मैं लोगों के जज्बात लिखता हूँ…
वो लोगों की बस बात लिखते है,
मैं लोगों के जज्बात लिखता हूँ।
वो लिखते है सारे खुशियो के मंज़र,
मैं गमो की दी हुई सौगात लिखता हूँ।
वो लिखते है खुशनुमा आलम नगमो का,
मैं दिल पर नगमो के आघात लिखता हूँ।
वो लिखते है क़ुबूल हुई बस चंद दुआएं,
मैं अनसुनी लाखो फ़रयाद लिखता हूँ।
वो लिखते है मिलन के खूबसूरत पल,
मैं तन्हाई में गुजरी हुई रात लिखता हूँ।
वो लिखते है मोहब्बत की मुबारकबाद,
मैं उनकी जुदाई के हालात लिखता हूँ।
वो लिखते है आसानी से इश्क़ का मिटना,
मैं अश्को से पहली मुलाकात लिखता हूँ।
वो लिखते है एक दफा फिर दिल का लगाना,
मैं पहली मोहब्बत की ना मिटने वाली याद लिखता हूँ।
बस इतना सा ही फर्क है उनमे ओर मुझमे “दीप”,
वो जिसे मोहब्बत लिखते है, मैं बर्बाद लिखता हूँ।।।
रचनाकार:
इं0 दीपांशु सैनी (सहारनपुर, उत्तर प्रदेश) उभरते हुए कवि और लेखक हैं। जीवन के यथार्थ को परिलक्षित करती उनकी रचनाएँ अत्यन्त सराही जा रही हैं। (सम्पर्क: 7409570957)
For my dearest sir,
one of the most favourite
person of my life…….
…….. giving world’s best regards for happy life……