तो प्रशासन उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।

इसके अलावा, एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत, एसपी देहात आदित्य बंसल सहित सभी पुलिस अधिकारियों और अर्द्धसैनिक बलों के अधिकारियों ने चुनाव की शांतिपूर्वक और निष्पक्ष प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। वे लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं और अपनी टीमों के साथ स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।

 मीरापुर उपचुनाव में कानून और व्यवस्था का कड़ा पालन

मीरापुर उपचुनाव में प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर जो कड़े कदम उठाए हैं, वे यह साबित करते हैं कि चुनाव को शांतिपूर्वक संपन्न कराना उनकी प्राथमिकता है। सीमाओं की सीलिंग, सुरक्षा बलों की तैनाती और मतदान केंद्रों की निगरानी यह दर्शाते हैं कि कोई भी असामाजिक तत्व इस चुनाव प्रक्रिया में खलल डालने का प्रयास नहीं करेगा। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांति पूर्ण तरीके से संपन्न हो।

यह उपचुनाव न केवल मीरापुर क्षेत्र के लिए, बल्कि समूचे राज्य के लिए एक परीक्षा का विषय है। प्रशासन के इन कड़े कदमों से यह साफ है कि चुनाव के दिन किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनता से भी अपील की गई है कि वे शांतिपूर्वक अपने मताधिकार का प्रयोग करें और किसी भी विवाद से बचने की कोशिश करें। चुनाव के सफल आयोजन के बाद प्रशासन ने यह उम्मीद जताई है कि मीरापुर उपचुनाव में किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नहीं होगी और यह एक आदर्श चुनाव बनकर सामने आएगा।

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